'न मेरा अकाउंट, न मेरे बोल'

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में केंद्रीय राज्य मंत्री बनी अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को अपने नाम @anupriya_patel से चल रहे एक ट्विटर अकाउंट को फ़र्जी बताया है.
हालांकि यह ट्विटर हैंडल नीले चिन्ह के साथ नहीं है, इसलिए इसकी सत्यता प्रमाणित नहीं का जा सकती.
लेकिन अनुप्रिया पटेल के केंद्रीय राज्य मंत्री बनने से बाद इस हैंडल पर कई नेताओं के बधाई संदेश आए थे. बधाई संदेश भेजने वालों में वाणिज्य और उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद्र गहलोत, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहाण, उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान और कई अन्य मंत्री शामिल थे. इन बधाई संदेशों के उत्तर भी दिए गए.
कथित तौर पर ट्विटर हैंडल @anupriya_patel में कई ऐसे ट्वीट हैं जिनमें भड़काऊ बोल इस्तेमाल किए गए हैं.
अनुप्रिया पटेल का कहना है कि उनका आधिकारिक ट्विटर हैंडल @AnupriyaSPatel है. ऐसा उन्होेंने दिल्ली पुलिस में दर्ज कराई गई एक शिकायत में कहा है.

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उनका कहना है कि उनके नाम से ट्विटर पर कई ग़लत हैंडल मौजूद हैं जिनसे भड़काऊ ट्वीट किए गए हैं.
एक नज़र @anupriya_patel ट्विटर हैंडल पर जिसमें पिछले कुछ महीनों में क्या कुछ कहा गया था.
इसी साल 13 जून को इस हैंडल पर कहा गया था कि कैराना में हो रहे कथित हिंदू पलायन के मुद्दे पर प्रदेश सरकार चुप्पी साधे हुए है.

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एक ट्वीट में गोमांस रखने के शक़ में नौएडा के दादरी में <link type="page"><caption> अख़लाक़</caption><url href="http://www.bbc.com/hindi/india/2016/06/160608_dadri_akhlaq_beef_da" platform="highweb"/></link> की हत्या के साथ इसकी तुलना करते हुए इस ट्विट हैंडल ने आरोप लगाया था कि समाजवादी सरकार ने “अख़लाक पर करोड़ों रुपये न्यौछावर किए लेकिन कैराना के हिंदुओं के लिए दो बोल भी नहीं कहे”.

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इसी महीने एक अन्य ट्वीट में लिखा था, “कभी सुना नहीं था 100 करोड़ डर जाएं 20 करोड़ मुल्लों से.” बाद में यह ट्वीट मिटा दिया गया था.
इस ट्वीट पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसौदिया का कहना था, "अगर ये सही है तो नफ़रत की राजनीति के सबसे खतरनाक मंज़र के लिए तैयार रहिए."

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उन्होंने जॉयदास नाम के एक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट के जवाब में यह लिखा था.

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जेएनयू मामले पर छात्र नेता <link type="page"><caption> कन्हैया कुमार</caption><url href="http://www.bbc.com/hindi/india/2016/03/160314_rustication_kanhaiya_recommended_ps" platform="highweb"/></link> के ज़मानत पर छूटने के बाद मार्च में इस हैंडल से एक ट्वीट किया गया, “दिल्ली हाईकोर्ट की फटकार के बाद कन्हैया की भाषा बदली पर भावना नहीं बदली है”.
कन्हैया कुमार को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
इस साल मार्च और फरवरी में इस ट्विटर हैंडल ने आरएसएस नाम के एक ट्विटर हैंटल से किए गए कई ट्वीट आगे बढ़ाए थे. इनमें से मार्च 4 के एक ट्वीट में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कहा गया था कि वो “राष्ट्रभक्ति के खून में देशद्रोह का खून भरने का काम छोड़ दें वर्ना...”

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फरवरी 17 के एक अन्य ट्वीट में कहा गया था, “आज वतन को,खुद के पाले घड़ियालों से खतरा है बाहर के दुश्मन से ज्यादा घर वालों से खतरा है.”
जिस आरएसएस हैंडल के ट्वीट को री-ट्वीट किया था वो एक फ़र्जी ट्विटर हैंडल था.
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