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हामिद करज़ई का मुल्ला उमर को न्योता | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने तालेबान नेता मुल्ला उमर को न्योता दिया है कि वे जहाँ भी छिपे हैं, वहाँ से बाहर आएँ और सरकार से बातचीत करें. लेकिन राष्ट्रपति हामिद करज़ई के कार्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि मुल्ला उमर लोगों के सामने आते हैं तो उन्हें माफ़ी नहीं दी जाएगी और उन्हें अपने कथित करनामों के लिए जवाब देना होगा. महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति करज़ई ने ये भी भविष्यवाणी की कि उन्हें उम्मीद नहीं कि मुल्ला उमर अज्ञातवास से बाहर आएँगे. पिछले साल मई में एक तालेबान प्रवक्ता ने कहा था कि मुल्ला उमर आम माफ़ी की किसी भी पेशकश को ठुकरा देंगे. सैकड़ों लड़ाके आगे आए सैकड़ों तालेबान लड़ाके और समर्थक अफ़ग़ानिस्तान सरकार की पुन: मैत्री करने की प्रक्रिया के तहत आगे आए हैं. अमरीका के समर्थन से बनी अफ़ग़ानिस्तान सरकार ने ये प्रक्रिया पिछले साल शुरु की थी. इनमें कई वरिष्ठ तालेबान कमांडर और राजनीतिक नेता शामिल हैं लेकिन उन्हें अपने रूढ़िवादी धार्मिक संघर्ष को त्यगना पड़ा है. इसके बदले में उन पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा और उन्हें राजनीतिक जीवन में भाग लेने दिया जाएगा. मुल्ला उमर को वर्ष 2001 से नहीं देखा गया है जब अमरीकी सेना ने उन्हें सत्ता से बाहर किया था. | इससे जुड़ी ख़बरें लोकतांत्रिक संस्थाओं को समर्थन29 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस भारत-अफ़ग़ानिस्तान के बीच कई समझौते28 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस 'पाकिस्तान सहायता नहीं पहुँचाने दे रहा'27 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस अफ़ग़ान संसद भवन निर्माण में भारत26 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस तीन सप्ताह में 100 चरमपंथियों की मौत22 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस अफ़ग़ानिस्तान में चार अमरीकी फौजी मरे21 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस अफ़ग़ानिस्तान में चुनाव प्रचार शुरू17 अगस्त, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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