पाकिस्तान में इमरान ख़ान और विपक्ष के बीच बढ़ा टकराव- उर्दू प्रेस रिव्यू

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- Author, इकबाल अहमद
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते विपक्ष की लाहौर रैली, कैबिनेट में फेरबदल, भारत और पाकिस्तान से जुड़ी एक रिपोर्ट सुर्ख़ियों में रहीं.
सबसे पहले बात विपक्ष के लाहौर रैली की. विपक्षी महागठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रैटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ रविवार 13 दिसंबर को लाहौर में होने वाले जलसे की पूरी तैयारी कर ली है.
लाहौर के ऐतिहासिक मीनार-ए-पाकिस्तान के सामने स्थित इक़बाल पार्क में होने वाली रैली के लिए प्रशासन ने इजाज़त तो नहीं दी है, लेकिन रैली की तैयारी के दौरान प्रशासन की तरफ़ से किसी भी तरह की रुकावट पैदा करने की भी कोशिश नहीं की गई.
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक निजी न्यूज़ चैनल से बातचीत के दौरान कुछ दिनों पहले कहा था कि उनकी सरकार लाहौर में रैली की इजाज़त नहीं देगी, लेकिन प्रशासन जलसे की राह में किसी क़िस्म की रुकावट भी नहीं डालेगा.
इससे पहले विपक्षी महागठबंधन सरकार के ख़िलाफ़ अब तक गुजरांवाला, कराची, क्वेटा, पेशावर और मुल्तान में बड़ी रैलियां कर चुका है जिनमें हज़ारों लोग शरीक हुए थे.
लाहौर की रैली से पहले पीडीएम के संयोजक और जमीयत-उलेमा-इस्लाम के अध्यक्ष मौलाना फ़ज़लुर्रहमान ने कहा कि विपक्षी दल पूरी तरह संवैधानिक रास्ता अपना रहे हैं.

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अख़बार जंग के अनुसार मौलाना फ़ज़लुर्रहमान ने कहा, "हम पूरी तरह संवैधानिक रास्ता अपना रहे हैं, हम बंदूक़ तो नहीं उठा रहे हैं. हम जनता के बीच जा रहे हैं."
रैली से पहले उसकी तैयारियों का जायज़ा लेने के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़ गुट) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज़ भी इक़बाल पार्क पहुँचीं.
मरियम नवाज़ ने कहा कि वो और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो एक साथ जलसे में पहुँचेंगे. बिलावल भुट्टो के लिए ख़ास तरह का ट्रक तैयार किया गया है.
'इमरान ख़ान की सरकार को एक आख़िरी धक्का दें'

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मरियम नवाज़ ने लोगों से अपील की कि वो हर हालत में मीनार-ए-पाकिस्तान पहुँचकर इमरान ख़ान की सरकार को एक आख़िरी धक्का दें. उन्होंने कहा कि '13 दिसंबर जलसे का नहीं, फ़ैसले का दिन है.'
उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, "जिस जगह (मीनार-ए-पाकिस्तान) पर सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले लोगों ने खड़े होकर पाकिस्तान का प्रस्ताव पास किया था, उसी जगह पर सच्चाई के साथ खड़े होकर आप एक नया इतिहास लिखेंगे. एक आज़ाद सुबह होने को है."
मरियम नवाज़ ने कहा कि इमरान ख़ान के मंत्री उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. बिलावल भुट्टो ने कहा कि अब बातचीत का वक़्त गुज़र चुका है. उन्होंने कहा कि इमरान ख़ान ख़ुद हालात का जायज़ा लें और इस्तीफ़ा दे दें.
हालांकि पीडीएम के संयोजक फ़ज़लुर्रहमान ने कहा कि उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर किसी और से किसी ने संपर्क किया है तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है.
उन्होंने आगे कहा, "बातचीत के लिए भरोसा किस पर किया जाए. जिसको आप सरकार कहते हैं हम उसे हुकूमत नहीं समझते हैं."
लेकिन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री शिब्ली फ़राज़ ने कहा कि सरकार का कोई मंत्री विपक्ष से संपर्क नहीं कर रहा और अगर ऐसा है तो विपक्ष बताए कि किस मंत्री ने संपर्क किया है.
उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष इस्तीफ़ा देना चाहता है तो शौक़ से दे, वहां उप-चुनाव करवा दिए जाएंगे. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, "नवाज़ शरीफ़, ज़रदारी और फ़ज़लुर्रहमान भ्रष्टाचार के सुल्तान हैं."
कैबिनेट में फेरबदल

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प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने मंत्रिमंडल में अहम बदलाव किए हैं. रेल मंत्री शेख़ रशीद को गृह मंत्री बनाया गया है.
अख़बार जंग ने लिखा है, "पीडीएम से निपटने के लिए गृहमंत्री बदले गए."
जंग के अनुसार मुस्लिम लीग के सांसद मियाँ जावेद लतीफ़ ने कहा है कि शेख़ रशीद को गृह मंत्री इसलिए बनाया गया है कि पीडीएम के लोगों पर लाठीचार्ज हो. उन्होंने कहा कि सरकार शेख़ रशीद जैसे व्यक्ति से विपक्ष को नियंत्रित करना चाहती है जो आग से खेलने जैसा है.
शेख़ रशीद ने गृह मंत्रालय संभालने के बाद कहा कि उन्हें कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं लेकिन उन्हें पता है कि उन्हें क्या करना है.
अख़बार दुनिया के अनुसार शेख़ रशीद ने कहा कि विपक्ष का यही हाल रहा तो इमरान ख़ान अगला चुनाव भी जीतेंगे.
उनका कहना था, "देश में अराजकता फैलाने के लिए फंडिंग हो रही है. देश को बाहर से नहीं, अंदर से ख़तरा है. विपक्षी दल शौक़ से जलसा करें, जलसों और रैलियों से इमरान ख़ान नहीं जाएंगे."
ईयू डिसइन्फ़ोलैब की रिपोर्ट ने पाकिस्तान के दावों को मज़बूत किया है: पाकिस्तानी विदेश मंत्री

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पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि ईयू डिसइन्फ़ोलैब की ताज़ा रिपोर्ट ने पाकिस्तान के के दावों को मज़बूत किया है कि भारत एक लंबे अर्से से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करने की कोशिश कर रहा है.
यूरोपीय यूनियन में फ़ेक न्यूज़ पर काम करने वाले एक संगठन 'ईयू डिसइन्फ़ोलैब' ने दावा किया है कि पिछले 15 सालों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नेटवर्क काम कर रहा है जिसका मक़सद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बदनाम करना और भारत के हितों को फ़ायदा पहुँचाना है.
ईयू डिसइन्फ़ोलैब ने बुधवार को इंडिया क्रोनिकल्स नाम से एक रिपोर्ट को जारी किया था.
अपनी रिपोर्ट में ईयू डिसइन्फ़ोलैब ने कहा था कि इस काम के लिए कई निष्क्रिय संगठनों और 750 स्थानीय फ़र्ज़ी मीडिया संस्थानों का इस्तेमाल किया गया.

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ईयू डिसइन्फ़ोलैब का कहना है कि "पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम" करने और संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार काउंसिल और यूरोपीय संसद में फ़ैसलों को प्रभावित करने के इरादे से इस नेटवर्क को बनाया गया था. इसमें दिल्ली स्थित एक समूह श्रीवास्तव ग्रुप और भारत की एक प्रमुख समाचार एजेंसी एएनआई का नाम भी आया था.
हालांकि इस रिपोर्ट ने साफ़ कहा है कि इस बात के अभी तक कोई सबूत नहीं हैं कि इस नेटवर्क के पीछे भारत सरकार का हाथ है.
लेकिन इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के सलाहकार मोईद यूसुफ़ ने संयुक्त प्रेसवार्ता की.
क़ुरैशी ने कहा कि ईयू डिसइन्फ़ोलैब की रिपोर्ट ने भारत के घिनौने इरादों की क़लई खोल दी है. उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हाइब्रिड वॉर छेड़ रखा है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उनकी एनजीओ कमेटी सरकारों की सरपरस्ती में चलने वाले फ़र्ज़ी एनजीओ की जाँच करे ताकि आगे कोई फ़र्ज़ी एनजीओ अपने प्रोपेगैंडा के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्लेटफ़ॉर्म इस्तेमाल ना कर सके.
सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ़ ने भारत पर हमला करते हुए कहा, "इस वक़्त हम जिस दुश्मन से निपट रहे हैं, वो कोई देश नहीं रहा वो एक माफ़िया बन गया है."
भारत ने इस रिपोर्ट को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया है.

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शुक्रवार को एक प्रेस कॉऩ्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इस मामले पर भारत का पक्ष रखा.
उन्होंने रिपोर्ट को तो ख़ारिज किया ही, साथ ही पाकिस्तान का नाम लिए बग़ैर उस पर हमला भी किया.
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ''ग़लत सूचनाएं वो लोग फैलाते हैं जिनका छुपाने का रिकॉर्ड रहा है जैसे ओसामा बिन लादेन सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ढूंढे जा रहे आंतकवादियों को पनाह देना और 26/11 के मुंबई हमले में अपनी भूमिका को छुपाने के असफल प्रयास करना.''
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ''एक ज़िम्मेदार लोकतंत्र होने के नाते भारत ग़लत सूचनाएं फैलाने का अभियान नहीं चलाता है. बल्कि, अगर आप ग़लत सूचनाएं देखना चाहते हैं तो सबसे अच्छा उदाहरण है पड़ोसी जो काल्पनिक और मनगढ़ंत डोज़ियर देता रहा है और लगातार फ़ेक न्यूज़ फैलाता रहा है.''
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