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भारत-अफ़ग़ानिस्तान के बीच कई समझौते | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने काबुल पहुँचने पर अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई से मुलाक़ात की है और दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग के कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने आतंकवाद से मुक़ाबले में पाकिस्तान से सहयोग का आह्वान किया. दोनों नेताओं का कहना था कि भारत, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति बेहतर बनाने के लिए ज़रूरी है कि तीनों सरकारें मिल कर काम करें. प्रधानमंत्री के काबुल पहुँचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया और उन्हें इक्कीस तोपों की सलामी दी गई. उसके बाद उनकी अफ़ग़ान राष्ट्रपति के साथ एक घंटे तक अकेले में बातचीत हुई. तीन समझौतों पर हस्ताक्षर इस मुलाक़ात के बाद एक संयुक्त घोषणापत्र और तीन समझौतों पर दस्तख़त किए गए जिनके तहत भारत अफ़ग़ानिस्तान को कृषि अनुसंधान, शिक्षा और सामुदायिक विकास के क्षेत्रों में सहायता देगा. मनमोहन सिंह ने यह भी ऐलान किया कि भारत सौ अफ़ग़ान गाँवों में सौर ऊर्जा और ग्रामीण विकास में मदद और प्रशिक्षण देगा. दोनों देशों के बीच संयुक्त घोषणापत्र में दुनिया भर में फैले आतंकवाद की भर्त्सना की गई और कहा गया कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता और समृद्धि बहुत ज़रूरी है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सोमवार को नई अफ़ग़ान संसद के शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेंगे. |
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