You’re viewing a text-only version of this website that uses less data. View the main version of the website including all images and videos.
पुलवामा CRPF हमला: अवधेश तीन दिन पहले ही रवाना हुए थे श्रीनगर
- Author, नितिन श्रीवास्तव
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता, चंदौली से
पुलवामा में सीआरपीएफ़ के मारे गए 46 जवानों में से एक अवधेश कुमार यादव हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली ज़िले के बहादुरपुर गांव के अवधेश सीआरपीएफ़ में रेडियो ऑपरेटर के पद पर तैनात थे.
पूरे गांव में उनकी मौत के बाद मातम पसरा हुआ है. 32 वर्षीय अवधेश ग्रैजुएट थे और बीते चार साल से भारत प्रशासित कश्मीर में तैनात थे. सीआरपीएफ़ में नौकरी करते हुए उन्हें क़रीब सात-आठ साल हो गए थे.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह का जन्म चंदौली ज़िले में ही हुआ था.
अवधेश इसी मंगलवार को छुट्टी से वापस श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे. उन्होंने गांव में एक सप्ताह बिताया था. उनका एक डेढ़ साल का बेटा है.
दुख जताने आए लोगों से घिरे हुए अवधेश के पिता हरकेश लाल यादव कहते हैं, "उनकी मां को कैंसर है, इसके बारे में हाल ही में पता चला है और हम उनका अच्छे अस्पताल में इलाज करा रहे हैं. वह पहले से ठीक हुई हैं लेकिन इस घटना के बाद कौन जानता है कि वह अब कैसे ठीक होंगी?"
उनके बचपन के दोस्त राकेश यादव उनको याद करते हुए कहते हैं कि वह बहुत अच्छा, होनहार और बुद्धिमान छात्र था, उसका सपना हमेशा से सेना में जाना था.
राकेश ने बीबीसी से कहा, "वह जब भी छुट्टी पर आते थे तो हमेशा हमें बहुत वक़्त देते थे और सभी से मुलाक़ात करते थे."
उनके गांव के बाहर जमा भीड़ ग़म में है और 'कश्मीर घाटी में हुए इन हमलावरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई और जल्द न्याय चाहती है.'
गांव के एक बुज़ुर्ग अख़लाक़ ख़ान कहते हैं, "यह बड़े गर्व की बात है कि हमारे बेटे ने देश के लिए बलिदान दिया है. लेकिन यह हरकत कायराना है और आतंकी सीधे लड़ने में सक्षम नहीं हैं."
जब हम बहादुरपुर गांव से जाने लगे जो तक़रीबन 30 युवा वहां पहुंचे और उन्होंने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए.
ये भी पढ़ें:
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)