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मीरवाइज़ अंतरिम अध्यक्ष नहीं बनेंगे | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वरिष्ठ अलगाववादी नेता मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ़्रेंस के अंतरिम अध्यक्ष का पद संभालने से इंकार कर दिया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि वे संगठन की एकता क़ायम करने के लिए प्रयास करेंगे. इससे पहले हुर्रियत के एक धड़े के नेता मौलवी अब्बास अंसारी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था और मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त करने की भी घोषणा की थी. उल्लेखनीय है कि मतभेद के कारण जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट (जेकेएलएफ़), जमात-ए-इस्लामी और पीपुल्स लीग हुर्रियत से अलग हो गए थे. मौलवी अब्बास अंसारी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फ़ैसला हुर्रियत में इन पार्टियों को फिर वापस लाने की कोशिश के तहत किया गया है. श्रीनगर से बीबीसी संवाददाता अल्ताफ़ हुसैन का कहना है कि हुर्रियत में शामिल कई संगठनों को भारत सरकार से चल रही बातचीत से भी आपत्ति है. पर्यवेक्षकों का मानना है कि अलगाववादी संगठनों का गठबंधन चरमपंथियों के दबाव के चलते भारत सरकार के साथ चल रही बातचीत से पीछे हटना चाहता है. |
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