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आडवाणी ने कांग्रेस पर निशाना साधा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि देश में भ्रष्टाचार का मूल स्रोत कांग्रेस पार्टी है और कांग्रेस की संस्कृति को ख़त्म करना ज़रुरी है. पार्टी के रजत जयंती समारोह में राष्ट्रीय परिषद की बैठक की शुरुआत करते हुए लालकृष्ण आडवाणी ने यूपीए सरकार पर भी हमला किया और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी पर भी. हालांकि उन्होंने कहा कि पिछले 25 हफ़्ते कष्टदायक रहे हैं लेकिन उन्होंने इस कष्ट का कोई विवरण न अपने मंचीय भाषण में किया है और न ही लिखित भाषण में. लालकृष्ण आडवाणी के भाषण में न संघ से वैचारिक मतभेद का ज़िक्र है और न ही पार्टी में अनुशासन के संकट का. हाल ही में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए सांसदों का ज़िक्र है लेकिन इसके लिए मूलरुप से कांग्रेस की संस्कृति को दोषी ठहराया गया है. मंच पर एक घंटे से अधिक समय तक दिए गए भाषण में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि पार्टी ने 25 सालों में ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसकी कल्पना पार्टी की स्थापना के समय नहीं थी. इसके बाद उन्होंने केंद्र में एनडीए सरकार के गठन और राज्यों में सरकारों का ज़िक्र किया. भ्रष्टाचार लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि भाजपा की मान्यता रही है कि देश में भ्रष्टाचार की जड़ें ‘कांग्रेस और उस पर काबिज परिवार ने’ जमाई है. उन्होंने कहा, “इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि कि हाल ही में सांसदों को लेकर जो कांड उजागर हुआ है उसमें अपने हमारे अपने कुछ सदस्यों की संलिप्तता को उचित ठहराया जाए.” आडवाणी ने आगे कहा, “इससे हमारी धारणा मज़बूत होती है कि जब तक कांग्रेस की संस्कृति को हमारी प्रणाली से पूरी तरह नष्ट नहीं किया जाता तब तक भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ हमारा संघर्ष कभी सफल नहीं हो पाएगा.” उन्होंने भ्रष्टाचार के लिए चुनाव खर्च में बढ़ोत्तरी का भी ज़िक्र किया. अपना पद छोड़ने की घोषणा कर चुके भाजपा अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, “कहा जाता है कि भाजपा भी कांग्रेसीकरण का शिकार हो गई है. यह ऐसा आरोप है जिसको एकदम नकारा भी नहीं जा सकता.” उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर कुछ ऐसे तत्व आ गए हैं कांग्रेस की भ्रष्ट नीतियों से प्रभावित है. लालकृष्ण आडवाणी ने जयप्रकाश नारायण की भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन को याद करते हुए कहा कि जयप्रकाश ने जनसंघ को आंदोलन में शामिल होने का न्यौता देते हुए कहा था कि देश भर में भ्रष्टाचार का मूल स्रोत कांग्रेस पार्टी है. अपने लिखित भाषण में आडवाणी ने इस बात को आगे बढ़ाते हुए कहा है, “यदि हमारे समाज से भ्रष्टाचार का समूल नाश करना है तो कांग्रेस को सत्ता के हर स्तर से हटाना होगा.” यूपीए सरकार उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की उपलब्धियाँ गिनवाते हुए कहा कि यूपीए सरकार और एनडीए सरकार की कोई तुलना ही नहीं हो सकती.
लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि आमतौर पर प्रधानमंत्री सरकार को चलाता है लेकिन यूपीए में सरकार को सोनिया गाँधी चलाती हैं और कभी-कभी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह स्टीयरिंग संभालते हैं तो वामपंथी दल ब्रेक लगा देते हैं. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में राजनीतिक नैतिकता का अभाव है. केंद्र सरकार की नीतियों को दोष देते हुए आडवाणी ने कहा, “मात्र 19 महीनों में यूपीए सरकार ने वाजपेयी सरकार की बड़ी-बड़ी उपलब्धियों को बड़ी हद तक बिखेर दिया है.” उन्होंने भारत के साथ विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीए सरकार ऐसी आर्थिक नीतियों का अनुसरण कर रही है जिसने देश की विकास की नीतियों को धीमा कर दिया है. परिवार नियोजन आडवाणी के भाषण में एक और ऐसा विषय आ गया है जिससे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच मतभेद दिखाई देता है. भाजपा अध्यक्ष ने साफ़ कहा है कि जनसंख्या नियंत्रण की कोशिश होनी चाहिए. लेकिन संघ ने पिछले दिनों कहा था कि सभी हिंदुओं को चाहिए कि वे परिवार नियोजन के दो बच्चों के क़ानून को न मानें. आडवाणी ने रजत जयंती समारोह में अपने भाषण में कहा है कि आपातकाल में परिवार नियोजन के जो प्रयास हुए उसके चलते आबादी नियंत्रण एक तिरस्कार का शब्द बन गया है. उन्होंने राजनीतिक पहल की वकालत करते हुए कहा, “हम हमेशा के लिए सर में बालू डाले खड़े नहीं रह सकते.” भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कुछ राज्यों में दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत का चुनाव न लड़ने देने का जो क़ानून है उसका विस्तार संसद और विधानसभा के लिए भी किया जाना चाहिए. उन्होंने आबादी में वृद्धि को पर्यावरण से भी जोड़ा है. उदघाटन इससे पहले रजत जयंती समारोह की औपचारिक शुरुआत करते हुए पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने भाजपा का इंडा फहराया और फिर मंच पर आकर दीप जलाकर किया. पाँच दिनों के रजत जयंती अधिवेशन की शुरुआत वैसे तो 26 दिसंबर को पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के साथ ही शुरु हो गई थी लेकिन राष्ट्रीय परिषद के तीन दिनों की बैठक की शुरुआत बुधवार को हुई. इस बैठक में देश भर के 4000 नेता और कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं. जैसा कि लालकृष्ण आडवाणी घोषणा कर चुके हैं यह उनकी अध्यक्षता में होने वाली अंतिम बैठक है और वे इसके बाद पद छोड़ देंगे. हालांकि पार्टी ने नए अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा अभी नहीं की है लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी में चल रही खींचतान के बावजूद राजनाथ सिंह को नया अध्यक्ष बनाया जा रहा है. | इससे जुड़ी ख़बरें भाजपा को झटका, महासचिव का इस्तीफ़ा27 दिसंबर, 2005 | भारत और पड़ोस 'संघ के कारण है भाजपा'26 दिसंबर, 2005 | भारत और पड़ोस कई संकट हैं भाजपा के सामने26 दिसंबर, 2005 | भारत और पड़ोस राजनाथ संभालेंगे भाजपा की कमान?24 दिसंबर, 2005 | भारत और पड़ोस आडवाणी दिसंबर में अध्यक्ष पद छोड़ देंगे18 सितंबर, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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