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ग़ज़ा 'निषिद्ध सैन्य क्षेत्र' घोषित | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इसराइली सेना ने फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ज़ा पट्टी में यहूदी बस्तियों वाले इलाक़े को 'निषिद्ध सैन्य क्षेत्र' घोषित कर दिया है. इसराइल के एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा है कि यह क़दम अभी अस्थाई रूप से उठाया गया है. प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी सूचनाएँ मिली थीं कि इसराइली प्रदर्शनकारी ग़ज़ा में व्यवधान खड़ा करने की योजनाएँ बना रहे थे. इससे पहले बुधवार को इसराइली सैनिकों ने झड़पों के बाद कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया था. ग़ज़ा पट्टी क्षेत्र में कुछ यहूदी प्रदर्शनकारियों ने वहाँ से बस्तियाँ हटाने की इसराइली सरकार की योजना का हिंसक विरोध किया था जिससे झड़पें भी हो गई थीं. ग़ज़ा में रहने वाले यहूदी लोग उस इलाक़े को इसराइल का ही हिस्सा मानते हैं और वे ग़ज़ा से यहूदी बस्तियाँ हटाने की प्रधानमंत्री अरियल शेरॉन की योजना का विरोध कर रहे हैं. बुधवार को सैनिकों को इसराइली लोगों का ही सामना करना पड़ा. शांति योजनाओं के तहत इसराइल ने गज़ा पट्टी से वापस लौटने का फैसला किया है जिसके तहत वहाँ बनी 21 यहूदी बस्तियों को भी हटाया जाएगा. इन बस्तियों में आठ हज़ार से अधिक यहूदी लोग रहते हैं. इसराइल के प्रधानमंत्री अरियल शेरॉन ने कहा है कि सरकार इस प्रस्ताव का विरोध करने के लिए हिंसक रास्ता अपनाने वालों के साथ सख्ती से निपटेगी. |
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