सीरिया के बारे में सब विकल्प खुले: ओबामा

मोहम्मद खातिब का कहना है कि उस पर हमले का बुरा असर हुआ है
इमेज कैप्शन, मोहम्मद खातिब का कहना है कि उस पर हमले का बुरा असर हुआ है

अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि उन्होंने सीरिया में रासायनिक हथियार इस्तेमाल किए जाने के सबूत देखे हैं. पर साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि असल में क्या हुआ इस बारे में और जानकारी हासिल करना भी ज़रूरी है.

ओबामा ने कहा कि अगर इस बात के सबूत मिले कि सीरियाई सरकार ने <link type="page"><caption> रासायनिक हथियारों </caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2013/05/130516_syria_chemichal_weapon_rd.shtml" platform="highweb"/></link>का इस्तेमाल किया था तो वे सैन्य कदम भी उठा सकते हैं. अमरीकी राष्ट्रपति ने ये बातें तुर्की के राष्ट्रपति के साथ व्हाइट हाउस में बातचीत के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहीं.

ओबामा का कहना था, “अमरीका कई विकल्पों पर विचार कर रहा है. हम किसी भी तरह का कदम उठा सकते हैं- राजनियक भी और सैन्य भी. क्योंकि सीरिया में रासायनिक हथियारों का होना हमारी सुरक्षा के लिए खतरा है और साथ ही हमारे सहयोगी देशों और पड़ोसी देशों की सुरक्षा के लिए भी.”

ओबामा और तुर्की के राष्ट्रअध्यक्षों ने सीरियाई विपक्ष और राष्ट्रपति बशर अल असद को हटाए जाने की उनकी माँग के प्रति अपना समर्थन दोहराया. ओबामा ने कहा कि <link type="page"><caption> सीरिया</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2013/05/130514_syria_video_va.shtml" platform="highweb"/></link> के मुश्किल हालात से निपटने के लिए कोई जादु की छड़ी नहीं है और अगर ऐसा होता तो वे और तुर्की के प्रधानमंत्री अब तक उसे इस्तेमाल कर चुके होते और समस्या खत्म हो जाती.

इस बीच <link type="page"><caption> ब्रिटेन</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2013/04/130426_syria_chemical_weapons_ap.shtml" platform="highweb"/></link><bold> के विदेश मंत्री विलियम हेग ने दोहराया है कि सीरिया को संयुक्त राष्ट्र की टीम को अनुमति देनी चाहिए कि रासायनिक हथियारों के कथित मामलों की जाँच करे.</bold>

हालांकि संयुक्त राष्ट्र के एक पूर्व हथियार निरक्षिक चार्ल्स डुएलफर ने कहा है कि आरोपों को साबित करने के लिए सबूत इकट्ठा करना बेहद मुशिकल था.

उन्होंने कहा, “ये मुश्किल काम था. क्योंकि सबूत इतने पुख्ता होने चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय कोई कदम उठाए. जाँचकर्ता लोगों, दस्तावेज़ों और घटनास्थलों से डाटा इकट्ठा करते हैं. अब तक शायद ज़्यादातर सबूत पीड़ितों के ज़रिए मिले हैं. मेडिकल सैंपल लिए गए हैं पर ये काफी नहीं है. इसलिए इंतज़ार करना होगा कि जाँचकर्ताओं को सीरिया जाने की अनुमति मिले.”

संयुक्त राष्ट्र की जाँच

अमरीका और ब्रिटेन कई बार कह चुके हैं कि इस बात के सबूत मिलते रहे हैं कि सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियार इस्तेमाल किए हैं. विद्रोहियों पर भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया. लेकिन वे इससे इनकार करते हैं.

मार्च में सीरियाई सरकार और विपक्ष ने खान अल असाल इलाके में कथित रासायनिक हमले की जाँच की माँग की थी जिसमें कम से कम 27 लोग मारे गए थे. दोनों पक्षों ने एक दूसरे को दोषी ठहराया था.

संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यों की टीम बनाई गई है ताकि आरोपों की जाँच की जा सके. स्वीडन के वैज्ञानिक एके सेलस्ट्रॉम इसकी अगुआई करेंगे.

लेकिन सीरियाई सरकार ने टीम को पहुँच नहीं दी है. ऐसा कहा जा रहा है कि सीरियाई अधिकारी चाहते हैं कि टीम खान अल असाल इलाक़े में कथित रासायनिक हमले की जाँच करे जबकि संयुक्त राष्ट्र दल चाहता है कि वो सारे आरोपों की जाँच करे.

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दो साल से चल रहे संघर्ष में अस्सी हज़ार लोग मारे जा चुके हैं.

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