पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में मौत, परिवार ने प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

दीपक मलिक

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इमेज कैप्शन, 18 मई को दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दीपक मलिक की मौत हो गई.
    • Author, सत सिंह
    • पदनाम, बीबीसी हिंदी के लिए

"एक बूढ़ी मां है उसके घर में, उसके पिता भी नहीं हैं. दीपक मलिक से पूछते थे कि जीवन में क्या करना है, तो बताता था कि मां की सेवा करनी है" - ये बात दीपक मलिक के साथ दिल्ली के वज़ीराबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग करने वाले उनके एक साथी ने कही है.

दीपक मलिक छोटे थे जब उनके पिता नहीं रहे. घर पर बूढ़ी मां है जो इस इंतजार में थी कि उनका जवान बेटा ट्रेनिंग पूरी कर जेल वार्डन बनेगा.

दीपक मलिक का पिछले साल जनवरी में जेल वार्डन के पद पर सिलेक्शन हुआ था. लेकिन अब घर में मातम पसरा हुआ है. 18 मई को दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में दीपक मलिक की मौत हो गई.

दीपक मलिक हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले थे. उनकी मौत के बाद उनके परिवार ने पुलिस ट्रेनिंग सेंटर और प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं.

दीपक मलिक के भाई विकास मलिक का कहना है कि उनका भाई 20 अप्रैल को सही सलामत ट्रेनिंग गया था, उस वक्त सब ठीक था. दो-तीन बार वो घर भी आया लेकिन तबीयत खराब होने के चलते और सही समय पर अच्छा इलाज नहीं मिलने की वजह से उनकी मौत हो गई.

विकास बताते हैं, "मेरे भाई को सुबह 6 बजे से लेकर 11 बजे तक धूप में खड़ा रखा. 11 बजे उसे इलाज के लिए भेजा गया लेकिन अस्पताल में एडमिट नहीं किया गया. 12 बजे वो वापस आया और शाम तक संघर्ष करता रहा लेकिन उसे इलाज नहीं मिल सका."

परिवार वाले दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में सुविधाओं की कमी और प्रशासन को दिपक की मौत के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. परिवार दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है.

मृतक दीपक मलिक की मां

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दीपक मलिक की मौत के बाद दिल्ली पुलिस एकेडमी के डायरेक्टर ने ट्विटर पर बयान जारी कर सफाई दी है.

उन्होंने लिखा है, "दिल्ली पुलिस के वज़ीराबाद कैंपस में एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ. जिसमें एक ट्रेनी जेल वार्डन की मृत्यु हो गई. ये हादसा 18 मई को हुआ. हादसा किन परिस्थितियों में हुआ इसकी जांच दिल्ली पुलिस एकेडमी के सीनियर पुलिस अधिकारी कर रहे हैं. स्थानीय पुलिस भी क़ानून के हिसाब से अपना काम कर रही है."

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दिल्ली पुलिस के वज़ीराबाद ट्रेनिंग सेंटर में सुविधाओं को लेकर दूसरे ट्रेनी भी सवाल उठा रहे हैं.

उनका कहना है, "इस ट्रेनिंग सेंटर में पिछले एक हफ्ते से पानी नहीं है. लड़के बीमार हो जाते हैं उनकी कोई सुनवाई नहीं है. हमें नौकरी मिली है. ज़रूरत पड़ने पर हमें छोटे से सरकारी अस्पताल में ले जाते हैं. सुबह चार बजे से रात करीब 9 बजे तक ट्रेनिंग चलती है."

"जिन बैरक में ज़्यादा से ज़्यादा 10 से 15 लोग रह सकते हैं उनमें 25-25 लड़कों को रखा गया है."

मृतक दीपक मलिक का घर

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सेंटर में ट्रेनिंग ले रहे लोगों का कहना है कि जिस दिन दीपक की मौत हुई उस दिन उसकी तबीयत ख़राब थी, लेकिन इसके बावजूद उसे ग्राउंड पर बुलाया गया था.

वे बताते हैं, "उसकी इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो बेड से भी खड़ा हो पाए."

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली पुलिस के वज़ीराबाद ट्रेनिंग सेंटर में सुविधाएं ना होने के आरोपों को दिल्ली पुलिस एकेडमी के डायरेक्टर ऋषि पाल ने खारिज किया है.

उनका कहना है, "दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स में मेडिकल इमरजेंसी की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है. सभी कैंपस में एंबुलेंस की भी सुविधा है. ट्रेनिंग करने वालों को किसी भी स्वास्थ्य सहायता के लिए हमने निकटतम सरकारी अस्पतालों से करार किया हुआ है."

साथ ही उन्होंने कहा है, "दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग कैंपस में पानी और मेस की सुविधा है. ट्रेनिंग की क्वालिटी की निगरानी सीनियर पुलिस अधिकारियों के द्वारा की जाती है."

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