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मध्यस्थ जाएँगे तमिल विद्रोहियों के पास | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
श्रीलंका में शांति वार्ता के मध्यस्थ सोमवार को तमिल विद्रोहियों के इलाक़े में जाकर उनसे मिलेंगे और हिंसा छोड़ने के अपने वादे पर अमल करने को कहेंगे. यूरोपीय संघ, जापान और नॉर्वे के कूटनयिकों ने तमिल विद्रोहियों के इलाक़े में ही जाकर उनसे बात करने का फ़ैसला किया है. ये कूटनयिक किलिनोच्ची में जाकर तमिल विद्रोहियों के संगठन तमिल टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (एलटीटीई) के अधिकारियों से चर्चा करने वाले हैं. संभावना है कि वे तमिल विद्रोहियों से फ़रवरी में शांतिवार्ता के दौरान किए गए उस वादे पर अमल करने करने को कहें जिसमें उन्होंने हिंसा छोड़ने की बात कही थी. शांति वार्ता में मध्यस्थता कर रहे इन कूटनयिकों ने पिछले हफ़्ते श्रीलंका सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात की थी. उन्होंने कहा है कि हाल के दिनों में जिस तरह से हिंसा में बढ़ोत्तरी हुई है उससे तीन साल से चले आ रहे युद्ध विराम ख़तरे में पड़ सकता है. उल्लेखनीय है कि श्रीलंका सरकार और तमिल विद्रोहियों के बीच शांति वार्ता का दूसरा दौर 19 अप्रैल से स्विट्ज़रलैंड में शुरु होना है. | इससे जुड़ी ख़बरें एलटीटीई पर जबरन वसूली का आरोप15 मार्च, 2006 | भारत और पड़ोस श्रीलंका सरकार और विद्रोहियों की वार्ता06 फ़रवरी, 2006 | भारत और पड़ोस श्रीलंका में तनाव कम करने की कोशिश23 जनवरी, 2006 | भारत और पड़ोस 'एलटीटीई के साथ तत्काल वार्ता ज़रूरी'22 जनवरी, 2006 | भारत और पड़ोस बारूदी सुरंग विस्फोट में नौ नाविक मरे12 जनवरी, 2006 | भारत और पड़ोस 'हत्या, अपहरण का दौर ख़त्म करें'12 जनवरी, 2006 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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