You’re viewing a text-only version of this website that uses less data. View the main version of the website including all images and videos.
पुलवामा CRPF हमला: पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा हम पर आरोप लगाना एक मिनट की बात पर...
भारत प्रशासित कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ़ के क़ाफ़िले पर चरमपंथी हमले के बाद भारत सरकार ने इसमें पाकिस्तान का हाथ बताया है. हालांकि, पाकिस्तान की ओर से इसकी सफ़ाई आई है.
पाकिस्तान के जियो समाचार चैनल से बातचीत में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि वह इसकी निंदा करते हैं और हिंसा उनके देश का रास्ता नहीं है.
उन्होंने कहा, "ये जो घटना हुई है उसकी मैं निंदा करता हूं. मैं समझता हूं कि हिंसा न हमारा रास्ता था और न है."
क़ुरैशी ने कहा कि यह उनकी सरकार की नीति नहीं है.
'अपना मलबा हमारे पर फेंक दीजिए'
उन्होंने कहा, "अफ़सोस थोड़ा मुझे यह हुआ कि भारत ने अभी तक इस मामले में कोई जांच नहीं की और कुछ खोजा नहीं और फ़ौरी तौर पर पाकिस्तान पर आरोप लगा दिया. पाकिस्तान पर आरोप लगाना तो एक मिनट की बात है. आप लगा दीजिए और अपना मलबा हमारे पर फेंक दीजिए लेकिन आज सारी दुनिया इससे प्रभावित नहीं होगी. दुनिया ने इस घटना की निंदा की है और करनी भी चाहिए. यह जो जानों का नुकसान हुआ है उसे कोई भी माफ़ नहीं कर सकता."
जियो चैनल के ट्वीट को पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीटीआई के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया है.
इसके बाद विदेश मंत्री क़ुरैशी ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के बयान को आधार बनाकर अपनी बात रखी.
उन्होंने कहा, "भारत से इसको लेकर आवाज़ें आ रही हैं. फ़ारूक़ अब्दुल्लाह साब ने कहा कि पाकिस्तान पर आरोप लगाना आसान काम है. आप यह भी देखिए कि हमारे यहां क्या हो रहा है भारत प्रशासित कश्मीर में क्या हो रहा है. जो वहां मानवाधिकार उल्लंघन, अत्याचार और रेप हो रहा है. रोज़ जनाज़े उठ रहे हैं, क्या उसकी प्रतिक्रिया स्वाभाविक नहीं है?"
जिओ न्यूज़ समाचार चैनल से क़ुरैशी ने कश्मीर के मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात भी स्वीकार की. साथ ही साथ उन्होंने इस घटना पर शक भी जताया.
उन्होंने कहा कि वह मॉस्कों में रूस के विदेश मंत्री से मिले थे और कहा था कि ऐसा शक है कि राजनीतिक लाभ के लिए चुनाव से पहले 'कोई खेल' हो सकता है.
'मोदी के पास दो विकल्प'
उन्होंने कहा, "भारत के प्रधानमंत्री के पास दो विकल्प हैं. पहला विकल्प है कि वह एक ठेठ राजनेता की तरह अगले चुनाव पर नज़र रखते हुए इस पर अपने बयान दें और अपनी नीति बताएं."
"दूसरा विकल्प उनके पास यह है कि वह एक राजनेता की तरह अपने देश की ग़रीबी और विकास के बारे में सोचें. यह शांति और क्षेत्रीय स्थिरता के बाद ही हो सकती है. अब देखना यह है कि वह पहली डगर पर चलते हैं या दूसरी डगर पर. पाकिस्तान यह कह रहा है कि अगर आपके पास कोई सबूत है तो आप हमसे साझा करिए. हम जांच करेंगे और देखेंगे कि इसमें क्या सच्चाई है. हम सहयोग करेंगे और हम संबंधों में बिगाड़ नहीं चाहते, हम अमन चाहते हैं."
उन्होंने कहा, "यह कह देना कि पाकिस्तान को आप हरा दोगे यह भी ठीक नहीं है क्योंकि हम एक क़ौम हैं और अल्लाह के करम से हम अपना बचाव भी कर सकते हैं और जवाब भी दे सकते हैं. लेकिन हमारा संदेश अमन का है और झगड़े का नहीं है."
ये भी पढे़ं:
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)