|
भारत-अमरीका की साझा लड़ाई | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भारत और अमरीका ने एक साझा बयान जारी करके कहा है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में वे मिलजुल कर लड़ेंगे. भारत के प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह और अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की मुलाक़ात के बाद एक साझा बयान जारी किया गया है जिसमें आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष पर सबसे अधिक ज़ोर दिया गया है. अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश से उनकी मुलाक़ात व्हाइट हाउस में नाश्ते पर हुई और बातचीत लगभग आधे घंटे तक चली. भारत के विदेश सचिव श्याम शरण ने पत्रकारों को बताया है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति हुई है. भारतीय प्रधानमंत्री के साथ अमरीका के दौरे पर गईं वरिष्ठ पत्रकार ज्योति मल्होत्रा का कहना है कि "दोनों देश आपस में सहयोग बढ़ाना चाहते हैं यह साफ़ दिख रहा है." अमरीका ने संयुक्त राष्ट्र की स्थायी सदस्यता के भारत के दावे के बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन इस मामले पर उसके बयान की उम्मीद भी नहीं थी. कार्यक्रम मनमोहन सिंह संयुक्त राष्ट्र की महासभा के वार्षिक सत्र में भाग लेने के लिए अमरीका पहुँचे हैं. मंगलवार को ही प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासचिव कोफ़ी अन्नान और अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करज़ई से मिलेंगे. उन्हें 23 सितंबर को महासभा को संबोधित करना है और 24 सितंबर को वे पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ से मिलेंगे. समझा जाता है कि मनमोहन सिंह संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी की हिमायत करेंगे. |
| ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||