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जम्मू कश्मीर में निकाय चुनाव शांतिपूर्ण | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
जम्मू कश्मीर में शहरी निकायों के लिए शनिवार को पहले चरण का मतदान शांति पूर्ण रहा है और भारी सर्दी और पृथकतावादियों के बहिष्कार के बावजूद मतदाता वोट डालने निकले. 27 साल बाद हो रहा यह चुनाव तीन चरणों में होगा जिसके पहले चरण में शनिवार को कश्मीर क्षेत्र के दो ज़िलों बारामूला और कूपवाड़ा ज़िलों में वोट डाले गए. अधिकारियों ने बताया है कि कुल 56 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया और परिणाम भी जल्दी ही मिल जाने की संभावना है. इस चुनाव के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे. चरमपंथियों ने इन चुनावों का बहिष्कार किया था. हालाँकि पृथकतावादियों के बहिष्कार की घोषणा की वजह से लोग डरे हुए थे लेकिन मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण संपन्न हो गया. पहले चरण में बारामूला और कूपवाड़ा की दो नगर परिषदों और आठ नगर समितियों के लिए मतदान हुआ. एजेंसियों का कहना है कि चरमपंथियों की धमकियों के बावजूद लोग मतदान के लिए आए और कुछ इलाक़ों में तो 88 प्रतिशत तक मतदान दर्ज किया गया. कूपवाड़ा, हिंदवाड़ा, उड़ी, सुंबल और हाजिन में 78 से 88 प्रतिशत तक मतदान हुआ जबकि सोपोर, पट्टन और बारामूला में कुछ हल्का मतदान हुआ लेकिन फिर भी यह अक्तूबर 2002 में हुए विधान सभा चुनाव में मतदान से ज़्यादा रहा. इन चुनावों में मुख्य धारा की पार्टियों - पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस ने अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं. कुछ संदिग्ध चरमपंथियों ने इन चुनावों में खड़े एक उम्मीदवार की श्रीनगर के दक्षिण में पंपोर शहर में शुक्रवार को हत्या कर दी थी. हालाँकि शनिवार का मतदान बिना किसी घटना के संपन्न हो गया. इन चुनावों के लिए साढ़े तीन सौ से ज़्यादा उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. |
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