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'देश लौटूँगी चाहे जान चली जाए' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीन का कहना है कि वे हर हाल में बांग्लादेश लौटना चाहती हैं. बीबीसी बांग्ला सेवा से अमरीका से बातचीत में उन्होंने कहा, मैं अपने देश लौटूँगी ज़रूर लौटूँगी, अपने देश के लोगों के बीच लौटूँगी, अपने देशवासियों से दूर रहना मेरे लिए संभव नहीं है, मैं जेल जाऊँ या मेरी जान जाए, मैं लौटूँगी ज़रूर." बांग्लादेश में सेना के समर्थन से चल रही अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की स्वदेश वापसी पर रोक लगा दी है. अंतरिम सरकार के इस फ़ैसले पर शेख़ हसीना ने कड़ा विरोध प्रकट किया है और कहा है, मुझे स्वदेश लौटने से रोकना मेरे नागरिक अधिकारों का सरासर हनन है. मैं अपने देश लौटना चाहती हूँ, अपने देश की जनता के बीच लौटना चाहती हूँ." बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख़ मुजीबउर्रहमान की पुत्री शेख़ हसीना ने कहा, "इस महीने के मध्य में मेरे ख़िलाफ़ हत्या का आरोप लगाया है तो क्या मैं इसके डर से देश से भाग जाऊँ. मुझे अपना पक्ष नहीं रखने देंगे, ये किस तरह की बात है." जब उनसे पूछा गया कि क्या वे गिरफ़्तारी के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने कहा, "मैं अपने देश की जनता के लिए जो भी कर सकती हूँ, सब करने के लिए तैयार हूँ. मेरे पिता ने इस देश के लिए अपनी जान दी, मुझे जान देना पड़े तो भी मुझे परवाह नहीं." अनुरोध उन्होंने कहा, "मैं सरकार से अनुरोध करूँगी कि वे मेरे स्वदेश लौटने में किसी तरह की बाधा न डालें, अगर उनके बाधा डालने से किसी तरह अव्यवस्था उत्पन्न होगी तो उसके लिए वे ही ज़िम्मेदार होंगे." भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं अपनी पार्टी और गठबंधन के साथी दलों का आह्वान करती हूँ कि वे इस बात पर दृढ़ रहें कि मुझे अपने देश लौटना है, मैं अपने देश न लौटूँ यह कैसे हो सकता है." वापसी की तारीख़ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं 23 अप्रैल को बांग्लादेश लौटूँगी मेरे भाग्य में जो होना होगा वो होगा." अंतरिम सरकार कह रही है कि उनकी जान को भी ख़तरा हो सकता है इसलिए स्वदेश न लौटना ही ठीक है, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "यह बात ठीक है कि हमले हो सकते हैं लेकिन मैं अपने देश की मिट्टी से दूर नहीं रह सकती, मैं कोई चोरी करके विदेश तो नहीं भागी हूँ." अपने अमरीका प्रवास के बारे में उन्होंने बताया, " मैं एक महीने के लिए अमरीका आई थी क्योंकि मेरी बहू ने बच्चे के जन्म दिया है, उसकी सहायता के लिए मैं अमरीका आई थी, मेरी बेटी गर्भवती है और जुलाई में जब बच्चा होगा तो मैं फिर अमरीका आना चाहती हूँ, उससे मिलने के लिए." उन्होंने कहा, "मैं अपने देशवासियों से और अपने बच्चों से मिलने के लिए आती-जाती हूँ तो उसमें कोई रोकटोक क्यों हो, अगर मैंने कोई अपराध किया है तो उस पर मेरे देश की धरती पर विचार हो, कार्रवाई हो, मुझे आने से कैसे रोका जा सकता है." | इससे जुड़ी ख़बरें ख़ालिदा ज़िया का बेटा गिरफ़्तार16 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस बांग्लादेश में पूर्व मंत्री गिरफ़्तार13 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ हत्या का आरोप11 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस 'बांग्लादेश में 18 महीनों तक चुनाव नहीं'05 अप्रैल, 2007 | भारत और पड़ोस बांग्लादेश में छह चरमपंथियों को फाँसी30 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस ख़ालिदा ज़िया का बेटा गिरफ़्तार08 मार्च, 2007 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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