वैशाली सड़क हादसा: 'पीपल का ये पेड़ नहीं होता तो पूरा गांव साफ़ हो गया होता...' - ग्राउंड रिपोर्ट

बिहार, वैशाली

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    • Author, सीटू तिवारी
    • पदनाम, वैशाली से, बीबीसी हिंदी के लिए

शांति देवी चुपचाप हैं. बीच-बीच में उनके रोने की हल्की आवाज़ सुनाई देती है. उन्होंने एक साथ अपने दो बेटियों खुशी और शिवानी को खोया है. शिवानी महज़ आठ साल की थी और खुशी 10 साल की.

निर्माण मजदूर संजय और शांति राय की ये दोनों बेटियां 20 नवंबर की शाम तकरीबन सात बजे भुइयां बाबा की पूजा करने साथ-साथ गई थीं.

लेकिन आठ बजते-बजते ये दोनों खिलखिलाती बच्चियां मृत देह बन गईं. इन दोनों बच्चियां को बिहार के वैशाली जिले में एक अनियंत्रित ट्रक ने कुचल दिया.

क्या है मामला ?

बिहार के वैशाली जिले के देसरी थाना क्षेत्र में 20 नवंबर की देर शाम आठ लोगों को एक अनियंत्रित ट्रक ने कुचल दिया. इन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, वहीं घटना में चार लोग घायल हुए हैं.

वैशाली के जिलाधिकारी यशपाल मीणा ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, "इस घटना में घायल हुए लोगों का इलाज पटना के पीएमसीएच सहित अन्य निजी नर्सिंग होम में चल रहा है. ये सभी ख़तरे से बाहर हैं. इस घटना में ट्रक का ड्राइवर भी जख्मी हुआ है जिसका इलाज चल रहा है."

इन आठ मृतकों में छह छोटी लड़कियां और दो युवा लड़के हैं. लक्ष्मी कुमारी, खुशी, कोमल, अनुष्का, शिवानी और सुरूचि की इस हादसे में मौत हो गई है जबकि दो युवा लड़कों चंदन और सतीश की भी मौत हुई है.

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भुइयां बाबा की पूजा

दरअसल, देसरी थाना क्षेत्र में पड़ने वाले नयागंज चौक से आधा किलोमीटर दूर मुख्य सड़क पर एक पीपल का पेड़ है. इस पेड़ के ठीक सामने एक सड़क निकलती है जो टोला नंबर 28 है. इस टोले में आगामी 25 नंवबर को रंजन कुमार की शादी होनी थी.

यादव बहुल इस टोले में ज्यादातर लोगों की तरह रंजन कुमार भी मजदूरी करते हैं. उन्हीं की शादी के सिलसिले में यादव जाति के लोक देवता भुइयां बाबा की पूजा होनी थी.

इस पूजा के लिए टोले की महिलाएं, पुरुष और बच्चे मुख्य सड़क पर पीपल के पेड़ के नीचे जुटे थे. गांव के छोटे बच्चे और कुछ युवक पेड़ के नीचे लगने वाली गुमटी (छोटी सी दुकान) के पास ही खड़े होकर पूजा देख रहे थे. जबकि महिलाएं पेड़ के पास जो ढलान वाला हिस्सा है, वहां पूजा कर रही थीं. यानी बच्चे मुख्य सड़क के नजदीक थे जबकि महिलाएं को पेड़ की आड़ थी.

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पीपल के पेड़ की भूमिका

इस बीच नयागंज चौक की तरफ से एक अनियंत्रित ट्रक अचानक से आया और गुमटी के पास खड़े बच्चों को कुचल दिया.

किरण देवी भी अपनी देवरानी की बेटी कोमल के साथ वहां मौजूद थीं. चौथी क्लास में पढ़ने वाली कोमल की इस हादसे में मौत हो गई है.

किरण देवी कहती हैं, "हमारा पूरा घर वहां मौजूद था. ये सब कुछ अचानक हुआ. अगर पीपल का ये पेड़ नहीं होता तो पूरा गांव साफ़ हो गया होता."

ट्रक की ये टक्कर कितनी जोरदार रही होगी, ये पीपल के पेड़ पर पड़े निशानों को देखकर ही समझा जा सकता है. पेड़ के आस-पास बच्चों की चप्पलें, ट्रक का फूटा शीशा अभी भी बिखरा पड़ा है.

इस हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने मृतकों के क्षत विक्षत शव रखकर प्रदर्शन किया, जिनका बाद में 21 नवंबर की सुबह स्थानीय श्मशान घाट गंजियारी में दाह संस्कार किया गया.

रंजन कुमार जिनकी शादी होनी थी, उनके यहां भी आठ साल की लक्ष्मी कुमारी की मौत हो गई है. उनके घर को शुभ माने जाने वाले आम के पत्तों से सजाया गया था पर अब पूरे टोले में सिर्फ रूदन-क्रंदन सुनाई दे रहा है.

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'हमार बेटा हीरो रहे'

इस टोले के कई घरों के सामने फावड़ा और हल्का सुलगाया हुआ गोइठा (उपले) दिखता है.

19 साल के चंदन राय के घर के सामने भी फावड़ा और गोइठा रखा है. उनकी मां प्रमिला देवी बार-बार कहती हैं, "हमारा बेटा हीरो रहे. हमार हीरो कहां चल गइल. (हमारा बेटा हीरो था. हमारा हीरो कहां चला गया.)"

चंदन के पिता रवींद्र राय भारतीय सेना में रहे हैं और चंदन भी सेना में जाना चाहते थे. चंदन के दादा नागेश्वर राय फफक पड़ते हैं. उनको जैसे-जैसे मृतकों की सूची पता चल रही है, उनका रोना बढ़ता जा रहा है.

वो कहते हैं, "उसका नौकरी का लेटर आने वाला था, लेकिन वो ही चला गया. अब नौकरी के लेटर का क्या करेंगे. नौकरी लगती तो शादी करते उसकी धूम-धाम से."

इस हादसे में घायल 15 साल के सौरभ का इलाज पटना के निजी नर्सिंग होम में चल रहा है. घर के सारे पुरुष इलाज के लिए पटना गए हैं.

सौरभ की मां मिनता देवी चुपचाप शाल ओढे बैठी हैं. वो बताती हैं, "उसके सिर पर टांके लगे हैं और दांत टूट गया है. हम उसका अच्छा इलाज करा रहे हैं."

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'ड्राइवर ने शराब पी रखी थी'

इन सबके बीच टोले के लोगों का कहना है कि ड्राइवर शराब के नशे में था.

घटना स्थल पर पहुंचे महुआ के विधायक मुकेश कुमार रोशन कहते हैं, "पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. शराबबंदी लागू करने के लिए सख्ती बढ़ानी होगी."

वहीं देसरी थाना क्षेत्र की एसआई शरद लता ने कहा, "ड्राइवर भी जख्मी है. उसका इलाज चल रहा है. बाकी जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है जिससे पता चलेगा कि उसने शराब पी थी या नहीं."

इस हादसे के बाद राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान और घायलों के समुचित इलाज का निर्देश दिया है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है.

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'सरकार ने मौत भेजी है'

सुमिन्दर राय और रीना की 12 साल की सुरूचि भी अब इस दुनिया में नहीं रही. सुरूचि के तकरीबन 80 साल के दादा की बूढ़ी आंखें अब भी नम हैं.

वो हर आने वाले को देखकर अपने कुर्ते के एक छोर से आंख पोछकर अपना दुख छिपाने की असफल कोशिश कर रहे हैं.

सुमिन्दर के घर से थोड़ी ही दूर पर इस गांव की एक और बुजुर्ग रेशमी देवी बैठी हैं. उनके घर में सभी लोग सुरक्षित हैं, लेकिन वो लगातार रोए जा रही हैं.

और सिर्फ एक ही बात रटती रहती हैं. वो कहती हैं, "सरकार ने मौत भेजी है. कोई रोड पर नहीं जाना. हम तुम लोगों के पांव पड़ते हैं."

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