आखिर टूट ही गई बीजेपी और जेडीयू की दोस्ती

- Author, मणिकांत ठाकुर
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता, पटना
गुजरात के मुख्यमंत्री <link type="page"><caption> नरेंद्र मोदी</caption><url href="Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130613_mark_tully_bjp_up_modi_analysis_vr.shtml" platform="highweb"/></link> को बीजेपी की राष्ट्रीय चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाए जाने के बाद से बीजेपी और <link type="page"><caption> जेडीयू गठबंधन</caption><url href="Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130613_bjp_jdu_mkt_ml.shtml" platform="highweb"/></link> में जो खटास पैदा हुई थी वो अब अपनी परिणति पर पहुंच गई है और जेडीयू ने गठबंधन तोड़ने का एलान कर दिया है.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ प्रेस वार्ता में थोड़ी देर पहले गठबंधन तोड़ने के फैसले का एलान किया.
<link type="page"><caption> शरद यादव </caption><url href="Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130613_sharad_yadav_on_nda_rd.shtml" platform="highweb"/></link>ने कहा कि बीजेपी के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन 17 वर्ष से था और अटल जी और <link type="page"><caption> अडवाणी जी</caption><url href="Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130611_advani_resignation_bjp_ns.shtml" platform="highweb"/></link> के साथ बैठकर सभी पार्टियों ने नेशनल एजेंडा बनाया था.
उन्होंने कहा कि अब जो नया दौर चला है, जो कई तरह के राजनीतिक उतार-चढ़ाव आए हैं. उसमें जेडीयू की लगातार कोशिश रही है कि जो एनडीए के नेशनल एजेंडे के दायरे में चलें. लेकिन पिछले छह सात महीनों से जिस तेजी से जो घटनाएं घटी हैं. उससे जेडीयू का गठबंधन में बने रहना मुश्किल हो गया था.
एनडीए का संयोजक पद
शरद यादव ने <link type="page"><caption> गठबंधन तोड़ने का एलान</caption><url href="Filename: http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130615_nitish_jdu_bjp_modi_vr.shtml" platform="highweb"/></link> करते हुए कहा, "आज हमने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक की. सबसे बातचीत कर ये तय हुआ कि अब गठबंधन में साथ चलने से न तो उनके गठबंधन को लाभ होगा और न हमारी पार्टी के लिए ये हितकारी होगा. इसलिए हमने फैसला किया है अब उनका रास्ता और हमारा रास्ता अलग हो गया है. अब जेडीयू गठबंधन से बाहर हो गया है."
इसके साथ ही शरद यादव ने एनडीए के संयोजक का पद भी छोड़ने की घोषणा की है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार ने कहा कि गठबंधन सरकार में शामिल बीजेपी के 11 मंत्रियों के असहयोगात्मक रवैय्ये के कारण उन्होंने राज्यपाल से उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की सिफारिश की है.
उनका कहना था कि कई दिनों से राज्य सरकार में शामिल बीजेपी के मंत्री सरकार के काम में सहयोग नहीं कर रहे थे और अपने दफ्तर तक नहीं आ रहे थे.
बीजेपी का जवाब

उधर, <link type="page"><caption> बीजेपी</caption><url href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130615_nitish_minister_fma.shtml" platform="highweb"/></link> ने जेडीयू के इस फैसले के बाद कहा है कि नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार समिति का चेयरमैन बनाना पार्टी का अंदरुनी फैसला था और इस मामले में बीजेपी पीछे नहीं हटेगी, इसके लिए गठबंधन चाहे कितनी ही बार टूट जाए.
बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा, "बीजेपी नहीं चाहती थी कि गठबंधन टूटे. जेडीयू ने जब ये फैसला कर लिया है तो ठीक है, लेकिन बीजेपी नरेंद्र मोदी के मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगी."
इस बीच बिहार के बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने भी एक प्रेसवार्ता कर जेडीयू के इस क़दम को विश्वासघात करार दिया है और कहा है कि पार्टी इसके खिलाफ़ 18 जून को पूरे राज्य में विश्वासघात दिवस मनाएगी और शांति पूर्वक बिहार बंद करेगी.
उन्होंने कहा कि राजनीतिक इतिहास में आज के दिन को काला दिवस के रूप में लिखा जाएगा.
सुशील मोदी ने कहा कि 2010 का विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने मिलकर लड़ा था. जनता ने आंख मूंद कर एनडीए गठबंधन को विकास के नाम पर प्रचंड बहुमत दिया था. इस प्रचंड बहुमत वाली सरकार को जेडीयू ने एक झटके में तोड़ दिया है.
'विश्वासघात'

उन्होंने कहा कि पिछले चार दिन में ऐसा क्या हुआ जिसके कारण गठबंधन को तोड़ने का काम किया गया है.
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार का चुनाव एनडीए गठबंधन के नेता के रूप में संयुक्त बैठक में किया गया था और नैतिकता का ये तकाज़ा था कि उनको एनडीए के मुख्यमंत्री होने के नाते अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए था और फिर नई सरकार के लिए विश्वास मत हासिल करना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि बीजेपी बिहार की जनता से ये अपील करेंगी कि जेडीयू ने राज्य की जनता और जनादेश के साथ जो विश्वासघात किया है उसका जवाब वो 2014 के लोकसभा चुनाव में दे.
उन्होंने ये भी कहा कि सांप्रदायिकता और मूलभूत सिद्धांतों का मुद्दा राजनीतिक दल अपनी ज़रूरत के हिसाब से बदलते रहते हैं. आज जिनको सांप्रदायिक कहा जा रहा है. 2014 के बाद वो भी धर्मनिरपेक्ष हो जाएंगे.
राज्यपाल से मुलाकात

दाग़दार नेता हमें मंज़ूर नहीं: जद-यूइससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के राज्यपाल डीवाई पाटिल से मुलाकात कर उन्हें राज्य के राजनीतिक हालात से अवगत कराया.
राज्यपाल से मुलाकात कर बाहर निकलने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि 19 जून को राज्य विधानसभा का विशेष अधिवेशन बुलाया जाएगा और वो अपनी सरकार के लिए विश्वास मत हासिल करने का प्रयास करेंगे.
उन्होंने कहा, "कैबिनेट ने विश्वास मत हासिल करने का निर्णय लिया है. हमारी कैबिनेट ने राज्यपाल से 19 जून को राज्य विधानसभा का सत्र बुलाने की सिफारिश की है. 19 जून को हम विश्वास मत हासिल करेंगे."
243 सदस्यों वाले बिहार विधानसभा में जदयू के कुल 118 विधायक हैं जबकि भाजपा के 91 विधायक हैं. कांग्रेस के चार, सीपीआई व लोक जनशक्ति पार्टी के एक-एक और छह निर्दलीय विधायक हैं.
जदयू का दावा है कि वह चार निर्दलीय विधायकों के समर्थन से विधानसभा में ज़रूरी विश्वास मत हासिल कर लेगी.
आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव प्रचार समिति का प्रमुख बनाने की घोषणा की थी जिससे जदयू की नाराज़गी बढ़ गई और आखिरकार पार्टी ने गठबंधन तोड़ने का फै़सला कर लिया.
(बीबीसी हिन्दी के <link type="page"><caption> एंड्रॉएड ऐप</caption><url href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi" platform="highweb"/></link> के लिए क्लिक करें. आप हमें <link type="page"><caption> फ़ेसबुक</caption><url href="https://www.facebook.com/bbchindi" platform="highweb"/></link> और <link type="page"><caption> ट्विटर </caption><url href="https://twitter.com/BBCHindi" platform="highweb"/></link>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)












