क़र्ज़े ने फंसाया भारतीय नर्सों को इराक़ में

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- Author, इमरान क़ुरैशी
- पदनाम, बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
इराक़ के तिकरीत शहर के टीचिंग अस्पताल के नए प्रबंधन ने भारतीय नर्सों को ये आश्वासन तो दिया है कि वे सुरक्षित हैं, लेकिन उन्होंने नर्सों का बक़ाया वेतन के भुगतान से इनकार किया है.
इराक़ में फंसी भारतीय नर्स मरीना जोस ने बीबीसी हिंदी को बताया कि उन अधिकारियों ने ख़ुद को 'नया प्रबंधन' बताया है. मरीना जोस ने ही तिकरीत में नर्सों की मुसीबतों के बारे में सबसे पहले आवाज़ उठाई थी.
उन्होंने कहा, ''नए प्रबंधन ने हमें आश्वासन दिया है कि वे आज के बाद के वेतन का भुगतान करेंगे लेकिन बक़ाये वेतन के लिए हमें पुराने प्रबंधन और भारतीय दूतावास से बात करनी होगी.’’
तिकरीत के अस्पताल में फंसी 46 नर्सों को पिछले कुछ महीनों से वेतन नहीं मिला है. इराक़ में सेना के साथ संघर्ष के बीच सुन्नी चरमपंथियों के संगठन आईएसआईएस ने अस्पताल पर क़ब्ज़ा कर रखा है.
बक़ाया वेतन
अस्पताल में फंसी सभी 46 नर्सें दक्षिणी केरल की रहने वाली हैं. इनकी उम्र 24 से 40 साल के बीच है.
इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि इराक़ में फंसे भारतीयों के बारे में जानकारी देने के लिए 24 घंटे काम करने वाला एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और वरिष्ठ राजनयिक सुरेश रेड्डी को इराक़ भेजा जा रहा है.
अस्पताल में काम करने वाली नर्सों के दो महीने से चार महीने तक का वेतन बक़ाया है. वेतन के रूप में उन्हें 600 अमरीकी डॉलर से लेकर 850 अमरीकी डॉलर के बीच में भुगतान किया जाता है.

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बक़ाया वेतन की समस्या के कारण ये नर्सें <link type="page"><caption> तिकरीत अस्पताल</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2014/06/140616_tikrit_indian_nurse_sk.shtml" platform="highweb"/></link> में काम करने से परहेज करने लगी हैं.
मरीना ने बताया, ''हम 14 नर्सें तुरंत भारत लौट जाना चाहती हैं. बाक़ी नर्सें इराक़ में दूसरे सुरक्षित जगहों पर काम करना चाहती हैं क्योंकि घर लौटने से पहले उन्हें अपने क़र्ज़ चुकाने हैं.’’
यह क़र्ज़ उन्होंने नौकरी खोजने वाले एजेंटों को पैसे चुकाने के लिए ले रखा है. मरीना बताती हैं, ''एजेंटों को देने के लिए ली गई क़र्ज़ की रकम डेढ लाख से दो लाख रुपए तक की है.’’
सामान्य भोजन
हालांकि नए प्रबंधन अधिकारियों ने नर्सों को जानकारी दी है कि यदि इराक़ में कहीं और नौकरी चाहिए तो इसके लिए भारतीय दूतावास से बात करनी होगी.
अंतरराष्ट्रीय <link type="page"><caption> रेड क्रॉस संस्था</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/rolling_news/2012/04/120402_redcross_syria_rn.shtml" platform="highweb"/></link> के अधिकारियों से उन्होंने फ़ोन पर बताया है कि जो भारत लौटना चाहते हैं उन्हें इराक़ की सड़कों पर फिर से शांति बहाल होने तक का इंतज़ार करना होगा.

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मंगलवार को भी नर्सों ने कोई काम नहीं किया और अस्पताल परिसर के भीतर दिन भर अपने वार्ड में बनी रहीं. वे बताती हैं, ''आज हमें सामान्य खाना दिया गया.’’
यहां तक कि अस्पताल में काम करने वाले इराक़ी कर्मचारी भी अपने-अपने घरों में बने रहे. मंगलवार को अस्पताल के केवल आपातकालीन विभाग ने काम किया.
क़र्ज़ चुकाना है
<link type="page"><caption> अस्पताल में फंसी</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/06/140617_iraq_india_advisory_ra.shtml" platform="highweb"/></link> दूसरी नर्स श्रुति की बहन कीर्ति ने दक्षिणी केरल के कोट्टयम से <bold>बीबीसी हिंदी</bold> को फ़ोन पर बताया, ''आज मेरी बहन ने हम सबसे बात की. उन्होंने बताया कि आज उन्हें सामान्य खाना दिया गया.’’

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नर्सों ने केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी से बात की और बक़ाया वेतन के भुगतान का मुद्दा उठाया.
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने जानकारी दी. अधिकारी ने कहा, ''कुछ नर्सों का कहना है कि वे इराक़ में दूसरे सुरक्षित ठिकानों पर नौकरी करना चाहती हैं क्योंकि उन्हें अपना क़र्ज़ चुकाना है.’’
पहचान छिपाए रखने के आश्वासन पर अधिकारी ने बताया, ''लेकिन हमारी पहली चिंता उनकी सुरक्षा है. हां, क़र्ज़ का मुद्दा सरकार के सामने है लेकिन अभी इस मामले में किसी तरह का कोई फ़ैसला नहीं लिया गया है.’’
<bold>(बीबीसी हिंदी का एंड्रॉयड मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए <link type="page"><caption> क्लिक करें</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/multimedia/2013/03/130311_bbc_hindi_android_app_pn.shtml" platform="highweb"/></link>. आप ख़बरें पढ़ने और अपनी राय देने के लिए हमारे <link type="page"><caption> फ़ेसबुक पन्ने</caption><url href="https://www.facebook.com/bbchindi" platform="highweb"/></link> पर भी आ सकते हैं और <link type="page"><caption> ट्विटर</caption><url href="https://twitter.com/BBCHindi" platform="highweb"/></link> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</bold>












