कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में पार्टी का नया नारा- 'भारत जोड़ो'

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- Author, मोहर सिंह मीणा
- पदनाम, जयपुर से, बीबीसी हिंदी के लिए
कांग्रेस के नव संकल्प शिविर (चिंतन शिविर) में पूरी तरह से संगठन मज़बूती और युवाओं पर फोकस रहा.
शिविर में कांग्रेस ने साल 2022 के लिए नया नारा दिया है 'भारत जोड़ो'.
उदयपुर में हुए कांग्रेस के तीन दिवसीय नव संकल्प शिविर (चिंतन शिविर) में संगठन को मजबूत करने के लिए 430 नेताओं ने मंथन किया. पार्टी की ओर से गठित छह कमेटियों ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में रिपोर्ट पर चर्चा के बाद कई प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई है.
संगठन में रिक्त पदों पर तय समय में नियुक्ति, पदयात्रा निकालने, मंडल कांग्रेस कमेटी का गठन करने, एक व्यक्ति एक पद नियम लागू करने, युवाओं की पचास फीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने, नेताओं और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देने समेत कई निर्णय लिए गए हैं.

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जनता के बीच जाएंगे
शिविर के अंतिम दिन रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा, "शॉर्टकट से ये नहीं होने वाला है. मैं बता रहा हूं जो सोचता है कि शॉर्ट कट करके ये काम किया जा सकता है, ये काम ऐसे नहीं हो सकता है. ये काम पसीने से ही किया जा सकता है. हम सब में ये करने की क्षमता है, ये हमारे डीएनए में है. हमें एक बार फिर जनता के बीच में जाना है."
नेताओं का हौसला बढ़ाने के लिए राहुल गांधी ने कहा, "डिप्रेशन में न जाएं क्योंकि लड़ाई लंबी है. यह लड़ाई रीजनल पार्टियां नहीं लड़ सकतीं, रीजनल पार्टियां बीजेपी को नहीं हरा सकतीं क्योंकि उनके पास विचारधारा नहीं है. यह लड़ाई केवल कांग्रेस ही लड़ सकती है."
पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलकर काम करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "हम ज़रूर लौटेंगे. सभी साथ मिलकर काम करें. आगामी गांधी जयंती पर कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो यात्रा शुरू की जाएगी."

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सीडब्ल्यूसी ने किया अप्रूव
राज्य प्रभारी अजय माकन ने कहा, "सभी छह कमेटी कन्वीनर ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी. हाल में हुए चुनाव में अपेक्षाकृत परिणाम न आना, संगठन की खामियां और ज़रूरी तब्दीलियां करने व ज़मीन जुड़ाव के लिए गहन मंथन किया गया."
उन्होंने कहा, "छह विषयों के चर्चा से भविष्य के रास्ते के कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाल कर सामने आए हैं."
उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को पार्टी की असल ताक़त बताया.
उन्होंने कहा, "अगले 90 से 180 दिनों में देशभर में ब्लॉक स्तर, ज़िला स्तर, प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर सभी रिक्त नियुक्तियां संपूर्ण कर जवाबदेही सुनिश्चित कर की जाएगी.

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संगठन को मज़बूत करने के लिए ब्लॉक स्तर के साथ ही अब मंडल कांग्रेस कमिटियों का भी गठन किया जाए.
कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर तीन नए विभागों का गठन किया जाएगा. विभिन्न मुद्दों पर जनता के विचारों को जानने के लिए पब्लिक इनसाइट डिपार्टमेंट का गठन होगा.
पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट का गठन होगा, केरल स्थित 'राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज़' से इस राष्ट्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की शुरुआत की जाएगी.
चुनावों की प्रभावी तैयारी के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के स्तर पर इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट का गठन किया जाएगा.

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युवाओं को मिलेगा मौक़ा
कांग्रेस कार्यसमिति, राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल पदाधिकारियों में 50 प्रतिशत पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम हो.
राष्ट्रीय, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल संगठनों की इकाईयों में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों व महिलाओं को न्यायसंगत प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.
पाँच साल से ज़्यादा कोई भी व्यक्ति एक पद पर नहीं रहेगा, पार्टी के इस फैसले से नए लोगों को मौक़ा मिलेगा.
संगठन में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत लागू होगा और इसी तरह एक परिवार, एक टिकट का नियम भी लागू होगा. किसी परिवार में दूसरा सदस्य राजनीतिक तौर से सक्रिय है, तो पाँच साल के संगठनात्मक अनुभव के बाद ही वह व्यक्ति कांग्रेस टिकट के लिए पात्र माना जाएगा.
उत्तर-पूर्व के प्रांतों के लिए गठित की गई नॉर्थ ईस्ट को-ऑर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष को कांग्रेस कार्य समिति का स्थाई आमंत्रित सदस्य बनाया जाएगा.

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युवाओं से जुड़ी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में युवाओं के लिए विभिन्न तरह की गतिविधियों और कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया है. जिससे युवाओं को साथ जोड़ा जा सके.
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों में से कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से एक समूह का गठन होगा, जो समय-समय पर ज़रूरी और महत्वपूर्ण राजनैतिक विषयों पर निर्णय लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष को सुझाव देगा.
हर प्रांत के स्तर पर भिन्न-भिन्न विषयों पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए एक 'पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी' का गठन किया जाएगा.
एआईसीसी व प्रदेश कांग्रेस कमिटियों का सत्र साल में एक बार ज़रूरी रूप से आयोजित किया जाएगा. इसी प्रकार, ज़िला, ब्लॉक व मंडल कमिटियों की बैठक नियमित रूप से आयोजित की जाएगी.

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ज़िला स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक होंगी पदयात्रा
अजय माकन ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में अप्रूव हुए प्रस्तावों को बताते हुए कहा, "आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर हर ज़िला स्तर पर 9 अगस्त से 75 किलोमीटर लंबी पदयात्रा का आयोजन हो, जिसमें स्वतंत्रता संग्राम के लक्ष्यों व त्याग तथा बलिदान की भावना प्रदर्शित हो."
पार्टी अध्यक्ष ने आगामी गांधी जयंती से कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकलने की घोषणा की है.
राहुल गांधी ने भी जनता से जुड़ने के लिए यात्राएं निकलने का आह्वान किया है.
अजय माकन कहा, "भारतीय राष्ट्रवाद ही कांग्रेस का मूल चरित्र है. इसके विपरीत भाजपा का छद्म राष्ट्रवाद सत्ता की भूख पर केंद्रित है."
शिविर में राजनीतिक कमेटी की चर्चा में बीजेपी पर भी हमला बोला गया.
रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए अजय माकन ने कहा, "सत्तासीन दल द्वारा भारतीय संविधान और उसमें निहित सिद्धांतों, अधिकारों व बाबा साहब अम्बेडकर की सोच पर षड्यंत्रकारी हमला बोला गया है."

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संगठन में बदलाव की ज़रूरत
शिविर की दो दिन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने की प्रेस वार्ता में भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. साथ ही कांग्रेस की खामियों पर भी चर्चा की और समय के साथ संगठन में बदलावों को ज़रूरी बताया.
शिविर में संगठन, राजनीति, सामाजिक न्याय एवं सशक्तीकरण, अर्थव्यवस्था, किसान एवं कृषि और युवाओं से जुड़े विषयों पर छह अलग-अलग गठित कमेटियों ने चर्चा कर एक रिपोर्ट तैयार की.
कमेटियों ने अपनी अपनी रिपोर्ट्स में संबंधित विषयों पर सुझाव दिए. सीडब्ल्यूसी की बैठक में अधिकतर सुझावों को अप्रूव किया गया है. जबकि, विस्तृत पार्टी रिपोर्ट अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास है.
साल 2013 के बाद यानी 9 साल बाद कांग्रेस ने चिंतन शिविर में मंथन किया है. कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि इस शिविर के बाद कांग्रेस बदले हुए रूप में नज़र आएगी. यह समय के साथ देखना होगा कि चिंतन शिविर से कांग्रेस ने ख़ुद में कितना बदलाव किया है.
हालांकि, नेताओं की अंदरूनी गुटबाजी से निकल पाना भी कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती रहेगी. उदयपुर में चिंतन शिविर के दौरान ही पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ के इस्तीफे ने कहीं न कहीं पार्टी में गुटबाजी को फिर उजागर कर दिया है.
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