गोरखपुर : गोरखनाथ मंदिर में हुए हमले को आतंकी घटना कहा जा सकता है: उत्तर प्रदेश सरकार

गोरखनाथ मंदिर

इमेज स्रोत, ANI

    • Author, अनंत झणाणें
    • पदनाम, बीबीसी संवाददाता, लखनऊ से

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों पर रविवार शाम को एक शख़्स ने धारदार हथियार से हमला कर दिया और नारेबाज़ी की.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं.

घटना शाम सात साढ़े सात बजे की है जब मंदिर परिसर के गेट नंबर एक पर एक हमलावर ने दो सिपाहियों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया.

हमला करने के बाद हमलावर गोरखनाथ मंदिर के परिसर में घुस गया जहां पर पुलिसवालों और स्थानीय लोगों ने उस पर काबू पाकर उसे हिरासत में ले लिया.

सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने गोरखपुर की घटना के बारे में बताया, "गोरखनाथ मंदिर में पुलिस के जवानों पर किया गया हमला गंभीर मामला है, ये एक साज़िश का हिस्सा है और इसको एक आतंकी घटना कहा जा सकता है."

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हमले का वीडियो हुआ वायरल

घटना से जुड़े वायरल वीडियो में हमलावर अहमद मुर्तज़ा अब्बासी अपने हाथ में हसिया लिए खड़ा और कुछ स्थानीय लोग और पुलिस वाले उस पर पत्थर फ़ेंक रहे हैं.

फिर बाद में भीड़ लाठियों और डंडों से उस पर हमला बोल देती है. वीडियो में कुछ लोग और पुलिस उसे भीड़ से बचाते हुए भी नज़र आते हैं.

पुलिस उसे घेर लेती है और उसके बाद वो ज़मीन पर गिरा हुआ नज़र आता है.

घटना का सीसीटीवी फुटेज भी वायरल हुआ है जिसमे गोरक्षनाथ पीठ का द्वार दूर से नज़र आ रहा है.

सीसीटीवी फुटेज में चल रही घड़ी के मुताबिक़, घटना का समय लगभग सात बज कर 32 मिनट दिख रहा है.

वीडियो में द्वार पर बैठे पुलिस कर्मियों पर अचानक बाईं ओर से हमला होते हुए और अफरा-तफरी की स्थिति बनती दिखाई देती है.

हमलावर चौराहे के बीच में ज़मीन पर गिरे हुए आदमी पर बार-बार वार करते नज़र आ रहा है. उसे रोकने के लिए कुछ लोग कोशिश करते हैं लेकिन वो उनका पीछा करके उन्हें दौड़ाने लगता है और मंदिर परिसर में घुस जाता है.

इस घटना के चश्मदीद, चौराहे पर तैनात ट्रैफिक सिपाही रमेश सिंह ने मीडिया को बताया, "पीएसी वाले बैठे थे. वो अकस्मात आया और कुछ गमछे में लपेटे था. और पता नहीं दोनों में क्या बात हुई लेकिन वो मारने लगा. वजह हमको भी नहीं पता, कैसे मारा, पागल है कि क्या है. हमने भी पकड़ने की कोशिश की. लेकिन जब हमें भी मारने लगा तो छोड़ दिया हमने. जब वो अंदर गया तब वो पकड़ा गया. अंदर घुस गया था और हथियार लहरा रहा था. और वहां पर सब डंडा, ईंट, लाठी मारे हैं."

एडीजी अखिल कुमार
इमेज कैप्शन, एडीजी अखिल कुमार

अभियुक्त ने की है आईआईटी से पढ़ाई: एडीजी गोरखपुर

रविवार शाम को घटना के तुरंत बाद गोरखपुर ज़ोन के एडीजी अखिल कुमार ने मीडिया को ब्रीफ़ करते हुए हमला करने वाले का नाम अहमद मुर्तज़ा अब्बासी और उसे शहर के सिविल लाइंस, गोरखपुर निवासी बताया.

उन्होंने बताया, "जो बरामदगी हुई है, उसमें फ़ोन और लैपटॉप मिला है. अभी तक की प्राथमिक छानबीन से ये पता चला है कि आईआईटी पवई से इंजीनियरिंग की थी और 2015 में ग्रैजुएट हुआ था. वो काफी पढ़ा-लिखा आदमी है. ऐसी स्थिति में ऐसी चीज़ क्यों हुई है, इसकी गहराई से छानबीन की जाएगी. एयर टिकट और कुछ और भी चीज़ीं मिली हैं लेकिन अभी हम आपको ज़्यादा नहीं बता पा रहे हैं. मंदिर सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है और अच्छा रिस्पॉन्स किया है और उसी कारण वो पकड़ा गया है."

घटना के बारे में ज़्यादा जानकारी देते हए वो कहते हैं, "हमलावर ने मंदिर के गेट पर तैनात पीएसी के दो जवानों पर अचानक एक धारदार हथियार से हमला किया. जिसमें दो पुलिसवाले घायल हो गए. बाद में उसे अनुराग नाम के एक सिपाही ने पकड़ लिया."

एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि इस दौरान पुलिस ने काफी धैर्यपूर्वक काम किया और स्थिति को कंट्रोल करने की कोशिश की.

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यूपी एटीएस करेगी घटना की जांच

सोमवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते वक़्त उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, "बरामदगी को देख कर लगता है कि ये बड़ी साज़िश की तैयारी थी और हम लोग इस चीज़ से इनकार नहीं कर सकते कि आज की तारीख में ये आतंकी घटना नहीं थी. उत्तर प्रदेश के एडीजी एटीएस और एडीजी एसटीएफ दोनों गोरखपुर रवाना हो चुके हैं और दोनों ही एजेंसी संयुक्त रूप से इस घटना की जांच करेंगी."

प्रशांत कुमार का दावा है कि जो दस्तावेज़ बरामद हुए हैं, वो बड़े सनसनीखेज़ हैं.

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गोरखनाथ मंदिर से जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बारे में अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने कहा कि इस घटना के बाद वहां पर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा होगी और उत्तर प्रदेश सरकार, "महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा पुर्नरीक्षित (सिक्योरिटी रिव्यू) की गई है और उसके तहत ही वहां पर अधिक बल भी स्वीकृत किए गए हैं, जो आगे थ्रेट परसेप्शन है उसके साथ. समय-समय पर सुरक्षा योजनाओं की समीक्षा, सेशन स्तर पर तथा स्थानीय स्तर की जाती है."

उत्तर प्रदेश सरकार ने घायल हुए पीएसी के दो कॉन्स्टेबल गोपाल गौड़ और अनिल पासवान और सिविल पुलिस के कॉन्स्टेबल अनुराग राजपूत के लिए पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. अवनीश अवस्थी ने पुलिस के सिपहियों की सराहना करते हुए कहा, "वहां तैनात बहादुर पुलिस कर्मियों ने इस घटना को विफल कर दिया और कोई बड़ी घटना नहीं होने दी."

इस मामले में पुलिस दो मुक़दमे दर्ज कर कार्रवाई कर रही है.

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