इमरान ख़ान बोले- मोदी चुनाव जीतना चाहते हैं, वार्ता नहीं चाहते- उर्दू प्रेस रिव्यू

इमरान ख़ान

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    • Author, इक़बाल अहमद
    • पदनाम, बीबीसी संवाददाता

पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते भारत प्रशासित कश्मीर से जुड़ी ख़बरें सबसे ज़्यादा सुर्ख़ियों में रहीं.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर कश्मीर के मसले को बातचीत के ज़रिए हल करने की दावत दी है.

अख़बार दुनिया के अनुसार कश्मीर एकजुटता दिवस के मौक़े पर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में आयोजित एक जलसे को संबोधित करते हुए इमरान ख़ान ने कहा, "मेरा यहाँ आने का मक़सद दुनिया को यह संदेश देना था कि दुनिया ने 1948 में संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीरियों को अपने भविष्य का फ़ैसला करने का हक़ दिया था, दुनिया को याद कराने आया हूं कि वो कश्मीरियों को वो हक़ दें. संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी हमेशा याद दिलाऊंगा कि उन्होंने कश्मीरियों के हवाले से अपना वादा पूरा नहीं किया."

इमरान ख़ान ने भारत प्रशासित कश्मीर में रहने वालों को संबोधित करते हुए कहा, "कश्मीरियों को मेरा संदेश है कि जब भी उन्हें आत्मनिर्णय का अधिकार मिलेगा और वो अपने भविष्य का फ़ैसला करेंगे तो इंशाअल्लाह वो पाकिस्तान के हक़ में फ़ैसला करेंगे. उसके बाद हम उन्हें पूरा अधिकार देंगे कि वो आज़ाद रहना चाहते हैं या पाकिस्तान का हिस्सा बनना चाहते हैं."

इमरान खान

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इमरान ने कहा कि पूरा पाकिस्तान और पूरी मुस्लिम दुनिया कश्मीरियों के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि कोई मुस्लिम देश किसी कारण अगर कश्मीर का समर्थन नहीं भी करता है तो उस देश के नागरिक कश्मीरियों के साथ खड़े हैं.

इमरान ने कहा कि इंसाफ़ चाहने वाले ग़ैर-मुस्लिम भी यही कहते हैं कि कश्मीरियों को उनका हक़ मिलना चाहिए.

इमरान ख़ान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज़िक्र करते हुए कहा, "मोदी से बातचीत के ज़रिए मसले के हल की कोशिश की. फिर कहता हूँ बातचीत के अलावा मसले का कोई दूसरा हल नहीं है. हमें शुरू में यह बात नहीं समझ में आई कि भारत बातचीत से क्यों परहेज़ करता है, फिर पुलवामा की घटना हुई तब पता चला कि यह बातचीत नहीं चाहते, यह चुनाव जीतना चाहते हैं."

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इमरान ख़ान ने आगे कहा, "भारतीय प्रधानमंत्री को दावत है कि आएँ हमारे साथ मिलकर कश्मीर समस्या का समाधान करें. भारत पाँच अगस्त, 2019 का विवादित फ़ैसला वापस ले. कश्मीरियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार उनका हक़ दे, फिर हम भारत से बातचीत करने के लिए तैयार होंगे."

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान कश्मीरियों का समर्थन करता रहेगा.

अख़बार नवा-ए-वक़्त से बातचीत में क़ुरैशी ने कहा कि कश्मीर समस्या पाकिस्तान की विदेश नीति का सबसे अहम पहलू है और जब तक इस मसले का हल नहीं निकल जाता दूसरे तमाम मुद्दों पर इसको प्राथमिकता दी जाती रहेगी.

कश्मीर

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'कश्मीर में भारत की पकड़ कमज़ोर हो रही है'

क़ुरैशी ने कहा, "भारत प्रशासित कश्मीर में भारत की पकड़ धीरे-धीरे कमज़ोर होती जा रही है. आज के भारत में धर्मनिरपेक्षता ख़त्म होती और हिंदुत्व की सोच उभरती हुई नज़र आ रही है. ब्रिटेन की संसद से आवाज़ें उठ रहीं हैं, यह निश्चित तौर पर हमारी राजनयिक सफलता है."

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा ने भी कहा है कि समय आ गया है कि भारत प्रशासित कश्मीर में हो रहे कथित मानवीय त्रासदी को ख़त्म किया जाए.

अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार कश्मीर एकजुटता दिवस के मौक़े पर सेना प्रमुख ने एक बयान जारी कर कहा, "हम भारत प्रशासित कश्मीरियों को उनके दिलेराना संघर्ष पर सलाम पेश करते हैं जो भारतीय सेना के कथित ज़ुल्म, मानवाधिकारों के उल्लंघन और लॉकडाउन का मुक़ाबला कर रहे हैं."

लेकिन पाकिस्तान में 11 विपक्षी पार्टियों के समूह पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने कहा है कि भारत प्रशासित कश्मीर के मामले में मोदी और इमरान एक पेज पर हैं.

मोदी और इमरान

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'मोदी और इमरान एक पेज पर'

अख़बार जंग के अनुसार कश्मीर एकजुटता दिवस के मौक़े पर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की राजधानी मुज़फ़्फ़राबाद में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए पीडीएम के नेताओं ने कहा, मोदी और इमरान एक पेज पर हैं. 'अयोग्य नेताओं को कश्मीरियों के फ़ैसले का हक़ नहीं. इमरान ख़ान और उनकी लॉबी कश्मीर के विभाजन की योजना पर अमल कर रहे हैं, हम साज़िश कामयाब नहीं होने देंगे.'

पीडीएम के प्रमुख मौलाना फ़ज़लुर्रहमान ने कहा कि कश्मीरियों को पाकिस्तान से अलग करने की कोशिश करने वालों को इतिहास माफ़ नहीं करेगा, अगर कश्मीर (पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर) में इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) की सरकार बनी तो यह पाकिस्तान से बुरा हाल कर देंगे.

इसी जलसे में मुस्लिम लीग(नवाज़) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ ने कहा कि राजनीतिक मतभेद के बावजूद राष्ट्रीय हित के मसलों पर हमसब एक हैं.

मरियम नवाज़ का कहना था, "राष्ट्रीय हित, परमाणु कार्यक्रम और कश्मीर के मुद्दे पर हम सब एक हैं. जब भी कश्मीर का ज़िक्र आएगा, इमरान ख़ान मुजरिम के तौर पर खड़े होंगे."

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अख़बार दुनिया के अनुसार पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने भी इमरान ख़ान पर जमकर हमला किया.

बिलावल भुट्टो ने कहा, "किसी कठपुतली को कश्मीर की आज़ादी का सौदा करने की इजाज़त नहीं देंगे. मोदी को जवाब देना है तो पाकिस्तान में लोकतंत्र क़ायम करनी होगी. सरकार (इमरान ख़ान की सरकार) मुशर्रफ़ ( पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़) फ़ॉर्मूले पर चल रही है. कश्मीर का राजदूत बनने का दावा करने वाला कुलभूषण जाधव का वकील बनने की कोशिश कर रहा है. हमारी बहादुर वायुसेना ने भारत का जहाज़ गिराया और जंगी क़ैदी पकड़ लिया सिलेक्टेड प्रधानमंत्री ने अभिनंदन ( पाकिस्तान में पकड़े गए भारतीय वायुसेना के कमांडर अभिनंदन) को चाय पिलाकर वापस भेज दिया. कश्मीर पर सौदा मंज़ूर नहीं."

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कश्मीर एकजुटता दिवस

भारत प्रशासित कश्मीर में भारत की मौजूदगी के विरोध में पाकिस्तान में हर साल पाँच फ़रवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1990 में हुई.

पाकिस्तान के एक धार्मिक और राजनीतिक संगठन जमात-ए-इस्लामी के तत्कालीन प्रमुख क़ाज़ी हुसैन अहमद ने 1990 में पाकिस्तान सरकार को सुझाव दिया था कि भारत प्रशासित कश्मीर में रह रहे लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक ख़ास दिन का चयन किया जाए.

उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री नवाज़ शरीफ़ और उस समय पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो को यह सुझाव पसंद आया और उन्होंने इसके लिए पाँच फ़रवरी का दिन चुना और इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी की घोषणा कर दी.

1990 के बाद अब हर साल पाकिस्तान में पाँच फ़रवरी को कश्मीर एकजुटता दिवस मनाया जाता है.

इस दौरान देश भर में रैलियां निकाली जाती हैं, कश्मीरियों का समर्थन करते रहने के वादे किए जाते हैं, ह्यूमन चेन बनाया जाता है, संयुक्त राष्ट्र के दफ़्तर के सामने प्रदर्शन किए जाते हैं.

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