बिहार में आरजेडी नेताओं के ठिकानों पर सीबीआई छापे, क्या है पूरा मामला?

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बिहार में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के बीच कथित नौकरी के बदले ज़मीन घोटाले में आरजेडी नेताओं के घर सीबीआई की छापेमारी जारी है.
सीबीआई जिन आरजेडी नेताओं के घर पर छापेमारी कर रही है उनमें लालू यादव के करीबी माने जाने वाले और एमएलसी सुनील सिंह, सांसद अशफ़ाक़ क़रीम और फ़ैयाज़ अहमद और पूर्व एमएलसी सुबोध राय शामिल हैं.
सीबीआई इस सिलसिले में देश में 25 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. इनमें गुरुग्राम में एक निर्माणाधीन मॉल भी शामिल है.
18 मई को आरजेडी प्रमुख और उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती, हेमा यादव के ख़िलाफ़ दर्ज केस के सिलसिले में ये छापेमारी की जा रही है. इनके अलावा अन्य 12 लोगों के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज़ किया गया है.
दावा किया जा रहा है कि 2008-09 में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर रेलवे जोन में लोगों को ज़मीन के बदले नौकरियां दी गईं.

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राजनीतिक साजिश का आरोप
आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है. सुनील सिंह को लालू यादव का करीबी माना जाता है
सुनील सिंह ने कहा, "ये जानबूझकर किया जा रहा है. इसका कोई मतलब नहीं है. वो ये सोचकर कर रहे हैं कि डर से विधायक उनके पक्ष में आ जाएंगे."
सीबीआई की छापेमारी ऐसे समय में हुई है जब बिहार में नीतीश कुमार की अगुआई वाली जेडीयू-आरजेडी गठबंधन की नई सरकार का विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन किया है.

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आरजेडी ने कहा, खुन्नस निकाली जा रही है
ये कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. ऐसा दावा है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान रेल मंत्रालय में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे ज़मीन ली गई थी.
छापेमारी को लेकर आरजेडी ने बीजेपी पर निशाना साधा है और कहा है कि बिहार में सरकार न चला पाने की खुन्नस निकाली जा रही है. आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा है कि बुधवार का दिन बिहार के लिए महत्वपूर्ण दिन है और इसलिए डराने के मकसद से यही दिन छापेमारी के लिए चुना गया है.
बिहार में चल रही छापेमारी को लेकर आरजेडी सांसद मनोज झा ने मीडिया से बात करते हुए बीजेपी पर सवाल खड़ा किया और कहा कि इन संस्थाओं के चरित्र को तहस-नहस कर दिया गया है. उन्होंने कहा, "किस बात की खुन्नस निकाली जा रही है. आप सरकार नहीं चला पाए इसकी? महाराष्ट्र से लेकर बिहार तक आपकी स्क्रिप्ट वही है, बिहार इसका बदला अपनी तरह से लेगा."
आप राजनीतिक रूप से लड़ाई नही लड़ सकते. आप इन्हें ईडी, सीबीआई की नहीं, भाजपा की रेड कहिए. ये संगठन भाजपा के लिए काम करते हैं."

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आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा, ''मुझे आश्चर्य नहीं हुआ. मैंने खुद अपने पिछले ट्वीट में कहा था कि ईडी,सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग अपना अगला ऑपरेशन बिहार में करने की तैयारी कर रहा है.''
कांग्रेस के प्रवक्ता आसित नाथ तिवारी ने कहा कि बिहार में सरकार बदलते ही छापेमारी शुरू हो गई. लेकिन सीबीआई अधिकारियों को याद रखना चाहिए कि ना तो हिटलर और ना मुसोलिनी का राज हमेशा के लिए रहा है.
जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता और एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि केंद्र ने सीबीआई और ईडी के ज़रिये बिहार में 'शक्ति परीक्षण' का ख़तरनाक खेल शुरू कर दिया है.
जबकि बीजेपी के प्रवक्ता प्रमोद कुमार ने कहा आरजेडी नेताओं ने बहुत धन इकट्टा किया है इसलिए उनके ख़िलाफ़ छापेमारी हो रही है,
उन्होंने कहा, '' नीतीश कुमार ने न सिर्फ ने सिर्फ़ जनादेश का अपमान किया है बल्कि उन्होंने भ्रष्ट लोगों के साथ गंटबंधन कर लिया है. वे राजनीतिक बदला लेने का आरोप लगा रहे हैं. लेकिन हमें इससे डरने वाले नहीं हैं. ''
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क्या हैं आरोप ?
सीबीआई ने कथित ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले में 23 सितंबर 2021 को पीई (प्रिलिमनरी इनक्वायरी) दर्ज की थी. आरोप लगाया गया है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते इसके तहत रेलवे के ग्रुप डी के पदों पर लोगों को आवेदन के तीन दिन के अंदर नौकरी दी गई और बाद में उन्हें नियमित कर दिया गया. इसके बदले नौकरी पाने वालों के परिवार ने राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम अपनी ज़मीन ट्रांसफर की.
सीबीआई का कहना है कि लालू प्रसाद के परिवार ने पटना में कैश पेमेंट कर 1.05 लाख वर्गफुट जमीन खरीदी है.
सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया है, ''गिफ्ट डीडी के अलावा जमीन के जो सात टुकड़े यादव परिवार को दिए हैं उनकी कीमत मौजूदा सर्किल रेट के हिसाब से 4.39 करोड़ रुपये है. कहा गया है कि ये ज़मीनें लालू यादव के परिवार ने मौजूदा सर्किल रेट से कम रेट पर खरीदी है. ''
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