कुलभूषण जाधव- ICJ ने भारत की दलील क्यों मानी? अब आगे क्या?

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अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतरिम रोक लगा दी है.
भारत ने विएना कनवेनशन के तहत काउंसुलर एक्सेस नहीं दिए जाने का हवाला दिया था और पाकिस्तान ने इस मामले के कोर्ट के अधिकार क्षेत्र से बाहर होने की दलील दी थी.
लेकिन अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कहा कि उसे इस मामले में सुनवाई करने का अधिकार है.
बीबीसी से बातचीत में अंतरराष्ट्रीय लॉ कमिशन के प्रमुख रहे नरिंदर सिंह ने फ़ैसले के अहम बिंदुओं के बारे में बताया:

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- अदालत ने भारत की सभी दलीलों स्वीकार किया है. अदालत ने कहा कि उसके पास इस मामले को सुनने का अधिकार है. अदालत ने ये भी स्वीकार किया कि भारत- पाकिस्तान के बीच विवाद है, उसे सुनने का अधिकार अदालत को है.
- अदालत ने माना कि कौन्सुलर एक्सेस के मामले में 2008 के समझौते के बावजूद पाकिस्तान ने भारत को कौन्सुलर एक्सेस नहीं दिया, इसलिए अदलत को अंतरिम फ़ैसला देने का हक़ है.
- भारत ने कहा है कि ये मानवाधिकार का मामला है, जिस पर अब अदालत मामले के मेरिट पर फ़ैसला करेगी.
- कुलभूषण का मामला भारत के लिए अलग है जिसमें समय काफ़ी कम था. मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय न्यायलय में ये मामला इसलिए उठाया क्योंकि पाकिस्तान इस पर टाल मटोल कर रहा था.
- अदालत का फ़ैसला आने के बाद पाकिस्तान का रुख़ बदल सकता है, जिसके आसार दिख रहे हैं.
- अदालत ने कहा है कि पाकिस्तान अभी कुलभूषण पर कोई कार्रवाई नहीं करे और पाकिस्तान के लिए ये फ़ैसला मानना ज़रूरी है.
- पाकिस्तान को ये भी बताना होगा कि इस फ़ैसले पर क्या कदम उठाए गए हैं.
- अंतरराष्ट्रीय अदालत ने फिलहाल ये नहीं देखा कि पाकिस्तान की अदालत का फांसी पर फ़ैसला सही है या नहीं.
- अब अदालत देखेगी कि विएना संधि के तहत कौन्सुलर एक्सेस न देने से कुलभूषण के मामले में बचाव का सही मौका मिला या नहीं.
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