दूसरों को मौके दे रहें है उदित नारायण

    • Author, श्वेता पांडेय
    • पदनाम, मुंबई से, बीबीसी हिंदी डॉट कॉम के लिए

रेडियो नेपाल से अपने करियर की शुरुआत करने वाले उदित नारायण बॉलीवुड के उन चंद गायकों में शुमार हैं जिन पर किसी और गायक की छाप नहीं है.

लेकिन 25 सालों तक लगातार बॉलीवुड में पार्श्‍व गायकी करने वाले उद‍ित इन दिनों फ़िल्मों से दूर ही हैं.

बीबीसी से हुई एक ख़ास मुलाक़ात के दौरान उदित ने बताया कि इन दिनों वो एक ऐसे 'ब्रेक' पर हैं जो सभी गायकों को मिलता है.

दूसरों को मौका

फ़िल्म क़यामत से क़यामत की टीम में नज़र आ रहे हैं आर डी बर्मन, उदित नारायण, अल्का यागनिक़ और युवा आमिर, जूही और बालक ईमरान ख़ान

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इमेज कैप्शन, फ़िल्म क़यामत से क़यामत की टीम में नज़र आ रहे हैं आर डी बर्मन, उदित नारायण, अल्का यागनिक़ और युवा आमिर, जूही और बालक ईमरान ख़ान

1988 में फ़िल्‍म ‘क़यामत से क़यामत’ के गाने ‘पापा कहते हैं’ से उदित नारयण ने जो बुलं‍दियों की सीढ़ियां चढ़ना शुरू किया, तो फ‍िर रुकने का नाम नहीं लिया.

90 के दशक में कुछ गिने चुने गायकों की ही आवाज़ सुनाई देती थी जिनमें से एक उदित भी थे.

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लेक‍िन साल 2008 में फ़िल्म 'टशन' में गाए उनके गाने 'फ़लक तक चल साथ मेरे' के बाद उन्होनें किसी बड़ी फ़िल्म में लीड गाना नहीं गाया है.

उनकी गायकी में कुछ वक़्त से लगे इस ब्रेक पर वो कहते हैं, “यह ब्रेक तो भगवान की मर्ज़ी है. 25 सालों तक गाने के बाद अब दूसरे गायकों को लोग मौक़े दे रहे हैं तो इसमें बुरा क्या है ?."

सौ रुपए की नौकरी

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नेपाल और भारत के बॉर्डर के एक छोटे से गांव में पैदा हुए उद‍ित को रेड‍ियो से शुरू से लगाव था.

किसान परिवार से आए उदित को गाने में लाने के लिए रेेडियो ही ज़िम्मेदार था, "उस समय लोगों के पास रेड‍ियो ही हुआ करते थे और मैं जब भी उसमें गाना सुनता तो सोचता कि इस छोटे से बक्‍से के अंदर लोग कैसे चले जाते हैं. मैं भी एक दि‍न इसके अंदर जाऊंगा.”

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हालांकि गायकी में जाने के लिए परिवार की ओर से विरोध झेलना पड़ा फिर भी उदित ने हाई स्कूल के बाद काठमांडू के सरकारी रेड‍ियो स्‍टेशन में 100 रुपए प्रत‍िमाह की नौकरी के लिए आवेदन किया और वो उन्हें मिली भी.

वो कहते हैं, "रेडियो के 100 रूपयों से ही मैंने इंटरमीडियट की पढ़ाई पूरी की और इसी दौरान भारत सरकार की ओर से संगीत की छात्रवृत्‍त‍ि मिली और मैं भारत आ गया."

अब बेटे पर ध्यान

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उदित मानते हैं कि अब मनोरंजन इंडस्ट्री में इतना काम हो रहा है कि पहले के मुक़ाबले काम जल्दी मिल जाता है.

उदित कहते हैं, "आजकल तो रिएलिटी शो में जज बनकर या फिर गेस्ट के तौर पर जाकर भी काम किया जा सकता है."

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अपने बेटे आदित्य को उदित एक गायक-अभिनेता बनाना चाहते हैं क्योंकि उनके हिसाब से आजकल ज़माना पैकेज डील का ही है, "आजकल आदित्य पैकेज बनने की ओर अग्रसर है, वो अच्‍छा गायक है, एक्‍ट‍िंग भी उसे आती है साथ ही उसने एंकरिंग भी की है."

उदित का मानना है कि जब आदित्य पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे तब वो अपने पुराने दोस्तों को याद करेंगे ताकि आदित्य को बड़ा ब्रेक मिल सके.

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