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बुधवार, 01 फ़रवरी, 2006 को 13:40 GMT तक के समाचार
 
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बुश ने कहा, तेल निर्भरता कम करेंगे
 

 
 
जॉर्ज डब्लू बुश
अमरीकी राष्ट्रपति को अपनी नीतियों के कारण अमरीका में विरोध का सामना करना पड़ रहा है
विश्व में सबसे ज़यादा तेल अमरीका ख़र्च करता है. अपने ही देश में काफी बड़ी मात्रा में तेल निकालने के बावजूद अमरीका में इस्तेमाल होने वाला साठ प्रतिशत तेल बाहर से आता है और इसमें से ज़्यादातर कैनेडा और मेक्सिको से.

लेकिन वहाँ इस्तेमाल होने वाला काफी सारा तेल अरब देशों से भी आता है.

अमरीका के राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने कल रात अमरीकी संसद को सम्बोधित करते हुए कहा कि अरब देशों पर इस निर्भरता से कुछ अमरीकी वासियों के साथ-साथ वे खुद भी चिंतित हैं.

“अमरीका को तेल की लत लग गई है जो काफ़ी हद तक विदेशों से आता है. इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि अमरीका की टेक्नालोजी का विकास किया जाए.”

अपने भाषण में उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि अमरीका सन दो हज़ार पच्चीस तक अरब देशों पर पर तेल की निर्भरता में पिछत्तर प्रतिशत कटौती कर ले.

बुश ने कहा की अमरीका को चाहिए की वो अपनी कारों और गाड़ियों को चलाने का कोई और तरीका ढूँढे.

केवल बैट्ररी और बैट्ररी के तेल दोनों से चलने वाली मशीनों और हाइड्ररोजन तथा पेड़ पोधों से बनने वाले इथनौल ईंधन के विकास की तकनीक पर अमरीका में और काम किया जाएगा.

उनका मानना है की अगर ऐसा किया जाए तो अरब देशों पर ऊर्जा की निर्भरता को पूरी तरह से दूर किया जा सकता है. ऐसा होने से अरब देशों में होने वाले राजनैतिक बदलावों का अमरीकी बाज़ार पर कम असर पड़गा.

राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के ऐसा कहने के बावजूद, अरब देशों के माहौल का अमरीका पर तब तक असर पड़ता रहेगा जब तक अमरीका तेल का इस्तेमाल करता रहेगा.

यह इसलिए की अरब देशों से विश्व का साठ प्रतिशत तेल आता है और इस कारण से वहाँ होने वाली घटनाओं का तेल के दामों पर असर पड़ता रहेगा.

और यही वजह है की अमरीका में तेल ख़रीदार इस असर से बच नहीं पाएगा.

 
 
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