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'परमाणु हथियार कार्यक्रम के संकेत नहीं' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के प्रमुख मोहम्मद अल बरादेई ने कहा है कि ईरान के पारचीन केंद्र में परमाणु हथियार कार्यक्रम के कोई संकेत नहीं मिले हैं. आईएईए के गवर्नरों को बोर्ड उस प्रस्ताव के मसौदे पर चर्चा कर रहा है कि जिसमें कहा गया है कि ईरान नवंबर के अंत तक अपने परमाणु कार्यक्रमों के बारे में सभी जानकारी दे. अमरीका आरोप लगाता है कि ईरान के इस केंद्र पर परमाणु हथियार बनाने का कार्यक्रम चल रहा है. अमरीका के कई अधिकारी यह बयान देते रहते हैं कि पारचीन परमाणु केंद्र में परमाणु हथियार बनाने का गुप्त कार्यक्रम चल रहा है. हालाँकि ईरान ने हमेशा से इसका खंडन किया है कि वहाँ कोई ऐसा कार्यक्रम चल रहा है. मोहम्मद अल बरादेई ने बीबीसी को बताया कि उन्हें ईरान के परमाणु कार्यक्रम से कोई ख़तरा नहीं दिखता. उन्होंने कहा कि इराक़ में महाविनाश के हथियार न मिलने से यही पता चलता है कि हमें किसी भी विषय में जल्दी नतीजे पर नहीं पहुँचना चाहिए. चर्चा हालाँकि अभी आईएईए के गवर्नरों का बोर्ड ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर प्रस्ताव के मसौदे पर चर्चा में व्यस्त है. लेकिन बरादेई ने उम्मीद जताई कि इस बारे में जल्द ही सहमति बन जाएगी.
बरादेई ने कहा, " मुझे इसकी पूरी उम्मीद है कि ईरान के परमाणु कार्यक्रमों पर जो भी प्रस्ताव आएगा वह सर्वसम्मति से ही आएगा. ऐसे मामलों पर बोर्ड और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में एकमत होना चाहिए." बरादेई ने यह भी घोषणा की कि वे अक्तूबर में दक्षिण कोरिया का दौरा करेंगे. उन्होंने कहा कि आईएईए निरीक्षकों की एक टीम शनिवार को दक्षिण कोरिया भेजी जा रही है. दूसरी ओर आईएईए में ईरानी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख हुसैन मुसावियन ने बीबीसी को बताया कि उनका देश इसका भरोसा देता है कि उनका यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम सिर्फ़ शांतिपूर्ण कार्यों के लिए ही हैं. उन्होंने कहा कि यूरोपीय देशों को इस प्रस्ताव के बारे में सूचित कर दिया गया है. अमरीका के साथ-साथ ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी ने आईएईए में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में प्रस्ताव पेश किया है. लेकिन बोर्ड के सदस्यों में इस प्रस्ताव को लेकर सहमति नहीं बन पाई है. |
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