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गोधरा अभियुक्तों की सरकार को चुनौती | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गोधरा मामले के अभियुक्तों के वकीलों ने गुजरात सरकार के उस फ़ैसले को चुनौती दी है जिसमें सरकार ने पोटा के मामले वापस लेने से इंकार कर दिया था. उधर अहमदाबाद में गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी में मारे गए कुछ मुसमानों के परिवारवालों ने हिंदू संगठनों से मुआवज़े के लिए एक मुक़दमा दायर किया है. इन लोगों ने विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से नुक़सान की भरपाई के लिए लगभग सात करोड़ रूपए के हर्जाने की माँग की है. गुलबर्ग सोसायटी पर हुए हमले में वहाँ रहनेवाले 39 मुस्लिम लोग मारे गए थे जिनमें पूर्व सांसद एहसान जाफ़री भी शामिल थे. चुनौती यह चुनौती पोटा की समीक्षा करने वाली तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट की अनुशंसा को आधार बनाकर दी गई है. हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली इस समिति ने कहा था कि गोधरा कांड के सभी 120 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ पोटा का मामला हटा लेना चाहिए. गुजरात सरकार ने शनिवार को अदालत में दिए गए अपने जवाब में कहा है कि वह समिति की इस अनुशंसा से सहमत नहीं है कि 27 फ़रवरी को साबरमती एक्सप्रेस में लगी आग किसी षडयंत्र का हिस्सा नहीं थी. साबरमती एक्सप्रेस के एक डब्बे में आग लगा दी गई थी जिसमें 59 हिंदू कारसेवकों की मौत हो गई थी. बचाव पक्ष की वकील नित्या रामकृष्णन ने सरकार के इस तर्क को यह कहकर ख़ारिज कर दिया है कि गुजरात हाईकोर्ट ने साफ़ कहा है कि पोटा समीक्षा समिति की रिपोर्ट अभियोजन पक्ष को मान्य होगी और विशेष अदालत की भूमिका इस मामले में सीमित है. इस समिति का गठन केंद्र सरकार ने किया था और इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार, राज्य सरकार और विशेष अदालत को दी गई थी. समिति ने कहा था कि चूंकि उन्हें जाँच में षडयंत्र के कोई सुबूत नहीं मिले हैं वे सभी 120 अभियुक्तों के ख़िलाफ़ पोटा हटाने की सिफ़ारिश कर रहे हैं. लेकिन गुजरात सरकार के वकील का कहना था, "हम समिति की रिपोर्ट से सहमत नहीं हैं क्योंकि राज्य सरकार मानती है कि साबरमती के एस-6 में लगाई गई आग एक षडयंत्र का हिस्सा थी." जबकि बचाव पक्ष के वकील का कहना है कि सरकार का पक्ष इस मामले में कहीं टिकता ही नहीं क्योंकि समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आग यात्रियों और रेलवे स्टेशन के दूकानदारों के बीच शुरु हुए झगड़े के बाद लगी थी. |
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