गुड़गांव में नमाज़ के लिए दी गई जगह पर हुई गोवर्धन पूजा: प्रेस रिव्यू

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गुड़गांव के सेक्टर 12 में हिंदूवादी संगठनों ने नमाज़ के लिए पहले मंज़ूर की गई जगह पर शुक्रवार को गोवर्धन पूजा की.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार इस पूजा का आयोजन संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति ने किया था. भाजपा नेताओं ने भी इस पूजा में हिस्सा लिया.
संगठन के सदस्यों ने कहा कि ये पूजा खुले में होने वाली नमाज़ के ख़िलाफ़ उनका विरोध दिखाने का तरीक़ा है.
इससे पहले गुड़गांव में खुले में नमाज़ को लेकर कई बार विवाद हो चुका है. जिन जगहों को खुले में नमाज़ के लिए मंज़ूरी दी गई थी वहां आसपास रहने वाले लोगों ने इसका विरोध किया था.

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इसके बाद मुस्लिम समुदाय ने विवाद वाली जगहों पर नमाज़ ना पढ़ने का फ़ैसला किया था. उन्होंने मस्जिदों और वक़्फ बोर्ड की ज़मीनों पर अतिक्रमण हटाने का भी अनुरोध किया था.
शुक्रवार को सेक्टर 29 में लेज़र वैली ग्राउंड और अन्य तय जगहों पर नमाज़ पढ़ी गई. वहीं, सेक्टर 47, सेक्टर 12 और डीएलएफ फेज-3 में गोवर्धन पूजा की गई. दोनों ही जगहों पर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी.
पुलिस उपायुक्त केके राव ने कहा, "किसी भी जगह पर विवाद होने की ख़बर नहीं है. अधिकतर मुसलमानों ने सेक्टर 29 के लेज़र वैली ग्राउंड में नमाज़ पढ़ी और वो सेक्टर 12 के इलाक़े में नहीं गए क्योंकि वहां गोवर्धन पूजा चल रही थी."
अफ़ग़ानिस्तान पर भारत की NSA बैठक में किन देशों ने आने की भरी हामी

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भारत में अफ़ग़ानिस्तान को लेकर होने जा रही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) स्तरीय बैठक में रूस, ईरान और मध्य एशियाई देशों ने शामिल होने की पुष्टि कर दी है.
भारत में 10 नवंबर को अफ़ग़ानिस्तान पर 'दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता' होने जा रही है. इसी बैठक में अलग-अलग देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हिस्सा लेंगे और भारत के NSA अजीत डोभाल इसकी अध्यक्षता करेंगे.
अंग्रेज़ी अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि भारत सरकार को चीन के जवाब का इंतज़ार है जबकि पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने पहले ही इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है.
अख़बार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इसी तरह की दो बैठकें सितंबर 2018 और दिसंबर 2019 में ईरान में हो चुकी हैं. तीसरी बैठक भारत में होनी थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते पहले नहीं हो पाई.
सूत्रों के मुताबिक- "भारत के न्योते पर बढ़-चढ़कर प्रतिक्रियाएं मिली हैं. रूस, ईरान और मध्य एशियाई देशों ने इसमें शामिल होने की पुष्टि की है."
ऐसा पहली बार है जब ना सिर्फ़ अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी बल्कि मध्य एशियाई देश भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं.
सूत्रों ने बताया, "ये उत्साहजनक प्रतिक्रिया अफ़ग़ानिस्तान में शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के क्षेत्रीय प्रयासों में भारत की भूमिका के महत्व को दिखाती है. चीन और पाकिस्तान को भी इसके लिए निमंत्रण भेजा गया था. चीन के आधिकारिक जवाब का इंतजार है."
पाकिस्तान पहले ही मीडिया के ज़रिए इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर चुका है.
पाकिस्तान के एनएसए मोईद युसूफ ने मंगलवार को कहा था कि वो अफ़ग़ानिस्तान पर भारत में होने वाली बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, "मैं नहीं जाऊंगा, स्थितियां बिगाड़ने वाला शांति स्थापित नहीं कर सकता."
पाकिस्तान के फ़ैसले पर सूत्र ने कहा, "पाकिस्तान का फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन इसमें हैरानी की बात नहीं है. यह अफ़ग़ानिस्तान को अपने संरक्षित राज्य के तौर पर देखने की मानसिकता को दिखाता है. पाकिस्तान ने पहले भी ऐसी बैठकों में हिस्सा नहीं लिया था."
बीजेपी सांसद की गाड़ी पर किसान प्रदर्शनकारियों का हमला
हरियाणा के हिसार में बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा के ख़िलाफ़ किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया गया.
अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया में ख़बर है कि विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों ने भाजपा सांसद की गाड़ी पर लाठियां फेंकी जिससे उनकी गाड़ी का शीशा टूट गया.
हालांकि, इस घटना में किसी को चोट नहीं आई है लेकिन रामचंद्र जांगड़ा ने इसे "साफतौर पर हत्या की कोशिश" कहा है.
ऐसी भी ख़बरे हैं कि कार्यक्रम में शामिल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को रोहतक ज़िले में एक मंदिर में सात घंटों तक बंद भी रखा गया था.
केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसान हरियाणा में भाजपा और जननायक जनता पार्टी के नेताओं के कार्यक्रमों का विरोध कर रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक हिसार के नारनौंद में विरोध प्रदर्शनकारियों का एक समूह रामचंद्र जांगड़ा की गाड़ी के रास्ते पर काले झंडे लेकर खड़ा हो गया था. बाद में उनके जाने के लिए रास्ता खाली कराया गया.
रामचंद्र जांगड़ा ने बताया कि पुलिस ने जानकारी दी है कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
जांगड़ा ने बताया, "अपना कार्यक्रम ख़त्म करने के बाद मैं किसी दूसरे कार्यक्रम में जा रहा था तब कुछ शरारती तत्वों ने मेरी कार पर लाठियां फेंक दीं जिससे गाड़ी को नुक़सान पहुंचा. इसमें किसी को चोट नहीं आई है."

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दिवाली के बाद दिल्ली में हवा सबसे ज़्यादा ख़राब
दिवाली में पटाखे जलाने से हुए प्रदूषण से दिल्ली-एनसीआर की हवा पहली बार इतने ख़राब स्तर पर पहुंच गई है.
अंग्रेज़ी अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स लिखता है कि शुक्रवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 462 पर था. 2015 में निगरानी शुरू होने के बाद से अब तक यह दिवाली के बाद का सबसे ख़राब एक्यूआई है.
साल 2015 के बाद से दिल्ली में दिवाली के एक दिन बाद एक्यूआई में सबसे तेज़ गिरवाट दर्ज की गई. दिवाली से पहले एक्यूआई 314 पर था.
पटाखों के अलावा पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से आने वाले धुएं ने भी दिल्ली के प्रदूषण में इज़ाफ़ा किया.
दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने से होने वाले धुएं का हिस्सा गुरुवार को 25 प्रतिशत था और ये शुक्रवार को बढ़कर 36 प्रतिशत हो गया जो इस मौसम में सबसे ज़्यादा है.
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