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साहित्यकार नजीब महफ़ूज़ का निधन | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाज़े गए पहले अरब उपन्यासकार नजीब महफ़ूज़ का 94 वर्ष की आयु में क़ाहिरा में निधन हो गया है. नजीब महफ़ूज़ को एक महीना पहले सर में चोट लगने के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्होंने कुल 30 उपन्यास लिखे. वह मिस्र के राष्ट्रीय गौरव थे और यही कारण है कि घर-घर उनके नाम की चर्चा रही है. नजीब महफ़ूज़ पहले अरब लेखक थे जिन्हें साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला था. उन्हें 1988 में यह सम्मान मिला था. उसके बाद उनके बहुत से उपन्यासों को अंग्रेज़ी में अनुवादित किया गया. नजीब महफ़ूज़ सारे अरब देशों में काफ़ी लोकप्रिय थे. इसकी ख़ास वजह शायद उनके उपन्यासों पर बनने वाली फ़िल्में थीं. इसमें कोई संदेह नहीं कि वह 20वीं शताब्दी के सबसे बड़े अरब लेखक थे. नजीब महफ़ूज़ के उपन्यास चिल्ड्रंस ऑफ़ गेबेलावी पर मिस्र में प्रतिबंध लगा दिया गया था और उन पर ईश निंदा का आरोप लगाया गया . 1994 में उनके लेखन से क्रोधित होकर एक व्यक्ति ने उनकी गर्दन में छुरा भोंक दिया था लेकिन वे बच गए. नजीब महफ़ूज़ का कहना था कि एक लेखक का काम उन परिस्थितियों का चित्रण करना है जिन में वह रहता है और अगर परिस्थितियां बदल जाती हैं तो लेखक भी बदल जाते हैं. उनके उपन्यासों में मिस्र की राजधानी काहिरा के दैनिक जीवन का सुंदर चित्रण मिलता है. नजीब महफ़ूज़ का जन्म क़ाहिरा में 1911 में हुआ और उन्होंने 1934 में क़ाहिरा विश्वविद्यालय से दर्शन शास्त्र में स्नातक किया. | इससे जुड़ी ख़बरें हृषिकेश मुखर्जी का अंतिम संस्कार29 अगस्त, 2006 | मनोरंजन 'ट्रेन टू पाकिस्तान' ने तय की आधी सदी 22 अगस्त, 2006 | मनोरंजन हिंदी में भी लाखों लाख बिकता है10 सितंबर, 2005 | मनोरंजन | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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