परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, अनिल देशमुख की सीबीआई जांच कराई जाए

परमबीर सिंह

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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने होम गार्ड विभाग में ट्रांसफर किए जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट से उन आरोपों की जांच कराये जाने की भी मांग की है जिसका जिक्र उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में किया था.

सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका सोमवार को दायर की गई है.

माना जा रहा है कि सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी परमबीर सिंह की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में परमवीर सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आदेश देने की मांग की है, "ताकि सीबीआई महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री श्री अनिल देशमुख के भ्रष्ट आचरण की तुरंत निष्पक्ष, बिना किसी के प्रभाव के, तटस्थ और साफ-सुथरी जॉंच कर सके."

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याचिका में उठाए गए मुद्दे

इसके अलावा परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वो महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश को रद्द करे जिसके तहत मुंबई पुलिस के आयुक्त पद से उनका ट्रांसफर कर दिया गया है.

उन्होंने अदालत से इसके लिए आदेश जारी करने की मांग की है. परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार का यह आदेश अवैध और मनमाना है.

अपनी याचिका में उनका दावा है कि राज्य सरकार का ताज़ा आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का साफ़—साफ़ उल्लंघन है.

उनका तर्क है कि टीएसआर सुब्रमण्यन बनाम केंद्र सरकार के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आयुक्त और डीजीपी पद के लिए दो साल का न्यूनतम कार्यकाल निर्धारित किया था जिसका उनके मामले में पालन नहीं हुआ है.

परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया है कि अदालत ने कई फैसलों में कहा है कि निश्चित कार्यकाल वाले संवेदनशील पद से किसी अधिकारी के तबादला के लिए उचित आधार के साथ-साथ इसके लिए पर्याप्त विचार-विमर्श भी होना चाहिए.

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लोकसभा में हंगामा

मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के पत्र को लेकर सोमवार को लोकसभा में हंगामा हुआ. इस मामले में बीजेपी ने उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार से इस्तीफ़ा माँगा है.

परमबीर सिंह ने उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में आरोप लगाया था कि प्रदेश के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने महाराष्ट्र पुलिस से हर महीने 100 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य दिया था. बीजेपी ने इस मामले में सीबीआई जाँच की भी माँग की. लोकसभा में शून्य काल के दौरान बीजेपी सांसद मनोज कोटक ने शिव सेना और एनसीपी के हंगामे के बीच कहा कि परमबीर सिंह के पत्र के अनुसार मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने निलंबित असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे से हर महीने मुंबई के 1,742 बार और रस्तरां से 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था.

कोटक ने कहा कि जो सत्ता पर आसीन हैं वे अपने शक्ति का इस्तेमाल पैसे की अवैध वसूली में कर रहे हैं और इसके बावजूद मुख्यमंत्री ने इस मामले में एक शब्द नहीं कहा है. उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और महाराष्ट्र के गृह मंत्री को तत्काल पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए और पूरे मामले की सीबीआई जाँच करानी चाहिए.

बीजेपी सांसद राकेश सिंह ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है और इसे राज्य का विषय बताकर टाला नहीं जा सकता. सिंह ने कहा कि पत्र से साफ़ है कि शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार अवैध वसूली में लगी है.

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