डोनल्ड ट्रंप का कोविड पोस्ट फ़ेसबुक ने हटाया और ट्विटर ने हाइड किया

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फ़ेसबुक ने अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप का वो पोस्ट हटा दिया है, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि कोविड-19 फ्लू से "कम घातक" है.
कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप का तीन दिन अस्पताल में इलाज चला, जिसके बाद अब वो व्हाइट हाउस आ गए हैं.
उन्होंने लिखा कि अमरीका ने फ्लू सीज़न "के साथ जीना सीख लिया है", "वैसे ही हम कोविड के साथ जीना सीख रहे हैं, ज़्यादातर आबादी में ये बहुत कम घातक है."
ट्रंप ने ट्विटर पर भी यही संदेश डाला था, जिसे ट्विटर ने हाइड कर दिया है यानी छिपा दिया है.
उनके इस ट्वीट पर एक चेतावनी लिखी दिख रही है कि ये भ्रामक और संभावित रूप से हानिकारक जानकारी हो सकती है.
यूज़र ये चेतावनी पढ़ने के बाद ट्वीट पर क्लिक करेंगे, तभी उन्हें असली ट्वीट दिखेगा.
वहीं फ़ेसबुक के नीति संचार प्रबंधक एंडी स्टोन ने कहा, "हम कोविड -19 की गंभीरता के बारे में ग़लत जानकारी को हटा देते हैं, और हमने इस पोस्ट को अब हटा दिया है."
अभी तक ये पता नहीं चल पाया है कि कोविड-19 की सटीक मृत्यु दर क्या है, लेकिन जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक़ माना जा रहा है कि ये ज़्यादातर फ्लू के स्ट्रेन से 10 गुना या उससे भी ज़्यादा हो सकती है.
राष्ट्रपति ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए एक और ट्वीट किया है, "सेक्शन 230 का निरसन!!!"
वो यहां उस क़ानून का हवाला दे रहे हैं जो कहता है कि सोशल नेटवर्क उनके यूज़र द्वारा पोस्ट किए कंटेट के लिए ज़िम्मेदार नहीं हैं.
लेकिन इसमें कंपनियों को यूज़र्स के "भले के लिए उस कंटेट को ब्लॉक" करने की अनुमति होती है, जो उन्हें अपमानजनक, परेशान करने वाला या हिंसक लग रहा हो.
अगर इस क़ानून को निरस्त किया जाता है तो सोशल मीडिया कंपनियों पर यूज़र के कंटेट में कोई बदलाव करने के लिए मुकदमा किया जा सकता है.

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फ़ेसबुक-ट्विटर ने पहले भी की है कार्रवाई
ये दूसरी बार है जब फ़ेसबुक ने राष्ट्रपति का कोई पोस्ट हटाया है. वहीं ट्विटर कई बार डिलीट करने और चेतावनी देने जैसी कार्रवाइयां कर चुका है.
दोनों ही सोशल नेटवर्क ने वायरस को लेकर संभावित ख़तरनाक ग़लत सूचना से निपटने की प्रतिबद्धता जताई है.
लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप कंपनियों की इस तरह की कार्रवाइयों पर आपत्ति जता चुके हैं.
मई में ट्विटर ने जब पहली बार उनके पोस्ट पर चेतावनी लगा दी थी तो ट्रंप ने उसके तुरंत बाद सेक्शन 230 को निरस्त करने के एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे.
इस प्रस्ताव का सभी राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन किया था - लेकिन अलग-अलग वजहों से.
रिपब्लिकन्स का कहना था कि ऑनलाइन रूढ़िवादी विचारों के ख़िलाफ़ एकतरफा सेंसरशिप लगाई जा रही है और वो इसे रोकना चाहते हैं. वहीं डेमोक्रेट्स का कहना था कि उनकी ग़लत जानकारी को लेकर ज़्यादा दिलचस्पी है.
पिछले हफ़्ते ही अमरीकी सिनेट की कॉमर्स कमिटी ने फ़ेसबुक, ट्विटर और गूगल के प्रमुखों को मामले की आगे जांच करने को लेकर समन जारी किया था.
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