पत्नी की जेब में होगा शराबियों का आधा वेतन

 शराब
इमेज कैप्शन, एक पूर्व विधायक गुरुशरण छाबडा ने पूर्ण शराब बंदी के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया था
    • Author, नारायण बारेठ
    • पदनाम, जयपुर से बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए

पीने पिलाने में ग़ाफ़िल सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बुरी ख़बर है. राजस्थान में सरकारी फ़रमान है कि अगर कोई कर्मचारी शराब पीकर अपनी पत्नी, बच्चों और माँ-बाप को कष्ट देगा तो उसका आधा वेतन परिजनों के खाते में जमा हो जाएगा.

महिला संगठनों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है. राजस्थान में लगभग सात लाख राज्य कर्मचारी हैं .

इस बारे में सरकार के कार्मिक विभाग ने फ़रमान जारी कर दिया है. सरकारी आदेश के मुताबिक़ अगर किसी राजसेवक को शराब पीने की आदत है और परिवार के प्रति अपने फ़र्ज़ का निर्वाह नहीं कर रहा है, तो उसकी तनख्वाह का आधा हिस्सा पत्नी के खाते में जमा करा दिया जाएगा.

सरकार ने ये क़दम इस बारे में गठित समिति की रिर्पोट के बाद उठाया है. कुछ गांधीवादी संगठनों ने इस बारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शिकायत की थी.

एक पूर्व विधायक गुरुशरण छाबडा ने पूर्ण शराब बंदी के लिए आमरण अनशन शुरू कर दिया था. सरकार ने इस पर विचार किया मगर पूरी तरह <link type="page"><caption> शराब का प्रचलन</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2013/01/130111_drinking_mirror_va.shtml" platform="highweb"/></link> बंद करना उसे कठिन लगा लिहाज़ा सरकार ने अब इस उपाय का सहारा लिया है.

जांच के बाद होगी व्यवस्था

शराब पीने वाले
इमेज कैप्शन, सरकारी आंकड़ो के हिसाब से राजकीय खजाने में राजस्व जमा कराने आबकारी विभाग का दूसरा स्थान है

सरकार ने सिविल सेवा आचरण नियम में बदलाव कर दिया है. इसके तहत अगर राजस्थान सरकार के किसी कर्मचारी को <link type="page"><caption> शराब</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/science/2013/01/130104_alcohol_good_bad_va.shtml" platform="highweb"/></link> पीने की लत है और वह अपने परिवार का ठीक से भरण-पोषण नहीं कर रहा है तो उसे अपने वेतन के आधे हिस्से हाथ धोना पड़ेगा. परिजनों में पत्नी, अवयस्क या विकलांग पुत्र-पुत्री और बुजुर्ग माँ बाप को शामिल किया गया है.

सरकारी आदेश के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी के आचरण को लेकर कोई परिजन शिकायत करेगा या किसी भरोसेमंद सूत्र से जानकारी मिलेगी कि वो शराब या ड्रग जैसे नशीले पर्दार्थ की गिरफ्त में है, तो जांच के बाद उसका आधा वेतन पत्नी के खाते में जमा करने की व्यवस्था की जाएगी.

अभी इसका कोई ठीक-ठीक आँकलन नहीं है कि कितने लोग <link type="page"><caption> शराब</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/international/2012/12/121224_alcohol_in_heart_attack_tretment_sp.shtml" platform="highweb"/></link> पीते हैं. मगर सरकारी आंकड़ो के हिसाब से राजकीय खज़ाने में राजस्व जमा कराने आबकारी विभाग का दूसरा स्थान है.

इस विभाग ने वर्ष 2011 -2012 में 3 ,286. 99 करोड़ रूपए का राजस्व अर्जित किया था. राजस्थान में शराब के पंद्रह बॉटलिंग संयत्र है और लगभग एक हज़ार दुकानें हैं.

साल के तीन सौ पैंसठ दिनों में पांच दिन ऐसे आते है जब शुष्क दिवस के कारण शराब की दुकानें बंद मिलती हैं.

पीने वालो का क्या! कोई ग़म में पीता है, कोई ख़ुशी में. शायर मशविरा देते हैं, थोड़ी थोड़ी पिया करो. लेकिन पीने वालो को तो बहाना चाहिए. शायद सरकार के इस फ़ैसले से मयख़ानों की रौनक़ कम हो.

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