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अल-क़ायदा के कई संदिग्ध गिरफ़्तार | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
पाकिस्तान के कराची शहर में सुरक्षा कर्मियों ने अल क़ायदा के कई संदिग्ध सदस्यों को गिरफ़्तार किया है. गिरफ़्तार किए गए लोगों में अल-क़ायदा के पूर्व में नंबर तीन रहे नेता शेख़ मोहम्मद का भतीजा मसरब अरोशी भी शामिल है जिस पर दस लाख डॉलर का इनाम था. पाकिस्तान के अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों सेना के एक जनरल पर हुए हमले और कुछ अन्य हमलों में इनका हाथ था. पाकिस्तान के गृहमंत्री फ़ैसल सालेह हयात का कहना है कि सुरक्षा कर्मियों ने आठ सदस्यों वाले एक समूह को गिरफ़्तार किया है, जो दूसरे देशों से पाकिस्तान में आकर रह रहे थे. पिछले साल गिरफ़्तार किए गए शेख़ मोहम्मद का भतीजा मसरब अरोशी इन आठ लोगों के अलावा है. गृहमंत्री ख़ालिद सालेह हयात ने पत्रकारों को बताया कि इन लोगों को अलग-अलग जगह मारे गए छापों में गिरफ़्तार किया गया है. उनका कहना था कि इस गिरफ़्तारी से ओसमा बिनलादेन के अल-क़ायदा को बड़ा नुक़सान पहुँचेगा. प्रशिक्षण
इस बीच पाकिस्तानी सेना ने अल-क़ायदा और उसके सहयोगी संगठनों के ख़िलाफ़ अफ़ग़ानिस्तान की सीमा पर वज़ीरिस्तान में कार्रवाई जारी रखी है. गृहमंत्री का कहना था कि मसरब अरोशी सहित गिरफ़्तार किए गए नौ लोगों को वज़ीरिस्तान में ही प्रशिक्षण दिया गया है और उनका अल-क़ायदा से सीधा संबंध है. पाकिस्तान के सूचना मंत्री शेख मोहम्मद ने कहा है कि गिरफ़्तार किए गए लोगों में से कुछ ने जनरल पर किए गए हमले को स्वीकार लिया है और कुछ हमलों की योजना की जानकारी भी दी है. उल्लेखनीय है कि शेख मोहम्मद को पाकिस्तान के सुरक्षा कर्मियों ने मार्च 2003 में गिरफ़्तार किया था. उस समय अमरीका ने उस पर दो करोड़ 30 लाख का इनाम घोषित कर रखा था. |
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