'गृह-युद्ध की कगार पर खड़ा है यूक्रेन'

इमेज स्रोत, AFP
यूक्रेन में आज़ादी के बाद बने पहले राष्ट्रपति लियोनिड क्राफचुक ने चेतावनी दी है कि देश 'गृह-युद्ध' की कगार पर खड़ा है.
देश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में क्राफचुक ने संसद से कहा है कि उन्हें 'पहले से कहीं अधिक ज़िम्मेदारी से काम' करना होगा.
लियोनिड क्राफचुक वर्ष 1991 से वर्ष 1994 के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति रहे हैं.
क्राफचुक का यह बयान ऐसे समय आया है जब संसद में इस मुद्दे पर बड़े ज़ोर-शोर से बहस हुई कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को माफ़ किया जाए या नहीं.
बहस का नतीजा यह निकला कि इन प्रदर्शनकारियों को माफ़ी दे दी गई है.
लेकिन मौजूदा राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच इस शर्त पर माफ़ी की बात कर रहे हैं कि प्रदर्शनकारियों को सरकारी इमारतों को छोड़ना होगा जहां उन्होंने क़ब्ज़ा जमा रखा है, साथ ही जगह-जगह खड़े किए अवरोधकों को भी हटाना होगा.

इमेज स्रोत, AFP
वहीं यूरोपीय यूनियन की विदेश नीति प्रमुख कैथरीन एश्टन का कहना है कि सभी दलों को 'वास्तविक संवाद' करना चाहिए.
राजधानी कीएफ़ में राष्ट्रपति यानुकोविच और विपक्षी नेताओं के साथ बातचीत कर रही कैथरीन एश्टन का कहना है कि मौजूदा उथल-पुथल से वह सकते में हैं और ''इसमें कोई संदेह नहीं है कि आगे बढ़ने के लिए जल्द और शांतिपूर्ण रास्ता तलाशने की बात हर किसी के दिमाग में है.''

इमेज स्रोत, Reuters
कैथरीन एश्टन का कहना है, ''ऐसा समाधान तलाशना होगा जिससे देश को आगे बढ़ाने में मदद मिले और इसके लिए एक राजनीतिक प्रक्रिया की ज़रूरत है जो सबको साथ लेकर जल्द से जल्द चल सके.''
उनका कहना है, ''यह ज़िम्मेदारी अनिवार्य रूप से सरकार की है कि वह इसे जल्द से जल्द संभव बनाए.''
'नाटकीय स्थिति'
यूक्रेन में जारी मौजूदा राजनीतिक गतिरोध का आरंभ बीते साल नवम्बर में तब हुआ जब राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने रूस के साथ मज़बूत संबंधों की पैरवी करते हुए यूरोपीय यूनियन के साथ एक बहु-प्रतीक्षित क़ारोबारी समझौते पर दस्तख़त करने के फ़ैसले को उलट दिया.
इसके बाद पूरे देश में विपक्षी कार्यकर्ताओं ने कई सरकारी इमारतों पर क़ब्ज़ा कर लिया और इस दौरान कम से कम पांच लोग मारे गए.

इमेज स्रोत, AP
वहीं राजधानी कीएफ़ में अभी भी बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर डेरा जमाए बैठे हैं.
अधिकारियों का कहना है कि कीएफ़ में बुधवार को एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अभी यह पता नहीं चल पाया है कि क्या इसके पीछे प्रदर्शनकारियों का हाथ था.
सरकार विरोधी प्रदर्शनों की शुरुआत के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है. देश की संसद में उन्हें माफ़ी दिए जाने के बारे में इस उम्मीद के साथ बहस हो रही थी कि रिहाई के साथ ही मौजूदा उपद्रव शांत हो जाएगा.
लियोनिड क्राफचुक ने सांसदों से कहा है, ''सारी दुनिया समझ रही है और यूक्रेन भी यह जान रहा है कि देश गृह-युद्ध की कगार पर है.''
क्राफचुक ने भावुक होते हुए कहा, ''यह एक क्रांति है. यह नाटकीय स्थिति है जिसमें हमें पहले से कहीं अधिक ज़िम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए.''

इमेज स्रोत, AFP
प्रदर्शनकारियों को मंगलवार को उस वक्त बड़ी राहत मिली जब सांसदों ने दो हफ्ते पुराने उस विवादित क़ानून को हटाने के पक्ष में मतदान किया जिसमें सार्वजनिक प्रदर्शनों का दमन किए जाने का प्रावधान है.
इसी क़ानून की वजह से पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन और तेज़ हुए थे और प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ भीषण झड़पें भी हुई हैं.
मंगलवार को ही राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच ने प्रधानमंत्री मिकोला अज़ारोव और उनकी सरकार का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया था.

इमेज स्रोत, AFP
उनकी जगह उप प्रधानमंत्री सेरहिय अरबुज़ोव को सत्ता संभालने की अंतरिम ज़िम्मेदारी सौंपी गई है.
वैसे कैबिनेट अगले साठ दिनों तक बनी रह सकती है जब तक कि नई सरकार नहीं बन जाती.
वहीं जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल और अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा दोनों ने ही प्रदर्शनकारियों के प्रति अपना समर्थन जताया है.
लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में किसी तरह के 'विदेशी दख़ल' के प्रति चेतावनी दी है.
बीते साल रूस ने यूक्रेन को 15 बिलियन डॉलर का क़र्ज़ देने का वादा किया था और इसी क़र्ज़ को यूरोपीय यूनियन के साथ यूक्रेन का क़रार रद्द होने की वजह के तौर पर देखा जा रहा है.
पुतिन ने ज़ोर देकर कहा है कि वह इस क़रार का सम्मान करेंगे लेकिन अब ऐसे संकेत भी मिल रहे हैं कि रूस यूक्रेन में नई सरकार का गठन होने तक धनराशि देने में विलंब कर सकता है.
<bold>(बीबीसी हिंदी के एंड्रॉएड ऐप के लिए <link type="page"><caption> यहां क्लिक करें</caption><url href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi" platform="highweb"/></link>. आप हमें <link type="page"><caption> फ़ेसबुक</caption><url href="https://www.facebook.com/bbchindi" platform="highweb"/></link> और <link type="page"><caption> ट्विटर</caption><url href="https://twitter.com/BBCHindi" platform="highweb"/></link> पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं.)</bold>












