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अतीक़ अहमद हत्याकांडः मर्डर से लेकर अब तक क्या कुछ हुआ?
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में पूर्व सांसद अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ अहमद की शनिवार रात पुलिस की मौजूदगी में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
ये हत्या उस वक्त हुई जब पुलिस दोनों भाइयों को मेडिकल चेक-अप के लिए काल्विन अस्पताल ले जा रही थी.
रविवार को अतीक़ अहमद और अशरफ़ अहमद के शवों को पोस्टमार्टम के बाद प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में पुलिस के कड़े पहरे में दफ़नाया गया.
टीवी कैमरे में कैद इस हत्याकांड के बाद सियासी घमासान तेज़ हो गया है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों अखिलेश यादव और मायावती ने प्रदेश में क़ानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं जबकि विपक्ष के कई नेताओं ने संविधान के पालन में लापरवाही बरतने पर यूपी सरकार पर निशाना साधा है.
घटना के बाद पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सरकार ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं.
तीनों हमलवारों को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
शनिवार रात क्या हुआ?
एक वीडियो में दिख रहा है कि गोली चलने से पहले हथकड़ी पहने अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे. उनसे पूछा गया कि आपको आपके बेटे को सुपुर्द-ए-ख़ाक करने के दौरान वहां नहीं ले जाया गया, क्या कहेंगे?
इस पर अतीक़ अहमद ने कहा, "नहीं ले गए तो हम नहीं गए."
ठीक इसी वक्त अशरफ़ बोले- "मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम....." ठीक इसी वक्त एक हमलावर ने अतीक़ अहमद की कनपटी के पास पिस्तौल निकाल कर गोली दाग दी.
दोनों के गिरने के बाद भी हमलावर उन पर कई राउंड गोली फ़ायर करते हैं और फिर बंदूक फेंक कर खुद को सरेंडर कर देते हैं.
यूपी पुलिस ने बताया कि इस गोलीकांड में एक कांस्टेबल और एक पत्रकार भी घायल हुए हैं.
गोली चलने से मची भगदड़ के बाद पुलिसकर्मियों ने हमलावरों को पकड़ लिया. वीडियो में सुना जा सकता है कि हमलावर 'सरेंडर सरेंडर' चिल्लाते हैं और धार्मिक नारे लगाते हैं.
इसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और गाड़ी में बिठा कर घटनास्थल से दूर ले गई.
महज़ दो दिन पहले ही अतीक़ अहमद के बेटे असद और उनके सहयोगी ग़ुलाम मोहम्मद का यूपी पुलिस ने झांसी में कथित एनकाउंटर कर दिया था.
अतीक़ अहमद हत्याकांडः घटनाक्रम
- शनिवार रात पुलिस नियमित हेल्थ चेकअप के लिए अतीक़ अहमद और उनके भाई अशरफ़ अहमद को अस्पताल ले गई.
- अस्पताल के बाहर ही मीडिया कर्मियों ने उन्हें रोक कर सवाल जवाब किए, इसी दौरान हमलावरों ने गोली चला दी.
- हमले में अतीक़ अहमद और अशरफ़ अहमद की मौत हो गई. एक कांस्टेबल और एक पत्रकार घायल हो गए.
- तीनों हमलावरों ने पिस्तौल फेंक कर सरेंडर कर दिया, पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया.
- घटना के बाद पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा दी गई और हाई अलर्ट जारी कर दिया गया.
- विपक्षी नेताओं ने प्रदेश में क़ानून व्यवस्था के मसले पर योगी सरकार को घेरा और पूरे घटनाक्रम पर सवाल खड़े किए.
- रविवार को तीनों हमलावरों को कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
- अतीक़ अहमद और अशरफ़ अहमद के शवों का पोस्टमॉर्टम किया गया और फिर दफ़ना दिया गया.
- यूपी सरकार ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के लिए एक समिति का गठन किया है.
प्रदेश में हाई अलर्ट
दिल दहला देने वाले दोहरे हत्याकांड के बाद प्रयागराज और पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई और कई इलाकों में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया.
आला अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में स्थानीय चुनावों के मद्देनज़र पहले से ही धारा 144 लागू है.
मेरठ, बिजनौर, मुरादाबाद, मुज़फ़्फ़रनगर समेत पश्चिम यूपी के कई ज़िलों में पुलिस के आला अधिकारियों ने देर रात फ्लैग मार्च किया.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एक उच्चस्तरीय बैठक की.
सीएम ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए और पुलिस के आला अधिकारियों को प्रयागराज जाने के निर्देश दिए हैं.
उमेश पाल के घर के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीन कुमार ने बताया कि सभी ज़िलों में स्थिति सामान्य है.
हमलावरों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
रविवार को हमलावरों को प्रयागराज कोर्ट में पेश किए जाने से पहले पूरे परिसर में अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने तीनों हमलावरों को कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
पोस्टमार्टम के बाद दफ़नाया गया
रविवार को अतीक़ अहमद और अशरफ़ अहमद के शवों का पोस्टमार्टम किया गया.
दोनों को कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफ़नाया गया. जनाजे में अतीक के दो बेट पहुंचे थे और उन्होंने मिट्टी दी.
पोस्टमार्ट के दौरान ही कब्र को तैयार किया जाने लगा था और कब्रिस्तान के आस पास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी.
पूरे प्रयागराज में कोर्ट से लेकर कब्रिस्तान तक पुलिस के अलावा रैपिड एक्शन फ़ोर्स की कई टुकड़ियां तैनात थीं.
जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित
पुलिस हिरासत में हुई हत्या की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि गृह विभाग ने कमीशन ऑफ़ इन्क्वॉयरी ऐक्ट, 1952 के तहत 15 अप्रैल को प्रयागराज जनपद के संपूर्ण घटनाक्रम की विस्तृत जाँच हेतु न्यायिक आयोग गठित किया है.
विज्ञप्ति के अनुसार, तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग दो महीने के भीतर पूरे प्रकरण की जाँच कर रिपोर्ट शासन को सौंपेगा.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ज जज जस्टिस अरविंद कुमार त्रिपाठी इस न्यायिक आयोग का नेतृत्व करेंगे.
उनके अलावा रिटायर्ड डीजीपी सुबेश कुमार सिंह और रिटायर्ड ज़िला जज बृजेश कुमार सोनी इस न्यायिक आयोग के सदस्य होंगे.
अतीक़ अहमद ने लगाई थी सुप्रीम कोर्ट से गुहार
अतीक़ अहमद ने हत्या से दो हफ़्ते पहले उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान सुरक्षा दिए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया था.
28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अतीक़ अहमद की सुरक्षा की मांग वाली याचिका ठुकरा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अतीक़ अहमद की जान पर ख़तरे की सूरत में उत्तर प्रदेश सरकार की मशीनरी उनकी हिफ़ाज़त करेगी.
अतीक़ की याचिका पर जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी ने उन्हें ये इजाज़त दी थी कि वे चाहें तो सुरक्षा की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा सकते हैं.
अतीक़ ने अपनी याचिका में ये आशंका जताई थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत में रहने के दौरान उनकी जान को ख़तरा है.
विपक्ष ने जताया आक्रोश, बीजेपी नेताओं ने ठहराया जायज़
तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने कहा है कि बीजेपी ने देश को एक 'माफिया रिपब्लिक' में बदल दिया है.
एक अन्य ट्वीट में मोहुआ मोइत्रा ने कहा है कि वो इस बात पर यकीन कर सकती हैं कि सत्यपाल मलिक के इंटरव्यू से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए अतीक़ अहमद को मारा गया है.
बीएसपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने यूपी के क़ानून व्यवस्था और कार्यप्रणाली पर सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की बात कही है.
लोकसभा सांसद और एआईएमआईएम के नेता असदउद्दीन ओवैसी ने कहा कि "एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं."
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, राशिद अल्वी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी, पूर्व सांसद पप्पू यादव, राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल, सांसद कुंवर दानिश अली, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने क़ानून व्यवस्था को लेकर यूपी सरकार को घेरा है.
उधर बीजेपी के कई नेताओं ने इस हत्याकांड को जायज़ ठहराते हुए इसे 'प्राकृतिक न्याय' क़रार दिया.
उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने हत्याकांड को 'आसमानी फ़ैसला' बताया तो मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने इसे "पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में" कहा.
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