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डोनाल्ड ट्रंप से पहले भी कई अमरीकी राष्ट्रपति जूझे हैं बीमारियों से
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना पॉज़िटिव होने की ख़बर ने पहले से ही मुश्किल चुनावी अभियान को उनके लिए और चुनौतीपूर्ण बना दिया है.
ट्रंप को लेकर इसलिए भी चिंता है, क्योंकि उनकी उम्र 74 साल है. इस आयु वर्ग के लोगों को ही कोविड-19 से सबसे ज़्यादा ख़तरा बताया जा रहा है.
ट्रंप फ़िलहाल अस्पताल से व्हाइट हाउस लौट आए हैं. लेकिन उनका संक्रमण अभी ख़त्म नहीं हुआ है.
कोरोना के कारण ट्रंप को राष्ट्रपति पद से जुड़ी ज़िम्मेदारियाँ निभाने में बहुत मुश्किलें नहीं आएँगी, लेकिन उनके चुनावी अभियान पर इसका असर ज़रूर पड़ सकता है.
लेकिन ट्रंप राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान किसी बीमारी का सामना करने वाले अमरीका के पहले राष्ट्रपति नहीं हैं. कुछ दूसरे राष्ट्रपतियों को ऐसी ही परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था.
जॉर्ज वॉशिंगटन (1789-1797)
अमरीका के पहले राष्ट्रपति को अपने कार्यकाल के दौरान कई तरह की बीमारियों से जूझना पड़ा था.
राष्ट्रपति चुने जाने के कुछ दिनों बाद ही उन्हें जांघ में एक ट्यूमर हो गया था. वॉशिंगटन के मुताबिक़ वो "बहुत बड़ा और तकलीफ़देह" था, जिसके कारण उनके लिए चलना और बैठना मुश्किल हो गया था.
इसके एक साल बाद ही उन्हें इनफ्लूएंज़ा और निमोनिया हो गया, जिसके कारण उनके देखने और सुनने की क्षमता काफ़ी कम हो गई.
उसी साल मई महीने में डॉक्टरों ने कहा था कि वॉशिंगटन के ठीक होने की उम्मीद उन्होंने छोड़ दी है. हालाँकि, वो अचानक ठीक हो गए.
उस दौर में राष्ट्रपति के बीमार होने को राजनीतिक अस्थिरता से जोड़कर देखा जाता था.
वुड्रो विल्सन (1913-1921)
महामारी के कारण बीमार होने वाले ट्रंप अकेले राष्ट्रपति नहीं है.
अप्रैल 1919 में अमरीकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन को स्पैनिश फ़्लू हो गया था, जब वो पहले विश्व युद्ध के बाद एक संधि के लिए पेरिस में थे.
पेरिस पहुँचने पर उन्हें तेज़ बुखार हो गया और खांसी और साँस लेने में तकलीफ़ की शिकायत होने लगी. उनकी हालत इतनी ख़राब थी कि वो बिस्तर पर बैठ भी नहीं पा रहे थे.
विल्सन की तबीयत कुछ दिनों में ठीक हो गई, लेकिन कुछ महीनों के बाद सेरेब्रो वासक्यूलर बीमारी के कारण वो आंशिक रूप से अक्षम हो गए.
ऐसी ही हालत में उन्होंने अपने सहायकों और पत्नी एडिथ की मदद से अपना कार्यकाल 1921 में पूरा किया.
उनसे मिलने की इजाज़त बहुत कम लोगों को थी. उनकी सही हालत की जानकारी उनके डॉक्टर और पत्नी के अलाव कुछ ही लोगों को मिली.
आइज़नहावर (1953-1961)
व्हाइट हाउस में क़दम रखने के दो साल बाद ही आइज़नहावर को गंभीर हार्ट अटैक आया. हालांकि, शुरुआत में अधिकारियों ने मीडिया को बताया था कि उनके पेट में कुछ तकलीफ़ है.
इतिहासकार रॉबर्ट गिल्बर्ट के मुताबिक़ उन्होंने अपनी बीमारी को कम करके बताने की कोशिश की और प्रेस को भ्रमित किया.
इसका नतीजा ये हुआ कि वो दूसरी बार भी राष्ट्रपति बनने में कामयाब हो गए. हालाँकि, डॉक्टरों ने उन्हें चुनाव नहीं लड़ने की सलाह दी थी.
1956 में उन्हें कॉर्हन्स बीमारी हो गई. इससे पाचन तंत्र में सूजन के कारण काफ़ी दर्द होता है. ये बीमारी जानलेवा भी हो सकती है. हालांकि, सर्जरी के बाद वो इस बीमारी से उबर गए.
इसके बाद 1957 में एक स्ट्रोक के कारण आइज़नहावर बायाँ हाथ हिलाने में अक्षम हो गए और उन्हें बोलने में भी परेशानी होने लगी. वो आगे भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए थे. बावजूद इसके उन्होंने 1961 तक का अपना कार्यकाल पूरा किया.
रोनाल्ड रीगन (1981-1989)
डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव लड़ने से पहले रोनाल्ड रीगन राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले सबसे बुज़ुर्ग व्यक्ति थे. रीगन को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ा था. इसी कारण कई लोग ये भी मानते थे कि वो राष्ट्रपति बनने के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं.
उन्हें कई परेशानी वाले दौर से गुज़रना पड़ा. 1985 में उन्होंने एक सर्जरी करवाई और अपनी बड़ा आँत में से कैंसर पॉलीप को हटवा दिया.
70 साल की उम्र में उन्हें फेफड़ों में सूजन की समस्या हुई, लेकिन वो जल्द ही स्वस्थ हो गए. लेकिन, उनके स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर किसी बीमारी के कारण नहीं बल्कि 1981 में उनकी हत्या की कोशिश के कारण पड़ा.
जानकार रसल रिले बताते हैं "देशवासियों को जितना पता था, राष्ट्रपति की हालत उससे बहुत ज़्यादा ख़राब थी."
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