बाहुबली, मक्खी से दक्षिण भारतीय फ़िल्मों को अलग पहचान दिलाने वाले एस एस राजामौली

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- Author, सुप्रिया सोगले
- पदनाम, बीबीसी हिंदी के लिए
'बाहुबली' का ज़िक्र होते ही अभिनेता प्रभास का नाम दर्शकों के ज़हन में आ जाता है. लेकिन प्रभास को बाहुबली बनाने के श्रेय जाता है निर्देशक एस एस राजामौली को. आज उनका जन्मदिन है.
राजामौली आज 48 वर्ष के हो गए हैं. दक्षिण भारतीय स्क्रीनराइटर के वी विजयेंद्र प्रसाद के घर जन्मे एस एस राजामौली का पूरा नाम कोदूरि श्रीसैला श्री राजामौली है. 10 अक्टूबर 1973 को जन्मे एस एस राजामौली ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत 2001 में बनी तेलुगू फ़िल्म 'स्टूडेंट नंबर 1' से की, जिसमें जूनियर एनटीआर ने अभिनय किया था.
साल 2004 में उनकी फ़िल्म 'सई' आई जिसमें अभिनेता नितिन और जेनेलिया डिसूज़ा नज़र आये. रग्बी खेल से जुड़ी ये फ़िल्म तेलुगू इंडस्ट्री के लिए बिलकुल अलग थी.
साल 2006 में उन्होंने अभिनेता रवि तेजा के साथ 'विक्रमार्कुदु' नाम की फ़िल्म बनाई जो बहुत ही सफ़ल हुई. 2012 में इसकी हिंदी रीमेक 'राऊडी राठौड़' फ़िल्म में अक्षय कुमार नज़र आये. फ़िल्म बहुत सफल रही.

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फ़िल्म 'मक्खी' और 'सन ऑफ़ सरदार' की कहानी
तेलुगु फ़िल्म इंडस्ट्री में एक के बाद एक हिट देने वाले एस एस राजामौली को दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों में भी पहचान मिली. साल 2012 में आई फ़िल्म 'ईगा' से जिसे हिंदी में 'मक्खी' नाम से डब किया गया. इस फ़िल्म में सुमंथा अक्किनेनी और कन्नड़ा फ़िल्म के स्टार सुदीप नज़र आये थे.
फ़िल्म समीक्षक रमेश बाला के मुताबिक ये पहली बार था कि एस एस राजामौली की किसी फ़िल्म ने तेलुगू भाषी राज्य के अलावा तमिल, कन्नड़ और मलयालम भाषी राज्य में अपनी फ़िल्मों से दबदबा बनाया.
एक पत्रकार सम्मलेन में अजय देवगन ने बताया था कि 2012 में उनकी फ़िल्म 'बोल बच्चन' रिलीज़ हुई तो दक्षिण भारत से कलेक्शन कम आया क्योंकि वहां 'ईगा' नामक फ़िल्म का बहुत दबदबा था. अजय देवगन ने 'मक्खी' फ़िल्म की हिंदी डब में अपनी आवाज़ भी दी. उन्होंने एस एस राजामौली की तेलुगू फ़िल्म 'मर्यादारमना' रीमेक हिंदी में बनाई जिसका नाम था 'सन ऑफ़ सरदार.'
फ़िल्म विश्लेषक अतुल मोहन ने बताया की उस दौरान डब फ़िल्मों का चलन नहीं था तो थिएटर में कमाई इतनी ख़ास नहीं हुई लेकिन टीवी पर 'मक्खी' फ़िल्म आज भी बहुत देखी जाती है.
फ़िल्म समीक्षक रमेश बाला का कहना है कि 'ईगा' फ़िल्म के बाद राजामौली को एक ऐसे निर्देशक के रूप में देखा जाने लगा जो लीक से हटकर सिनेमा बनाते हैं.

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बाहुबली का करिश्मा
2015 में 'बाहुबली- द बिगिनिंग' तेलुगू सिनेमा की सबसे बड़ी फ़िल्म बनी. इस दौरान दक्षिण भारत की फ़िल्में 100 करोड़ की कमाई करना शुरू कर चुकी थीं पर अपने क्षेत्र तक ही सीमित थी. 'बाहुबली' निर्माताओं के लिए पहला भाग बहुत बड़ा जोख़िम था. एक क्षेत्रीय फ़िल्म का पैमाना बढ़ गया था और करण जौहर फ़िल्म से जुड़ गए थे.
ये साझेदारी सफल साबित हुई. अतुल मोहन के मुताबिक किसी ने 'बाहुबली' के पहले भाग की इतनी सफलता का अंदेशा नहीं लगाया था.
इस फ़िल्म से जुड़ी एक ख़ास बात ये भी है कि इसकी कहानी राजामौली के पटकथा लेखक पिता ने ही लिखी है.
180 करोड़ की लागत की इस फ़िल्म ने बॉक्स ऑफिस के रिकॉर्ड तोड़ 500 करोड़ से अधिक की कमाई की. पहली बार किसी क्षेत्रीय फ़िल्म ने अपने क्षेत्र से बाहर इतनी कमाई की थी.

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दूसरे भाग ने भी तोड़ा रिकॉर्ड
फ़िल्म के दूसरे भाग का इंतज़ार दर्शकों को बेसब्री से इंतज़ार था. दो साल बाद जब फ़िल्म का दूसरा भाग अलग अलग भाषाओं (तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम और कई विदेशी भाषा) में डब किया गया. फ़िल्म ने भारत के साथ साथ विदेशों में कमाई के रिकॉर्ड तोड़े. फ़िल्म ने क़रीब 1,800 करोड़ रुपये की कमाई की.
अतुल मोहन का कहना है कि 'बाहुबली' की जो भव्यता थी, वो भारतीय सिनेमा में पहले कभी नहीं देखी गई. इससे पहले हॉलीवुड की फ़िल्मों में ही ऐसी भव्यता नज़र आई है जैसे हैरी पॉटर, ग्लैडिएटर, लॉर्ड ऑफ़ रिंग्स. 'बाहुबली' में सारी भव्यता भारतीय थीम पर थी इससे दर्शक और जुड़ गए.
रमेश बाला निर्देशक एस एस राजामौली के निर्देशन स्टाइल पर कहते हैं, "एस एस राजामौली का निर्देशन बहुत ही अनोखा है. उनकी 9 फ़िल्मों के बाद उन्हें नवरत्न के नाम से जाना जानने लगा. उन्हें अपनी हर फ़िल्मों में अपनी एक छाप छोड़ी है."

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रमेश बाला कहते हैं, "90 के दशक में मणि रत्नम की 'रोज़ा' और कमल हसन की 'इंडियन' बतौर क्षेत्रीय फ़िल्म होने के बावजूद दूसरे भाषाई इलाकों में अच्छी कमाई की है पर 'बाहुबली' का पैमाना ही दूसरा था."
"दक्षिण भारत में हीरो का दबदबा हमेशा रहा है और वो अक्सर ख्याति प्राप्त करते हैं. फ़िल्म की सफलता के बाद अक्सर निर्देशक पीछे रह जाते हैं. इसके बावजूद निर्देशक राजामौली ने अपने फ़िल्मों के ज़रिये अपनी छाप छोड़ी है जिसे दर्शकों से मान्यता मिली है."
रमेश बाला मानते हैं कि 'बाहुबली' ने दक्षिण भारतीय फ़िल्मों के लिए दरवाज़े खोल दिए हैं. अब कई पैन इंडिया फ़िल्में बन रही हैं और उन्हें भारतीय फ़िल्म कहकर पुकारा जा रहा है.
साल 2022 में राजामौली की फ़िल्म 'RRR' आ रही है जिसमे वो जूनियर एनटीआर और राम चरण साथ नज़र आएंगे. फ़िल्म में अजय देवगन और आलिया भट्ट भी अहम भूमिका में दिखेंगे.
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