कोर्ट जाकर माफ़ कराया चुंबन पर लगा जुर्माना

मुंबई की एक अदालत ने एक युवक को सार्वजनिक स्थान पर लड़की का चुंबन लेने के आरोप से सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है.
अदालत ने युवक पर लगाए गए 12 सौ रुपए के जुर्माने को भी वापस करने का आदेश दिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार यह मामला पिछले साल फरवरी का है, जब 26 साल के कुबेर सरूप को सार्वजनिक स्थान पर अश्लील व्यवहार करने के आरोप में एक पुलिसवाले ने 12 सौ रुपए का जुर्माना लगा दिया था.
सरूप ने बताया कि वे अपनी एक महिला मित्र को छोड़ने बांद्रा के कार्टर रोड गए थे. वहां उनकी मित्र को ऑटोरिक्शा मिल गया. उसे विदा करने से पहले उन्होंने उसके गालों को चूम लिया.
नैतिकता का पाठ
मुंबई में प्रोडक्शन हाउस चलाने वाले सरूप ने बताया कि उनके चूमने को उनकी महिला मित्र ने तो बुरा नहीं माना. लेकिन वहाँ खड़ा एक पुलिसकर्मी इसका बुरा मान गया.
उन्होंने बताया कि पुलिसवाले ने बॉम्बे पुलिस एक्ट की धारा 110 के तहत सार्वजनिक स्थान पर अश्लील व्यवहार के आरोप में उन पर 12 सौ रुपए का जुर्माना लगा दिया.
सरूप ने बताया कि उस पुलिस वाले ने उन्हें जमकर नैतिकता का पाठ पढ़ाया और यह भी बताया कि सार्वजनिक स्थान पर किस तरह का व्यवहार करना चाहिए.
इसके अगले दिन सरूप ख़ुद को निर्दोष बताते हुए अदालत में हाज़िर हुए.
उन्होंने बताया, ''लड़की को छूने और उसे चूमने के आरोप को साबित करने के लिए अदालत में तीन गवाहों का परीक्षण हुआ. लेकिन पुलिस इसे साबित नहीं कर पाई.''
अदालत ने इस मामले में एक अप्रैल को फ़ैसला सुनाते हुए कुबेर सरूप को आरोपों से बरी कर दिया और जुर्माने के रूप में वसूले गए 12 सौ रुपए वापस करने का भी आदेश दिया.
इस फैसले के बाद सरूप अब बांबे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल करने की सोच रहे हैं जिससे भविष्य में किसी को इस तरह से परेशान न किया जा सके.
उन्होंने कहा कि यह एक मूर्खतापूर्ण मामला था और यह अदालत के समय की बर्बादी के सिवाय कुछ नहीं है.












