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मुसलमानों के बहिष्कार की धमकी | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विश्व हिंदू परिषद ने धमकी दी है कि गोधरा समेत दो ज़िलों में यदि पुलिस ने हिंदुओं को 'परेशान' करना बंद नहीं किया तो वे मुसलमानों का सामाजिक-आर्थिक बहिष्कार कर देंगे. इस मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को गोधरा में एक रैली निकाली थी और इसके बाद वे ज़िले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से मिले थे. वीएचपी का कहना है कि इन 'निर्दोष हिंदुओं' को गोधरा में 2002 में हिंसा फ़ैलाने के आरोप में गिरफ़्तार किया जा रहा है. पुलिस ने वीएचपी के इस आरोप को बेबुनियाद बताया है. उल्लेखनीय है कि फ़रवरी 2002 में एक ट्रेन में आग लगाए जाने के बाद भड़की हिंसा में कम से कम एक हज़ार मुस्लिमों की मौत हुई थी. ट्रेन में लगी आग से 58 हिदू कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी. गोधरा वीएचपी के महासचिव शंभु प्रसाद शुक्ला ने बीबीसी से कहा कि पुलिस निर्दोष हिंदुओं को परेशान कर रही है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "यदि पुलिस ने यह सब बंद नहीं किया तो हम उस क्षेत्र के मुस्लिमों का आर्थिक-सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा." उन्होंने कहा कि घटना के तीन साल बाद इस मसले को खोलने का क्या मतलब है. लेकिन इस बीच पुलिस ने वीएचपी के इस आरोप का खंडन किया है. ज़िले के पुलिस अधीक्षक डीएस भट्ट ने कहा है कि 2002 की हिंसा के शिकार लोगों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर इन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद एक हज़ार मामलों की फिर से जाँच की जा रही है जिसे पहले बंद कर दिया गया था. |
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