अमेरिका में एस जयशंकर के एक और जवाब की हो रही ख़ूब चर्चा

एस. जयशंकर

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इमेज कैप्शन, बुधवार को वॉशिंगटन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी दौरे में अपने जवाबों के कारण चर्चा में हैं. भारत में सोशल मीडिया पर उनके जवाब की काफ़ी तारीफ़ हो रही है.

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अमेरिका में 2+2 बैठक के लिए गए हुए हैं. इस बैठक में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं.

इसी हफ़्ते सोमवार को एस जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और वहाँ के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ वॉशिंगटन में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे.

एक पत्रकार ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर सवाल पूछा था. इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा था, ''आप भारत के तेल ख़रीदने से चिंतित हैं लेकिन यूरोप जितना तेल एक दोपहर में ख़रीदता है, उतना भारत एक महीने में भी नहीं ख़रीदता है. इसलिए अपनी चिंता उधर पर कर लें.'' एस जयशंकर का यह जवाब ने भारत समेत दुनिया भर के मीडिया में सुर्खियां बटोरा.

इसी संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर उनकी नज़र है. वॉशिंगटन में जब अमेरिकी विदेश मंत्री यह बात कह रहे थे तो एस जयशंकर और राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. तब ब्लिकंन की इस टिप्पणी पर किसी ने प्रतिक्रिया नहीं दी थी.

लेकिन बुधवार को वॉशिंगटन में भारतीय मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए एस जयशंकर ने ब्लिकंन की टिप्पणी पर दो टूक प्रतिक्रिया दी है.

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जयशकंर ने कहा, ''सोमवार को वॉशिंगटन में 2+2 बैठक में भारत में मानवाधिकार को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी. लोग हमारे बारे में अपना विचार रखने का हक़ रखते हैं. लेकिन उसी तरह हमें भी उनके बारे में अपना विचार रखने का हक़ है. हमें उन हितों के अलावा लॉबियों और वोट बैंक पर भी बोलने का अधिकार है, जो इन्हें हवा देते हैं. हम इस मामले में चुप नहीं रहेंगे. दूसरों के मानवाधिकारों को लेकर भी हमारी राय है. ख़ासकर जब इनका संबंध हमारे समुदाय से हो. मैं आपको कह सकता हूँ कि अमेरिका समेत बाक़ियों के यहाँ मानवाधिकार की स्थिति को लेकर हमारे पास कहने के लिए है.''

जयशंकर के इस जवाब की सोशल मीडिया पर प्रशंसा हो रही है. बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने लिखा है, ''आख़िरकार किसी ने अमेरिका को बहुत ही आसान सच्चाई आसान भाषा में बताई है. यह नया भारत है. विदेश मंत्री एस जयशंकर आप पर हमें गर्व है.''

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लेखक राजीव मल्होत्रा ने लिखा है, ''बहुत बढ़िया एस जयशंकर. अच्छी शुरुआत. अगला क़दम भारत का यह होना चाहिए कि अमेरिका में मानवाधिकारों पर वार्षिक रिपोर्ट बनाई जाए. मेरी टीम इसमें मदद कर सकती है.''

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पूर्व विदेश सचिव और फ्ऱांस, तुर्की, रूस जैसे कई देशों में भारत के राजदूत रह चुके कंवल सिब्बल ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान की तारीफ़ की है.

उन्होंने ट्वीट किया, "अच्छा है कि जयशंकर ने कूटनीतिक रूप से पलटवार किया है. ब्लिंकन के बयान के बाद रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के जवाब न देने पर भारत में हो रही आलोचना को भी रोकने की ज़रूरत है. अमेरिका भारत के बारे में सबसे बड़े लोकतंत्र और साझा मूल्यों के तौर पर बात करता है लेकिन वह हमारे लोकतंत्र का अनादर भी करता है, जैसा कि ब्लिंकन के बयान में देखने को मिला."

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इमेज कैप्शन, अमेरिका में छात्रों से बातचीत के दौरान एस. जयशंकर और एंटनी ब्लिंकन

अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्या कहा था?

सोमवार को टू प्लस टू वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर नज़र रख रहा है.

ब्लिंकन ने कहा, ''हम साझे मूल्यों (मानवाधिकार) पर अपने भारतीय साझेदारों से नियमित तौर पर बात करते हैं. भारत में कुछ सरकारों, पुलिस और जेल अधिकारियों की ओर से मानवाधिकारों के उल्लंघन पर हमारी नज़र है.''

जब ब्लिंकन ऐसा कह रहे थे तो भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. ब्लिंकन ने भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर और विस्तार से कुछ नहीं कहा. हालांकि जयशंकर और राजनाथ सिंह ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की थी.

ब्लिंकन ने भारत में मानवाधिकार का मुद्दा तब उठाया था, जब अमेरिकी प्रतिनिधि इल्हान उमर ने आरोप लगाते हुए कहा था कि अमेरिकी सरकार नरेंद्र मोदी सरकार के मानवाधिकारों के उल्लंघन पर आलोचना करने से बच रही है. पिछले हफ़्ते इल्हान उमर ने भारत के मुसलमानों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना की थी. उमर ने कहा था कि मोदी सरकार ने भारत में मुस्लिम धार्मिक अनुष्ठानों को अपराध घोषित कर दिया है.

रूस से तेल ख़रीद के मुद्दे पर ब्लिंकन ने कहा था, "भारत के रूस से रिश्ते दशकों में विकसित हुए हैं, जब अमेरिका भारत का साझीदार नहीं बन सका था. आज हम ऐसा कर सकते हैं और चाहते हैं कि भारत हमें अपनी मर्ज़ी से सहयोगी बनाए."

रूस से ऊर्जा सौदों को लेकर ब्लिंकन ने कहा था, "बेशक, हम सभी देशों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वो रूस से अतिरिक्त ऊर्जा आयात न करे. हर देश अलग स्थिति में है, उनकी ज़रूरतें भी अलग-अलग हैं. लेकिन हम चाहते हैं कि हमारे सहयोगी और साझेदार देश रूस से अपनी ऊर्जा खरीद को न बढ़ाएं."

रूस से तेल ख़रीदने पर क्या बोले थे जयशंकर

जयशंकर सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री के साथ वॉशिंगटन में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. एक पत्रकार ने रूस से भारत के तेल ख़रीदने पर सवाल पूछा था.

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इमेज कैप्शन, टू प्लस टू वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों देशों के मंत्री

इसके जवाब में एस जयशंकर ने कहा, ''आप भारत के तेल ख़रीदने से चिंतित हैं लेकिन यूरोप जितना तेल एक दोपहर में ख़रीदता है, उतना भारत एक महीने में भी नहीं ख़रीदता है.''

इससे पहले सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच वर्चुअल बैठक भी हुई. जो बाइडन जब पीएम मोदी से बात कर रहे थे तो वॉशिंगटन में उनके साथ भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

इसके अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन भी मौजूद थे. भारतीय विदेश और रक्षा मंत्री अमेरिका 2+2 बैठक में शामिल होने गए थे.

भारत और अमेरिका के बीच 2+2 की यह चौथी वार्षिक बैठक थी. यह बैठक तब हो रही थी, जब यूक्रेन पर रूस के हमले का दूसरा महीना चल रहा है.

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