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'कुछ अलग करके दिखाना है...' | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
नेहा धूपिया और ईशा कोप्पिकर ने अब तय किया है कि वे अपनी इस छवि से बाहर निकलने की कोशिश करेंगी कि वे केवल बिकिनी के बल पर ही दर्शकों को आकर्षित कर पाती हैं. और इसीलिए वे अब अभिनय की सबसे मुश्किल कही जाने वाली विधा को अपनाने जा रही हैं-यानी कॉमेडी. एकता कपूर की नई फ़िल्म 'क्या कूल हैं हम' में ये दोनों अभिनेत्रियाँ ऐसी हलकी-फुलकी भूमिकाओं में नज़र आने जा रही हैं जो लोगों के होठों पर मुस्कराहट ला दे. पिछले दिनों ईशा कोप्पिकर 'गर्लफ़्रेंड' में एक समलैंगिक चरित्र निभा कर सुर्ख़ियों में आ चुकी हैं और नेहा तो कई बार लोगों को चौंका चुकी हैं. नेहा अपनी नई फ़िल्म के बारे में कहती हैं, "सेक्स सिंबल से आगे बढ़ कर भी कुछ है. मुझे यक़ीन है यह फ़िल्म दर्शकों को ज़रूर पसंद आएगी". एकता ने फ़िल्म में हीरो की ज़िम्मेदारी अपने भाई तुषार कपूर को सौंपी है. निर्देशक होंगे संगीत सिवान और 'मस्ती' से चर्चा में आए ऋतिष देशमुख भी इसमें एक प्रमुख भूमिका निभाने जा रहे हैं. * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * एक और कॉमेडी फ़िल्म और कॉमेडी की ही बात हो रही है तो यह बतादें कि कॉमेडी फ़िल्मों के बादशाह कहे जाने वाले डेविड धवन की लंबे अर्से के बाद वापसी हो रही है.
उनकी नई फ़िल्म 'मुझसे शादी करोगी' रिलीज़ से पहले ही चर्चा में आ गई है. फ़िल्म की कास्ट भी ज़ोरदार है-सलमान ख़ान, अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा और अमरीश पुरी. फ़िल्म में एक प्रेम त्रिकोण है-लेकिन लीक से ज़रा हट कर. एक अन्य आकर्षण हैं राजपाल यादव. दो जुड़वाँ भाइयों के रोल में दर्शक उन्हें भूल नहीं पाएँगे. डेविड धवन की पिछली फ़िल्मों, 'हीरो नंबर वन', 'बीवी नंबर वन' और 'हसीना मान जाएगी' को दर्शकों ने हाथोंहाथ लिया था. इस फ़िल्म से भी उन्हें बहुत उम्मीदें हैं. * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * * 'सिर्फ़ दिसंबर तक...' 'जॉगर्स पार्क' रिलीज़ होने के बाद लगने लगा था कि पेरीज़ाद ज़ोराबियन एक लोकप्रिय स्टार के तौर पर अपनी पहचान बना लेंगी.
लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. फ़िल्म हिट रही. उनके अभिनय को भी सराहा गया. लेकिन बस, इतना ही. 'बॉंबे कॉलिंग' से रुपहले परदे पर क़दम रखने वाली पेरीज़ाद को इस बात से बहुत हताशा महसूस हो रही है कि उनके पास ऐसे ऑफ़र नहीं हैं जो कुछ अलग हट कर करने का मौक़ा दें. अब उन्होंने ख़ुद को एक डेडलाइन दी है- दिसंबर, 2004 वह कहती हैं, "अगर दिसंबर तक मेरे पास कोई ढंग के ऑफ़र नहीं आए तो मैं फ़िल्मों को अलविदा कह दूँगी". पेरीज़ाद ज़ोराबियन ने विदेश में एमबीए की डिग्री हासिल की है इसलिए उनके लिए नौकरियों की कमी तो होनी नहीं चाहिए. |
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