You’re viewing a text-only version of this website that uses less data. View the main version of the website including all images and videos.
बीजेपी नेता ने मंदिर परिसर में लंच पैकेट के साथ बंटवाई शराब
उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में एक मंदिर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बीजेपी नेता नरेश अग्रवाल की मौजूदगी में लंच पैकेट के साथ शराब की बोतल बांटने को लेकर विवाद शुरू हो गया है.
इस कार्यक्रम का आयोजन नरेश अग्रवाल के विधायक बेटे नितिन अग्रवाल ने किया था.
इस मामले में नरेश अग्रवाल और नितिन अग्रवाल कुछ भी कहने से बच रहे हैं लेकिन हरदोई से ही बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा ने इस पर गहरा ऐतराज़ जताते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है.
ये मामला रविवार का है जब शहर के प्राचीन श्रवण देवी मंदिर परिसर में पासी समाज का सम्मलेन आयोजित किया गया था. सम्मेलन का आयोजन हरदोई सदर से विधायक नितिन अग्रवाल ने किया था.
इस सम्मलेन में पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल भी मौजूद थे. बताया जा रहा है कि इसी कार्यक्रम में लोगों के बीच बांटे गए लंच पैकेटों में पूड़ी के साथ शराब की शीशी भी थी.
शराब की बोतल के साथ लंच पैकेट्स के न सिर्फ़ वीडियो वायरल हुए हैं बल्कि पूड़ियां खाते और शराब पीते हुए लोगों के वीडियो भी सामने आए हैं. यही नहीं, ये पैकेट्स कार्यक्रम में मौजूद बच्चों को भी दिए गए थे और बच्चे भी शराब की बोतल लिए वीडियो में दिख रहे हैं.
बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा ने क्या कहा?
घटना से तिलमिलाए स्थानीय सांसद अंशुल वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को शिकायती पत्र लिखा है.
पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा गया है, "6 जनवरी 2019 को मेरे संसदीय क्षेत्र (लोकसभा) हरदोई के प्राचीन धार्मिक स्थल श्रवण देवी मंदिर में बीजेपी नेता नरेश अग्रवाल द्वारा आयोजित पासी सम्मेलन के दौरान उपस्थित क्षेत्रवासियों को नाबालिग़ बच्चों के बीच लंच पैकट में शराब की शीशी का वितरण किया है. यह अत्यंत दुखद है कि जिस संस्कृति की हमारी पार्टी दुहाई देती है. हमारे नवआगंतुक सदस्य नरेश अग्रवाल उस संस्कृति को भूल गए हैं."
बीबीसी से बातचीत में अंशुल वर्मा ने कहा कि यदि पार्टी उनके ख़िलाफ़ कोई क़दम नहीं उठाती है तो वो और उनके पासी समाज के लोग इसके ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरेंगे.
अंशुल वर्मा बोले, "नरेश अग्रवाल ने हमारे पासी समाज का उपहास करते हुए जनपद के प्रख्यात शक्तिपीठ में शराब बांटने जैसा निंदनीय कार्य किया है. यदि इस प्रकार की पार्टी विरोधी गतिविधियों को पार्टी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया तो अपने समाज के हित में हम सड़कों पर भी उतरेंगे."
पत्र में अंशुल वर्मा ने सरकार से मांग की है कि इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का भी संज्ञान लिया जाए और यदि उनकी लापरवाही साबित होती है तो उनके ख़िलाफ़ भी कठोर विभागीय कार्रवाई की जाए.
बीजेपी मामले पर गंभीर
बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के बाद नरेश अग्रवाल और उनके बेटे हरदोई से बाहर चले गए. बीबीसी ने इस मामले में उन दोनों की प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की लेकिन दोनों ने ही इस पर कोई बात करने से मना कर दिया.
वीडियो से पता चलता है कि कार्यक्रम में आए लोगों को लंच पैकेट बांटने का निर्देश ख़ुद नरेश अग्रवाल और उनके बेटे दे रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने फ़िलहाल मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है लेकिन बताया जा रहा है कि पार्टी की राज्य इकाई ने इसे बहुत ही गंभीरता से लिया है.
कार्रवाई होगीः बीजेपी
राज्य बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बीबीसी से कहा, "माननीय सांसद अंशुल वर्मा की शिकायत और पार्टी अध्यक्ष को लिखा गया पत्र संज्ञान में आया है. इस तरह की गतिविधि में जो भी लिप्त पाया जाएगा, निश्चित तौर पर उसके ख़िलाफ़ पार्टी कार्रवाई करेगी. भारतीय जनता पार्टी इस तरह की संस्कृति का समर्थन नहीं कर सकती."
बीजेपी के हरदोई ज़िलाध्यक्ष सौरभ मिश्र ने बीबीसी को बताया कि इस कार्यक्रम से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है.
उन्होंने कहा, "जिस सम्मेलन में इस तरह के विवादित लंच पैकेट बांटने का मामला सामने आया है, वह सम्मेलन बीजेपी का कार्यक्रम नहीं था और न ही ऐसे किसी कार्यक्रम से बीजेपी का कोई लेना-देना है."
वहीं हरदोई के ज़िलाधिकारी पुलकित खरे का कहना है कि जातीय सम्मेलन के दौरान धार्मिक स्थल परिसर में शराब बांटने की शिकायत उन तक नहीं पहुंची है. यदि शिकायत मिलती है तो उसका संज्ञान अवश्य लिया जाएगा.
नरेश अग्रवाल का विवादों से नाता
नरेश अग्रवाल शराब को लेकर इससे पहले भी विवादों में आ चुके हैं. राज्य सभा सदस्य के तौर पर सदन के भीतर एक बार उन्होंने शराब के विभिन्न ब्रांड्स की तुलना भगवान राम, सीता और हनुमान से कर दी थी जिसे लेकर सदन में काफ़ी हंगामा हुआ था.
नरेश अग्रवाल तब समाजवादी पार्टी में थे और उस वक़्त बीजेपी उनकी इस टिप्पणी पर माफ़ी मांगने पर अड़ गई थी.
राज्य सभा में सदन के नेता अरुण जेटली तक ने उनके इस बयान पर सख़्त आपत्ति जताई थी. पिछले साल नरेश अग्रवाल ने उस वक़्त बीजेपी का दामन थाम लिया जब समाजवादी पार्टी ने उन्हें दोबारा राज्य सभा में भेजने से इनकार कर दिया था.
हालांकि उन्हें बीजेपी में शामिल करने पर पार्टी के लोगों ने नाराज़गी भी जताई थी लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के फ़ैसले के आगे कोई भी नेता ज़्यादा मुखर नहीं हो पाया.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)