| भारत क़तर से मिराज विमान ख़रीदेगा | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत सरकार ने रक्षा मंत्रालय को क़तर से इस्तेमाल किए हुए लड़ाकू विमान मिराज-2000 ख़रीदने की इजाज़त दी है. मिराज - 2000 फ्रांसीसी विमान है और भारतीय रक्षा मंत्रालय क़तर से ऐसे 12 विमान ख़रीदेगा. ये विमान सत्तर करोड़ डॉलर की लागत वाले व्यापक सुरक्षा पैकेज के तहत ख़रीदे जाएंगे. भारत के रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि क़तर से मिराज विमान की क़ीमत के बारे में अभी बातचीत की जानी है. उन्होंने बताया कि भारतीय मंत्रिमंडल ने रक्षा मंत्रालय को अन्य सैनिक साज़ो-सामान भी ख़रीदने की इजाज़त दी है. ग़ौरतलब है कि हाल ही में अमरीका ने पाकिस्तान को अपने लड़ाकू विमान एफ़-16 देने का फ़ैसला किया था जिस पर भारत ने ऐतराज़ जताया था. अमरीका ने भारत को भी अत्याधुनिक लड़ाकू विमान देने की पेशकश की है जिस पर भारत सरकार विचार कर रही है जिनमें एफ़-16 और एफ़-18 विमान शामिल हैं. इस सप्ताह के आरंभ में रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अमरीका से लड़ाकू विमान मिलने की पेशकश का स्वागत किया था. अमरीका की तरफ़ इस तरह की पेशकश पहली बार आई है. इसके अलावा अमरीका ने भारत को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने की पेशकश की है. सुरक्षा समिति भारतीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति ने क़तर से विमान ख़रीदने की इजाज़त मंगलवार को दी थी. रक्षा मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बताया कि समिति ने समुद्री निगरानी को और मज़बूत करने के लिए 11 डोरनियर-228 विमान ख़रीदने की भी मंज़ूरी दी है जिन पर क़रीब 15 करोड़ डॉलर का ख़र्च आएगा. इस योजना के तहत भारतीय नौसेना के लिए गश्ती जहाज़ और अन्य साज़ो-सामान भी ख़रीदा जाएगा. समिति ने भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा पर निगरानी बढ़ाने के लिए सशस्त्र बलों की 20 अतिरिक्त बटालियनें खड़ी करने का भी फ़ैसला किया है. |
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