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राजनाथ संभालेंगे भाजपा की कमान? | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के दिसंबर में पद छोड़ने से पहले ही इस चर्चा ने ज़ोर पकड़ा है कि नया भाजपा अध्यक्ष कौन होगा. शनिवार को समाचार माध्यमों में भाजपा नेता राजनाथ सिंह के नाम पर सहमति हो जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन भाजपा नेताओं ने इसकी पुष्टि नहीं की. भाजपा नेताओं का कहना था कि इस बारे में फ़िलहाल विचार-विमर्श हो रहा है लेकिन कोई अंतिम फ़ैसला नहीं हुआ है. भाजपा नेता मुख़्तार अब्बास नक्वी ने तो यहाँ तक कहा, "इस समय कोई प्रस्तावित नाम नहीं है. मुंबई में 26 दिसंबर को पार्टी के पदाधिकारियों की बैठक होगी, फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, फिर राष्ट्रीय सम्मेलन होगा और तब ही स्पष्ट होगा की नेता कौन होगा." महत्वपूर्ण है कि शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मौजूदगी में भाजपा नेताओं की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं से मुलाकात हुई थी. आडवाणी का कहना था कि इस बारे में कोई अंतिम फ़ैसला नहीं लिया गया है और पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा कि वे अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और दोबारा ये पद नहीं संभालना चाहेंगे. उधर वरिष्ठ पत्रकार और भाजपा मामलों के जानकार प्रदीप कौशल का कहना था कि राजनाथ सिंह के बारे में भी जानकारी भाजपा के कुछ नेताओं के माध्यम से ही आई थी. उनका कहना था कि आरएसएस और वरिष्ठ भाजपा नेताओं का मानना था कि यदि दिसंबर में भाजपा सम्मेलन से पहले नेतृत्व के बारे में अनिश्चितता बनी रहती है तो सम्मेलन के दौरान मीडिया का पूरा ध्यान इस ओर ही लगा रहेगा. उनका कहना था कि ताज़ा जानकारी को इस संदर्भ में देखना चाहिए. प्रदीप कौशल का मानना था कि यदि राजनाथ को ही पार्टी कमान सौंपी जाती है तो इसका कारण होगा उनका अन्य नेताओं के मुकाबले में युवा होना, साफ़ छवि होना, विचारधारा की दृष्टि से उनका आरएसएस के मापदंडों पर खरा उतरना और छत्तीसगढ़ और झारखंड में उनका पार्टी को विजय दिलाना. | इससे जुड़ी ख़बरें आरएसएस अड़ा, भाजपा में दरार09 जून, 2005 | भारत और पड़ोस नेतृत्व का संकट जारी, बैठक टली09 जून, 2005 | भारत और पड़ोस आडवाणी छवि बदलना चाहते हैं: कांग्रेस07 जून, 2005 | भारत और पड़ोस आडवाणी लौटे, बयान पर क़ायम06 जून, 2005 | भारत और पड़ोस आडवाणी का बयान बनाम सत्ता की राजनीति06 जून, 2005 | भारत और पड़ोस विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई04 जून, 2005 | भारत और पड़ोस आडवाणी ने जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष बताया04 जून, 2005 | भारत और पड़ोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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