पैग़ंबर मोहम्मद पर की थी टिप्पणी, डासना के महंत ने मानाः दिल्ली पुलिस - प्रेस रिव्यू

महंत यति नरसिंहानंद

इमेज स्रोत, SAMEERATMAJ MISHRA/BBC

दिल्ली पुलिस के मुताबिक महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने पूछताछ के दौरान माना है कि उन्होंने 'पैग़ंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी की थी.'

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक महंत नरसिंहानंद से ये पूछताछ दिल्ली में अप्रैल में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर की गई थी. करीब ढाई घंटे तक चली पूछताछ के दौरान महंत ने ये दावा भी किया कि लोगों ने उन्हें 'ग़लत समझा.'

यति नरसिंहानंद ग़ाज़ियाबाद स्थित डासना में एक मंदिर के महंत हैं. ये मंदिर मार्च में उस वक़्त चर्चा में आया था जब यहां नल से पानी पीने को लेकर एक मुस्लिम बच्चे की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ. महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उस वक़्त कहा था कि उन्हें इस घटना पर कोई अफ़सोस नहीं है.

इंडियन एक्सप्रेस ने महंत से हुई पूछताछ को लेकर दिल्ली पुलिस के हवाले से बताया है कि प्रेस क्लब में एक अप्रैल को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले का ख़ुद संज्ञान लेते हुए केस दर्ज किया था.

अख़बार के मुताबिक वीडियो मे महंत 'इस्लाम और पैग़ंबर के ख़िलाफ़ अपमानजनक बातें कह रहे थे.'

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि इस मामले में पहली पूछताछ जांच अधिकारी ने की थी. उसके बाद एसीपी रैंक के एक अधिकारी की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम ने उनसे दोबारा पूछताछ की.

पुलिस के मुताबिक जब महंत नरसिंहानंद सरस्वती से प्रेस क्लब में दिए गए बयान के बारे में पूछा गया, तो " सरस्वती ने माना कि उन्होंने ये बयान दिया था लेकिन दावा किया कि लोगों ने उन्हें ग़लत समझा और उनकी मंशा की गलत व्यख्या की गई. "

पुलिस के मुताबिक महंत के बयान के वीडियो को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाना था लेकिन जब महंत ने मान लिया कि बयान सही तो पुलिस ने जांच नहीं कराने का फ़ैसला किया.

मॉब लिंचिंग

इमेज स्रोत, Twitter

त्रिपुरा: जानवर चोरी के आरोप में तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या

त्रिपुरा में मवेशी चोरी के आरोप में तीन लोगों को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला.

द हिंदू अख़बार ने पुलिस के हवाले से लिखा है कि यह घटना रविवार की है. जब त्रिपुरा के खोवाई ज़िले के उत्तरी महारानीपुर में भीड़ ने मिनी ट्रक में मवेशी ले जा रहे तीन लोगों को पीट-पीटकर मार डाला.

द इंडियन एक्सप्रेस अख़बार खोवाई के एसपी किरण कुमार के हवाले से लिखता है कि मारे गए तीन लोग 28 वर्षीय ज़ायद हुसैन, 30 वर्षीय बिलाल मियां और 18 वर्षीय सैफ़ुल इस्लाम हैं जो कि सेपाहीजाला के सोनामूरा इलाक़े के रहने वाले थे.

पुलिस के अनुसार, नमनजॉयपाड़ा के ग्रामीणों ने रविवार की सुबह एक ट्रक में पांच जानवरों के साथ तीनों को भागते हुए देखा जिसके बाद उन्होंने उनका पीछा किया और उत्तरी महारानीपुर गांव के पास इन्हें रोक लिया.

ग्रामीणों ने ट्रक पर सवार तीन लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी और उसी दौरान दो लोगों को पीट-पीटकर मार डाला. जबकि इनमें से सैफ़ुल भागने में कामयाब रहा.

द टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार के अुसार, भीड़ ने उत्तरी महारानीपुर के पास की एक अन्य बस्ती मंगियाकामी के पास सैफ़ुल को भी पकड़ लिया और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी.

ज़िले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सोनाचरन जमातिया ने बताया, मामले की जानकारी मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस तीनों को अगरतला के जीबीपी अस्पताल ले गई जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

द हिंदू अख़बार को एक स्थानीय पुलिस कर्मचारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, "हमने मिनी ट्रक को अपने क़ब्ज़े में ले लिया है और उसमें सवार पांच गायों को भी."

उन्होंने कहा कि कुछ जानवर उत्तरी महारानीपुर के पास नमनजॉयपाड़ा के पास से चोरी हुए थे.

सीपीआई(एम) ने बयान जारी कर कहा है कि यह हादसा दर्शाता है कि राज्य में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति क्या है.

उन्होंने आरोप लगाया है कि जब से राज्य में बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार बनी है तब से राज्य में इस तरह की घटनाएं बढ़ गई हैं.

जानवरों की तस्करी और भीड़ के पीट-पीटकर मार डालने के दो अलग मामले चंपाहोवेर और कायनपुर पुलिस थानों में भी दर्ज हुए हैं लेकिन अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है.

फ़रवरी में ढलाई ज़िले के लालछेरी गांव में अज्ञात लोगों ने एक ट्रक ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

दिसंबर 2020 में एक 21 वर्षीय युवा को अगरतला में चोरी के संदेह में पीट-पीटकर मार डाला था.

वहीं, साल 2018 में बच्चा चोरी की अफ़वाहों के कारण पीट-पीटकर मार डालने के मामले में त्रिपुरा काफ़ी ख़बरों में था.

कोरोना

इमेज स्रोत, EPA

आज से लागू होगी नई टीकाकरण पॉलिसी

प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद आज से देशभर में सभी को मुफ़्त कोरोना टीके लगेंगे. इसका सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि अब टीके लगवाने के इच्छुक लोगों को कोविन पोर्टल पर पहले से पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं होगा.

साथ ही नई व्यवस्था के अनुसार, सभी के टीकाकरण का पूरा ख़र्च केंद्र सरकार ही वहन करेगी.

देश में कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण की योजना को गति देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से घोषणा की गई थी कि सोमवार से 18 साल के ऊपर के सभी लोगों को मुफ़्त खुराक़ मुहैया करायी जाएगी. नई व्यवस्था के अनुसार, अब राज्यों को टीके ख़रीदने की ज़रूरत नहीं होगी.

जनसत्ता अख़बार की ख़बर के अनुसार, भारत में अभी हर रोज़ क़रीब 30 लाख टीके दिये जा रहे हैं. नई योजना से इसमें तेज़ी आने की उम्मीद है.

किसान

इमेज स्रोत, Getty Images

'किसान या तो खुद हटें वरना...'

तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर बीते छह महीने से अधिक समय से डटे हुए हैं. इन किसानों के ख़िलाफ़ अब स्थानीय लोग सामने आ गए हैं.

दैनिक हिंदुस्तान की ख़बर के अनुसार, रविवार को 36 गावों के लोगों ने महापंचायत की और प्रदर्शन कर रहे किसानों को अल्टीमेटम दिया है कि 'या तो वे दस दिनों के भीतर खुद ही जगह खाली कर दें वरना उनसे जगह को जबरन खाली करवाना पड़ेगा.'

महापंचायत के बाद गांववालों ने कहा कि अगर आंदोलन कर रहे किसान खुद नहीं हटे को गांववाले ही उन्हें हटा देंगे.

यह महापंचायत सिंघु बॉर्डर से करीब डेढ़ किलोमीटर दूर सिरसा गांव में हुई. इसमें दिल्ली से दस और हरियाणा के 26 गांवों से आए लोगों ने हिस्सा लिया.

महापंचायत के सदस्य ताहर सिंह के हवाले से अख़बार ने लिखा है कि- 26 नवंबर से किसान बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. इसकी वजह से सीमा से लगे 36 गांवों के लोग बंधक बन गए. दुकानें बंद हो गई हैं और आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है. दिल्ली जाने के लिए 20 किलोमीटर अतिरिक्त घूमकर जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें..

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)