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चांगिरई पर से देशद्रोह का मामला हटा | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ज़िम्बाब्वे की सरकार ने विपक्षी नेता मॉर्गन चांगिरई के ख़िलाफ़ दर्ज देशद्रोह का मामला वापस ले लिया है. जून 2003 में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद चांगिरई पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. सरकारी वकीलों ने आरोप वापस लेने की कोई वजह बताई है. विपक्षी नेता चांगिरई देश में लोकतांत्रिक बदलाव के लिए आंदोलन चला रहे हैं. दो साल पहले उन पर आरोप लगा था कि वे विरोध प्रदर्शनों के माध्यम से राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे को सत्ता से हटाने की कोशिश कर रहे हैं. अब ज़िम्बाब्वे सरकार के फ़ैसले से विपक्षी नेता चांगिरई क़ानूनी दांव-पेंच में उलझने से बच गए हैं. पिछले साल अक्तूबर में ज़िम्बाब्वे के हाई कोर्ट ने चांगिरई को देशद्रोह के एक अन्य आरोप से बरी कर दिया था. चांगिरई पर आरोप था कि उन्होंने वर्ष 2003 में संसदीय चुनाव से पहले राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे को जान से मारने की साज़िश रची थी. जोहानसबर्ग से बीबीसी संवाददाता निक माइल्स का कहना है कि भले ही चांगिरई क़ानूनी उलझन से फ़िलहाल निकल गए हों लेकिन विपक्षी नेताओं के सामने चुनौती क़ायम है. चांगिरई पर पार्टी के भीतर से भी दबाव पड़ रहा है. उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने उनकी आलोचना भी की है और कहा है कि पिछले तीन चुनाव में वे मुगाबे को सत्ता से बाहर करने में सफल नहीं हो पाए हैं. पार्टी के कई सदस्य एक ऐसे नेता को सामने लाने की मांग करने लगे हैं जो सरकार पर ज़्यादा दबाव बना सके. |
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