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ईरान ने संयुक्त राष्ट्र की माँग ठुकराई | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की उस माँग को ठुकरा दिया है जिसके तहत ईरान से यूरेनियम संवर्धन का कार्यक्रम तुरंत बंद करने को कहा गया था. परमाणु मामलों पर ईरान के मुख्य वार्ताकार हसन रोहानी ने कहा कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय संस्था ईरान को ऐसा करने पर मजबूर नहीं कर सकती. संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने ईरान से कहा है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम के बारे में तमाम सवालों के जवाब 25 नंवबर तक दे दे. एजेंसी ने एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि आईएईए को अफ़सोस है कि ईरान ने पिछले साल अपनी परमाणु गतिविधियों पर रोक लगानी थी लेकिन उसने तीन यूरोपीय सरकारों को दिया वादा पूरा नहीं किया. ईरान ने ज़ोर देकर कहा है कि अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के लिए यूरेनियम संवर्धित करना उसका अधिकार है. ईरान के खंडन करने के बावजूद अमरीका का दावा है कि ईरान गुप्त रूप से परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है. अमरीका का कहना है कि यदि ईरान संयुक्त राष्ट्र की संस्था की माँग पूरी नहीं करता तो उसके कथित परमाणु हथियारों के मामले से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को निपटना चाहिए. उधर ईरान ने कहा है कि यदि ऐसा किया जाता है कि तो वह आईएईए के निरीक्षकों को अपने देश में परमाणु संयंत्रो का निरीक्षण नहीं करने देगा. इससे पहले परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अध्यक्ष मोहम्मद अल बारादेई ने आशा व्यक्त की थी कि ईरान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का पालन करेगा. उनका कहना था, "प्रस्ताव बिल्कुल साफ़ है. हम चाहते हैं कि ईरान ज़्यादा सहयोग का रुख़ अपनाए. हमें जानकारी तुरंत दे और तुरंत उन स्थानों पर हमें जाने दे जहाँ हम जाँच करना चाहते हैं ताकि नवंबर तक हम पूरी तरह समझ पाएँ कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम किस तरह का है." |
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