BBCHindi.com
अँग्रेज़ी- दक्षिण एशिया
उर्दू
बंगाली
नेपाली
तमिल
 
 
मित्र को भेजें कहानी छापें
मैं स्वदेश लौट रही हूँ:हसीना
 
शेख़ हसीना
शेख़ हसीना बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख़ मुजीबुर्रहमान की बेटी हैं
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और आवामी लीग की नेता शेख़ हसीना ने फिर से कहा है कि उनकी स्वदेश वापसी पर रोक लगाए जाने के बावजूद वह रविवार को बांग्लादेश पहुँचने की कोशिश करेंगी.

लंदन में शनिवार को बीबीसी हिंदी सेवा के साथ ख़ास बातचीत में शेख़ हसीना ने कहा कि वह अमरीका से इसीलिए यहाँ आई हैं कि रविवार को बांग्लादेश के लिए रवाना हो सकें.

ग़ौरतलब है कि बांग्लादेश में सेना के समर्थन से चल रही अंतरिम सरकार ने गत बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की स्वदेश वापसी पर रोक लगा दी थी.

अंतरिम सरकार के इस फ़ैसले पर शेख़ हसीना ने कड़ा विरोध प्रकट किया था और कहा था, "मुझे स्वदेश लौटने से रोकना मेरे नागरिक अधिकारों का सरासर हनन है. मैं अपने देश लौटना चाहती हूँ, अपने देश की जनता के बीच लौटना चाहती हूँ."

शनिवार को बीबीसी के लंदन स्टूडियों में शेख़ हसीना ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए वह बांग्लादेश तो ज़रूर लौटेंगी. उन्होंने कहा कि ऐसा सुना है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कुछ हिदायतें दी हैं कि शेख़ हसीना अगर ढाका पहुँचें तो उन्हें विमान से उतरने ही नहीं दिया जाए.

यह पूछे जाने पर कि अगर ढाका पहुँचने पर भी आपको देश में दाख़िल होने की इजाज़त नहीं दी जाती है तो आप क्या करेंगी, शेख़ हसीना का कहना था कि यह तो तभी देखा जाएगा कि सरकार क्या करती है लेकिन वह वहाँ जाने की ज़रूर कोशिश करेंगी.

बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख़ मुजीबउर्रहमान की पुत्री शेख़ हसीना ने कहा कि यह उनका भी देश है और उन्हें देश में दाख़िल होने से कैसे रोका जा सकता है.

अंतरिम सरकार के बारे में शेख़ हसीना का कहना था कि देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आंदोलन चलाया गया था ताकि आम लोग निडर होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे जिसके बाद एक लोकतांत्रिक सरकार बन सकेगी.

शेख़ हसीना ने कहा कि उनकी पार्टी ने मौजूदा अंतरिम सरकार का समर्थन किया और इसीलिए लोगों की एक बड़ी संख्या ने भी इस सरकार को समर्थन दिया लेकिन अब इस सरकार ने ही उनके ख़िलाफ़ इस तरह के क़दम उठाए हैं.

शेख़ हसीना का कहना था, "मौजूदा अंतरिम सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 58-सी के तहत शपथ ग्रहण की जिसके तहत व्यवस्था है कि 90 दिन के भीतर चुनाव होने चाहिए लेकिन अंतरिम सरकार चुनाव नहीं करा रही है."

शेख़ हसीना ने कहा कि वह तो ख़ुद यह बात उठा रही थीं कि संविधान के तहत अंतरिम सरकार को 90 दिन के भीतर ही चुनाव कराने चाहिए तो उसी के बाद अंतरिम सरकार ने उनके ख़िलाफ़ हत्या का आरोप लगाते हुए मुक़दमा दर्ज करा दिया.

 
 
इससे जुड़ी ख़बरें
हसीना के बांग्लादेश लौटने पर रोक
18 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस
'देश लौटूँगी चाहे जान चली जाए'
18 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस
ख़ालिदा ज़िया का बेटा गिरफ़्तार
16 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस
शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ हत्या का आरोप
11 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस
ख़ालिदा ज़िया का बेटा गिरफ़्तार
08 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस
सुर्ख़ियो में
 
 
मित्र को भेजें कहानी छापें
 
  मौसम |हम कौन हैं | हमारा पता | गोपनीयता | मदद चाहिए
 
BBC Copyright Logo ^^ वापस ऊपर चलें
 
  पहला पन्ना | भारत और पड़ोस | खेल की दुनिया | मनोरंजन एक्सप्रेस | आपकी राय | कुछ और जानिए
 
  BBC News >> | BBC Sport >> | BBC Weather >> | BBC World Service >> | BBC Languages >>