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माओवादियों के बंद का झारखंड में असर | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
माओवादियों ने तीन राज्यों बिहार, झारखंड और उड़ीसा में विशेष आर्थिक क्षेत्रों और सरकारों की आर्थिक नीतियों के विरोध में 48 घंटे की आर्थिक नाकेबंदी का आह्वान किया है. सोमवार की रात से शुरु हुई इस आर्थिक नाकेबंदी का झारखंड में व्यापक असर दिख रहा है. वहाँ हिंसा की कई घटनाओं के बाद 20 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और कई का मार्ग बदला गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हैं और बसें भी नहीं चल रही हैं. बिहार में भी रात को दो विस्फोटों की ख़बरें मिली हैं. तीनों राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं. झारखंड में असर सोमवार की रात बारह बजे इसकी शुरुआत करते हुए माओवादियों ने लातेहार के रिचुगुड़ा में बम विस्फोट करके रेलपटरी को उड़ा दिया. उन्होंने साथ में मालगाड़ी के एक इंजन और चार डिब्बों को भी उड़ा दिया. इस विस्फोट से ऊपर से जाने वाली बिजली के तार भी उड़ गए हैं और इस इलाक़े में बिजली ठप्प हो गई है. झारखंड के बीबीसी संवाददाता सलमान रावी के अनुसार माओवादियों ने ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड का अपहरण कर लिया है. इसके अलावा उन्होंने दुमका के अमरापाड़ा में एक कोयला ख़दान में छह ट्रकों को जला दिया और चार कर्मचारियों का अपहरण कर लिया. बाद में सुपरवाइज़र के अलावा बाक़ी तीन कर्मचारियों को छोड़ दिया गया है. माओवादियों ने पटरी पर आकर रात हावड़ा जोधपुर एक्सप्रेस को रोक लिया. इससे यात्री बेहद घबरा गए थे. लेकिन इसे कोई नुक़सान नहीं पहुँचाया गया है. धनबाद मंडल के रेल प्रबंधक अजय शुक्ला ने बीबीसी को बताया, "इन घटनाओं के बाद रेल प्रशासन ने 20 ट्रेनों को रद्द कर दिया है और कई ट्रेनों के मार्ग बदल दिए गए हैं." बीबीसी संवाददाता के अनुसार माओवादियों की नाकेबंदी के चलते राँची-गढ़वा राष्ट्रीय राजमार्ग सहित सभी राजमार्गों पर यातायात बंद है. उनका कहना है कि बसें नहीं चल रही हैं. राँची के बस स्टैंड से बसों को रवाना नहीं किया गया है. उधर बिहार के संवाददाता मणिकांत ठाकुर ने ख़बर दी है कि आर्थिक नाकेबंदी की शुरुआत करते हुए माओवादियों ने मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले में रेल पटरी के किनारे दो विस्फोट किए हैं. उनका कहना है कि इससे किसी नुक़सान की ख़बरें नहीं हैं. सुरक्षा इंतज़ाम माओवादियों की आर्थिक नाकेबंदी को ध्यान में रखते हुए बिहार, झारखंड और उड़ीसा के आला पुलिस अधिकारियों की एक बैठक सोमवार को पटना में हुई थी. इसमें सुरक्षा इंतज़ाम को लेकर व्यापक चर्चा हुई. इसके बाद झारखंड में जगह-जगह सुरक्षा-बलों को तैनात किया गया है. तीनों राज्यों के अधिकारियों ने फ़ैसला किया है कि नक्सलियों का पीछा करते हुए एक राज्य की पुलिस को दूसरे राज्य की सीमा लाँघने की अनुमति दी जाएगी और इसको लेकर अधिकार क्षेत्र का सवाल नहीं उठाया जाएगा. बीबीसी संवाददाताओं का कहना है कि घने जंगलों और ग्रामीण इलाक़ों में सुरक्षा का पूरा इंतज़ाम करना सरकार के लिए संभव नहीं दिखता और वहाँ अभी भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं के बराबर है. | इससे जुड़ी ख़बरें छत्तीसगढ़ में पुलिस पर बड़ा हमला28 मई, 2007 | भारत और पड़ोस झारखंड में माओवादी हमला, छह मौतें07 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस छत्तीसगढ़ में शीर्ष नक्सली नेता ग़िरफ़्तार06 मई, 2007 | भारत और पड़ोस बारुदी सुरंग में विस्फोट, तीन की मौत26 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस माओवादियों के बंद से जनजीवन प्रभावित20 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस बारूदी सुरंग में विस्फोट, आठ की मौत01 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस बारूदी सुरंग फटने से सात सुरक्षाकर्मी मरे16 जनवरी, 2007 | भारत और पड़ोस माओवादियों का ट्रेन पर हमला10 दिसंबर, 2006 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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