इराक़: चरमपंथियों का तल अफ़र शहर पर कब्ज़ा

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इराक़ में अधिकारियों का कहना है कि <link type="page"><caption> सुन्नी चरमपंथियों</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2014/06/140615_iraq_isis_dil.shtml" platform="highweb"/></link> ने देश के उत्तर में स्थित तल अफ़र शहर पर कब्ज़ा कर लिया है. तल अफ़र सरकार और चरमपंथियों के कब्ज़े वाले इलाक़े के बीच स्थित शहर है.
इस्लामिक स्टेट इन इराक़ एंड लेवेंट, आइएसआइएस की अगुवाई में चरमपंथियों ने पिछले हफ्ते मोसूल और तिकरित पर कब्ज़ा कर लिया था लेकिन कुछ इलाक़ों पर सरकार ने वापस कब्ज़ा कर लिया है.
तल अफर में रविवार को लड़ाई शुरू हुई थी. शहर में प्रवेश का प्रयास करते समय चरमपंथियों ने मोर्टार का प्रयोग किया था.
इराक़ की सेना को यह झटका उस समय लगा है जब अमरीका का कहना है कि वह इराक़ के मसले पर ईरान के साथ सीधी वार्ता पर विचार कर रहा है.
विकल्पों पर विचार

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अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा इन दिनों इराक़ में संभावित कार्रवाइयों के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
अरब की खाड़ी में विमान वाहक जहाज़ <link type="page"><caption> यूएसएस एचडब्लू बुश</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2014/06/140614_iraq_us_aircraft_carrier_fma.shtml" platform="highweb"/></link> तैनात कर दिया गया है. इसके साथ दो और युद्धपोत तैनात किए गए हैं.
लेकिन अमरीका का कहना है कि अमरीकी सेना को इराक़ी पर तैनात नहीं किया जाएगा.
<link type="page"><caption> ईरान</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2014/06/140616_iraq_iran_america_ra.shtml" platform="highweb"/></link> के राष्ट्रपति हसन रूहानी का कहना है कि अगर अमरीका इराक़ में कार्रवाई करता है तो वह सहयोग के बारे में विचार करेंगे.
तल अफर में मुख्य तौर पर सुन्नी और शिया आबादी है. साथ ही उसमें कुछ तुर्क भी हैं. ये इराक़ में मूसल और सीरिया से लगी सीमा के बीच में स्थित है.
तल अफर के निवासियों ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस को फोन पर बताया कि गोलीबारी के बीच शहर की सड़कों पर चरमपंथी, ट्रक पर मशीन गनों के साथ जिहादी बैनर लगाए घूम रहे हैं.
तस्वीरों में इराक़ी सैनिक

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इस बीच अमरीका ने सुन्नी चरमपंथियों की ओर से इराक़ी सैनिकों की सामूहिक हत्या से संबंधित 'खौफ़नाक़ तस्वीरें' इंटरनेट पर डालने की निंदा की है.
आईएसआईएस की ओर से इंटरनेट पर डाली गई तस्वीरों में इराक़ी सैनिकों को ले जाते हुए दिखाया गया है.
इन तस्वीरों में हत्या से पहले और बाद में इन सैनिकों को एक गड्ढे में लेटा हुआ दिखाया गया है.
इराक़ी सेना ने इन तस्वीरों को असली बताया है. लेकिन अभी उनकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है.

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उत्तरी इराक़ में मौजूद बीबीसी संवाददाता जिम म्यूर का कहना है कि ये तस्वीरें असली हैं.
उनके मुताबिक़ 2003 में अमरीका के नेतृत्व में हुए सैन्य हमले के बाद से यह अब तक की क्रूरता की सबसे बड़ी घटना हो सकती है.
आईएसआईएस सुन्नी मुसलमानों का एक जिहादी संगठन है, जो इराक़ और सीरिया में सक्रिय है. अबु बकर अल बग़दादी इसके प्रमुख हैं
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